रायपुर – भूपेश कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री निवास में खत्म हो चुकी है। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। कैबिनेट की बैठक में जलजीवन मिशन का भी मामला रखा गया। इस पर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जल जीवन मिशन के सभी टेंडर निरस्त होंगे। टेंडर 10 हजार करोड़ का था। इसमें कई अनियमितता और गड़बड़ियां सामने आई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से शिकायत की गई थी। बैठक में भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा ‘जल जीवन मिशन‘ के क्रियान्वयन के संबंध में निर्णय लिया गया कि-जल जीवन मिशन के संपूर्ण टेण्डर (ईओआई) को निरस्त करके भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाए।
बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत कार्य आबंटन प्रक्रिया के संबंध में प्राप्त हो रही विभिन्न शिकायतों को गंभीरता से लिया था। उन्होंने शिकायतों के परीक्षण के लिए मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव वित्त और सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की तीन सदस्यीय टीम गठित की। जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों के घरों में वर्ष 2024 तक पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान में जल जीवन मिशन में लगभग 7 हजार करोड़ रूपए के कार्यो के आबंटन की प्रक्रिया प्रगति पर है।