बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित धर्मांतरण और मानव तस्करी प्रकरण में गिरफ्तार की गई दो ननों की जमानत याचिका पर आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की बहस के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, जो अब अगली सुनवाई में सुनाया जाएगा।
क्या है मामला?👇

NIA के अनुसार, दुर्ग रेलवे स्टेशन से पकड़ी गई दोनों नन दो आदिवासी नाबालिग लड़कियों को कथित रूप से धर्मांतरण की नीयत से आगरा ले जा रही थीं। एजेंसी ने इसे एक सुनियोजित मानव तस्करी व धर्मांतरण प्रयास बताया है।
NIA का पक्ष:👇
ननों की जमानत का कड़ा विरोध किया गया।एजेंसी ने कहा कि मामला गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है, और जांच प्रभावित हो सकती है।
नाबालिग लड़कियों की सुरक्षा और धर्मांतरण की योजना को लेकर पुख्ता सबूत होने का दावा किया गया।
बचाव पक्ष का पक्ष:👇
सभी आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन बताया।
यह भी कहा गया कि कोई ठोस साक्ष्य नहीं है, जिससे यह सिद्ध हो कि धर्मांतरण के लिए ले जाया जा रहा था।
ननों के सामाजिक कार्य और धार्मिक जीवन का हवाला देते हुए जमानत की मांग की गई।
दुर्ग अदालत पहले ही कर चुकी है जमानत याचिका खारिज👇
इससे पहले दुर्ग जिला न्यायालय ने भी दोनों ननों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद यह याचिका NIA की विशेष अदालत में दायर की गई।
अब अगली सुनवाई पर टिकी निगाहें👇
चूंकि यह मामला धर्मांतरण और बाल अधिकारों से जुड़ा है, इसलिए पूरे प्रदेश में इसे लेकर संवेदनशीलता बनी हुई है। अगली सुनवाई में फैसला आने की उम्मीद है।