कोरबा । कोरबा जिले में एनटीपीसी द्वारा राजस्व विभाग को दी गयी क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान में हो रही देरी से नाराज ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। राखड़ प्रभावित ग्राम धनरास के सैकड़ों ग्रामीण, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, एसडीएम कार्यालय पहुंच राजस्व विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

ग्रामीणों का आरोप है कि एनटीपीसी प्रबंधन ने एक साल की क्षतिपूर्ति राशि दो महीने पहले ही राजस्व विभाग को दे दी थी, लेकिन यह राशि अब तक हितग्राहियों तक नहीं पहुंची है। पहले यह राशि सीधे ग्राम पंचायत के खाते में जमा की जाती थी, लेकिन इस बार यह विभाग के पास अटकी हुई है।
ग्रामीणों ने दीपावली से पहले राशि जारी करने की मांग करी है। उनका कहना है कि त्यौहार नजदीक है और मुआवजा न मिलने से ग्राम में आर्थिक संकट की स्थिति बन गई है। ग्रामीणों ने बताया कि एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा हर साल क्षतिपूर्ति राशि दी जाती थी। इस बार भुगतान में देरी के कारण उन्हें आंदोलन करना पड़ा ढ्ढ उन्होंने यह भी बताया कि पहले यह राशि सरपंच और पंच को दी जाती थी, जो इसे प्रभावित लोगों में बांटते थे। अब यह सीधे प्रभावितों के खाते में जाती है, लेकिन इस बार उन्हें राशि नहीं मिली है।
एक अन्य ग्रामीण ने आरोप लगाते हुए बताया कि एनटीपीसी द्वारा डंप की जाने वाली राखड़ से होने वाले प्रदूषण का खामियाजा वे भुगत रहे हैं और बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। इसी प्रदूषण की क्षतिपूर्ति के रूप में यह राशि दी जाती है, लेकिन इस बार इसका भुगतान नहीं किया गया है। ग्रामीणों के अनुसार, उन्हें 6 से 7 हजार रुपए तक की राशि मिलती है, जिसका उपयोग वे अपनी बीमारियों के इलाज में करते हैं। कटघोरा एसडीएम तन्मय खन्ना ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि धनरास के लोगों को राखड़ का जो मुआवजा मिलता है, वह पहले नकद दिया जाता था। कुछ परेशानियों के कारण पूर्व अधिकारियों द्वारा यह निर्णय लिया गया कि बैंक विवरण लेकर राशि सीधे उनके खाते में डाली जाएगी, जो तहसील कार्यालय से ही भेजी जाएगी। एसडीएम ने आगे बताया कि अब तक 1100 से अधिक लोगों के बैंक विवरण जमा हुए हैं और सिस्टम में एंट्री करने में समय लग रहा था। उन्होंने एनटीपीसी प्रबंधन और तहसीलदार से बात की है और आश्वासन दिया है कि सभी विवरण लेकर दीपावली से पहले ग्रामीणों के खातों में राशि जमा कर दी जाएगी।