CGPSC घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने टामन सोनवानी के बेटे समेत इन आरोपियों को दी जमानत

रायपुर/नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाया। अदालत ने कई आरोपियों को जमानत दे दी, जिनमें टामन सोनवानी के बेटे साहिल सोनवानी, नितेश सोनवानी, बजरंग स्पात कंपनी के निदेशक के पुत्र, शशांक गोयल और भूमिका कटियार शामिल हैं।

👉सुप्रीम कोर्ट में पैरवी

इस मामले की सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा, सिद्धार्थ अग्रवाल और शशांक मिश्रा ने पैरवी की।

👉CGPSC घोटाले का मूल मामला

यह मामला CGPSC परीक्षाओं में कथित धांधली और अनियमितताओं से जुड़ा है। जांच एजेंसियों के अनुसार, आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, आरती वासनिक, ललित गणवीर समेत कई अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया। आरोप है कि उन्होंने परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक कर अपने रिश्तेदारों और परिचितों को अनुचित तरीके से पास करवाया। इनमें से कई उम्मीदवार बाद में डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य उच्च प्रशासनिक पदों पर नियुक्त हुए।

👉जांच और आरोप

राज्य सरकार ने फरवरी 2024 में यह मामला सीबीआई को सौंपा। सीबीआई ने जुलाई 2023 में 2020-2022 के बीच हुई CGPSC परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और पक्षपात की जांच शुरू की थी। आरोप है कि पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने नियमों में बदलाव कर अपने भतीजों को लाभ पहुंचाया। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया के नियमों में ‘रिश्तेदार’ शब्द को ‘परिवार’ से बदल दिया ताकि अपने संबंधियों को चयन का रास्ता आसान किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद मामले (CGPSC Scam) में आरोपियों को फिलहाल राहत मिली है, जबकि जांच प्रक्रिया और कोर्ट की सुनवाई जारी रहेगी।