KORBA : कूप कटाई के नाम पर मनमानी कर जंगल उजाड़ने का आरोप ,नाराज ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट, DFO कार्यालय का किया घेराव ,वन विभाग पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप ….

कोरबा । कोरबा के पसरखेत रेंज में कूप कटाई के नाम पर अंधाधुन पेड़ो की कटाई का मामला गरमाने लगा है। नाराज ग्रामीणों ने आज कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया। कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के बाद नाराज ग्रामीणों ने डीएफओं कार्यालय का घेराव कर वन विभाग और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये। आपको बता दे पिछले एक सप्ताह से इस क्षेत्र के आधा दर्जन गांव के ग्रामीण कूप कटाई का विरोध कर रहे है।

गौरतलब है कि कोरबा वनमंडल के पसरखेज रेंज में कूप कटाई को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीणों के विरोध के बाद पिछले दिनों पुलिस ने 50 ग्रामीणों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया था। जिसके बाद ग्रामीणों को गुस्सा और भड़क गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जंगल में वन विभाग द्वारा गलत तरीके से पेड़ों का चिन्हांकन कर बड़े पैमाने पर पेड़ो की कटाई कर रहे है।

इसी बात को लेकर ग्रामीणों ने पिछले दिनों कूप कटाई में लगे मजदूरों से कुल्हाड़ी और आरी छिनकर काम बंद करा दिया था। ग्रामीणों के इस उग्र विरोध प्रदर्शन के बाद वन विभाग की शिकायत पर पुलिस ने 50 ग्रामीणों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। जिसे लेकर ग्रामीणों का गुस्सा और भड़क गया है। लिहाजा पसरखेत रेंज से लगे गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने आज कलेक्टर कार्यायल का घेराव कर दिया। कलेक्टर कुणाल दुदावत ने ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी श्किायत को सुनी। जिसके बाद नाराज ग्रामीणों ने कोरबा डीएफओं कार्यालय का घेराव कर दिया गया।

👉ग्रामीणों ने वन विभाग और पुलिस पर लगाये गंभीर आरोप

कूप कटाई का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि उन्हे कूप कटाई से कोई आपत्ति नही है। लेकिन वन विभाग की टीम जिस तरह से बड़े पैमाने पर पेड़ो की कटाई कर बड़ा मैदान बनाया जा रहा है, उससे उन्हे जल-जंगल और जमीन की चिंता सताने लगी है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उनके विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उन ग्रामीणों के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया है, जो कि जंगल में विरोध प्रदर्शन करने नही गये थे।

ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने केवल गांव के एक बुजुर्ग के खिलाफ फर्जी रिपोर्ट दर्ज किया है,बल्कि गांव की मितानिन के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया है, जो कि घटना के दिन एक प्रसूता को लेकर जिला चिकित्सालय गयी हुई थी। पुलिस की इस कार्रवाई और वन विभाग की मनमानी को लेकर ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों ने फर्जी एफआईआर को तत्काल वापस लेने की मांग की है।

👉ग्रामीणों को सताने लगा कोयला खदान का डर

पसरखेत रेंज में कूप कटाई के नाम पर जिस तरह से पेड़ो की कटाई की जा रही है। उससे ग्रामीणों को कोयला खदान खुलने की चिंता सताने लगी है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग द्वारा जिस तरह से कूप कटाई के नाम पर बड़े पैमाने पर पेड़ो की कटाई कराई जा रही है, उससे उन्हे आने वाले दिनों में क्षेत्र में कोयला खदान खुलने का डर सताने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हे कूप कटाई से कभी भी आपत्ति नही है, लेकिन जिस तरह से अंधाधुन कटाई कर पूरे जंगल को खुले मैदान में तब्दील किया जा रहा है, वह गलत है।

👉DFO ने कहा…पिछले साल भी ग्रामीणों ने जताया था विरोध

कोरबा वनमंडलाधिकारी प्रेमलता यादव ने बताया कि पसरखेत रेंज में कूप नंबर 1 पिछले वर्ष कटना था। और इस वर्ष कूप नंबर 2 कटना था। पिछले वर्ष भी ग्रामीणों ने कूप कटाई का विरोध किया था। डीएफओं ने बताया कि ग्रामीणों का आरोप है कि कूप कटाई के लिए पेड़ो की मार्किंग सही नही है। लेकिन मार्किंग पिछले साल भी हुई थी और इस साल भी किया गया है। मार्किंग वर्किंग प्लान के मुताबिक किया गया है। उन्होने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत को ध्यान में रखते हुए एक बार फिर मार्किंग की जांच करायी जायेगी।

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