जगदलपुर। बस्तर क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी संगठन को एक और बड़ा झटका लगा है। दक्षिण बस्तर में माओवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाला 8 लाख रुपये के इनामी माओवादी मंदा रूबेन उर्फ कन्नन्ना उर्फ मंगन्ना (67 वर्ष) ने तेलंगाना पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।
बताया जा रहा है कि बिगड़ती सेहत और बढ़ती उम्र, साथ ही संगठन में अंदरूनी असंतोष के चलते मंदा रूबेन ने मंगलवार को वारंगल के पुलिस आयुक्त सनप्रीत सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण के बाद पुलिस विभाग ने उन्हें पुनर्वास नीति के तहत राहत राशि का चेक सौंपा।
👉वरिष्ठ पद पर था रूबेन
मंदा रूबेन दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी का सचिव और साथ ही दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य भी था। वह कई वर्षों से माओवादी गतिविधियों का नेतृत्व कर रहा था और कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा है।
👉बस्तर पुलिस और सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई का असर
माओवादी नेटवर्क पर साफ नजर आ रहा है। वर्ष 2025 में अब तक- 421 माओवादी गिरफ्तार, 410 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। 137 माओवादी मुठभेड़ों में मारे गए। वहीं यदि 01 जनवरी 2024 से लेकर अब तक की बात करें, तो, 924 माओवादी गिरफ्तार। 599 ने आत्मसमर्पण किया। 195 माओवादी मारे गए।
इन आंकड़ों से साफ है कि सुरक्षा बलों की सघन कार्रवाई और सरकार की पुनर्वास नीति के चलते माओवादियों का मनोबल लगातार टूट रहा है और कई बड़े नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का रास्ता अपना रहे हैं।
👉पुलिस का बयान
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को शासन की पुनर्वास नीति के तहत आर्थिक सहायता, आवास, शिक्षा और रोजगार जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। इससे प्रभावित होकर कई अन्य माओवादी भी आत्मसमर्पण की ओर बढ़ रहे हैं।