रायपुर । छत्तीसगढ़ में चर्चित कोल लेवी घोटाले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू टीम ने 11 दिसंबर को राकेश कुमार जैन को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई अवैध कोल लेवी वसूली से जुड़े मामले में दर्ज अपराध क्रमांक 3/2024 के तहत की गई है। मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएँ और भारतीय दंड संहिता की 120बी, 384 और 420 शामिल हैं।
जांच में सामने आया कि राकेश कुमार जैन ने कथित तौर पर फर्जी कंपनियों का नेटवर्क खड़ा कर करोड़ों रुपये की लेयरिंग की। ईओडब्ल्यू के अनुसार, अवैध वसूली की राशि हवाला के जरिये उन लोगों तक भेजी गई, जिन पर इस घोटाले में संलिप्त होने का आरोप है। इसके बदले जैन को कमीशन मिलता था।

जांच अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी ने करीब 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि को फर्जी कंपनियों के माध्यम से ट्रांजैक्शन दिखाकर नकद में निकाला और उसे मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी तक पहुँचाया। इसके अलावा, लिकर मामले से जुड़े आरोपी अनवर ढेबर के लिए भी कथित तौर पर घोटाले की रकम को “एंट्री” के जरिए वैध दिखाने का काम किया गया। इस हिस्से की जांच अभी जारी है।
जांच में यह भी पाया गया कि जैन ने अपने नाम और अपने साले के नाम पर दर्जन भर से ज्यादा कंपनियाँ बनाईं। साथ ही, अपने संपर्कों और कर्मचारियों के नाम पर बनी कंपनियों के जरिये भी लेन-देन किए जाते थे।
राकेश कुमार जैन पहले भी धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में आरोपी रह चुका है और लंबे समय से फरार था। उसके खिलाफ रायपुर के कोतवाली थाने में अपराध क्रमांक 325/22 और 346/23 तथा मौदहापारा थाने में अपराध क्रमांक 252/22 दर्ज हैं।
12 दिसंबर को आरोपी को विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), रायपुर में पेश किया गया, जहाँ अदालत ने उसे 19 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया। ईओडब्ल्यू उसकी पूछताछ और साक्ष्य एकत्र करने की कार्रवाई कर रही है।
