5 दुकानों में खाद्य सुरक्षा विभाग ने मारा छापा ,लिए सैम्पल
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा – दीपावली का पर्व नजदीक आते ही मिलावटखोरों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यवाई शुरू हो गई है । गुरुवार को मेन रोड कोरबा स्थित 5 दुकानों में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने औचक छापामारी कर खाद्य पदार्थों के नमूने लिए हैं । जिसे जांच के लिए फूड टेस्टिंग लेबोरेटरी रायपुर भेज दिया गया है । जांच रिपोर्ट अमानक पाए जाने पर सम्बन्धितों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाई की जाएगी।
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हर खुशियों को अपनों के साथ सेलिब्रेट करने के लिए मीठे की जरूरत होती है । मिठाईयां रिश्तों में भी मिठास घोलती हैं । यही वजह है कि साल भर मिठाइयों की पूछ परख बनी रहती है । रक्षाबंधन ,दीपावली ,होली ,न्यू ईयर ,जैसे पर्व एवं विशेष अवसरों पर तो मिठाइयों की सर्वाधिक मांग रहती है । लेकिन सवा 15 लाख की आबादी को शुद्ध खोवे की मिठाई की आपूर्ति कर पाना संभव नहीं है । इतनी बड़ी मात्रा में जिले में दूध का भी उत्पादन नहीं होता । लिहाजा मिठाई बनाने के लिए मिष्ठान संचालक नकली खोवे का इस्तेमाल करते हैं । नकली खोवे से बनी मिठाईयां स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह रहती हैं ।इसके अलावा पर्व में मिठाइयों की बढ़ती मांग को देखते हुए गुणवत्ता को नजरअंदाज कर सीमित समय में बड़ी मात्रा में मिठाई तैयार कर बेचा जाता है । इस दौरान साफ सफाई के मानकों का भी ख्याल नहीं रखा जाता । शासन ने इन सब गतिविधियों को रोकने गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ की बिक्री सुनिश्चित करने खाद्य सुरक्षा विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है । विभाग ने भी दीपावली के पूर्व मिठाई दुकानों की जांच शुरू कर दी है । गुरुवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी आर आर देवांगन ,विकास भगत ने शहर के मेन रोड कोरबा स्थित कृष्णा डेयरी ,अलंकार स्वीट्स ,भारती ट्रेडर्स,प्रीतम जनरल स्टोर्स एवं मां कृपा ट्रेडर्स की जांच की गई । कृष्णा स्वीट्स से पेंडा का सैंपल लिया गया । जिसे जांच के लिए रायपुर स्थित फूड टेस्टिंग लेबोरेट्री भेज दिया गया है । खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट अमानक पाए जाने पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 में निहित प्रावधानों के तहत कार्यवाई की जाएगी ।
औपचारिकता बन जाती है कार्यवाई
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को केवल सेम्पलिंग का अधिकार है ।जुर्माना की कार्यवाई राजस्व अधिकारी करते हैं । एडीएम कोर्ट में चालान प्रस्तुत करने के बाद कार्यवाई होती है । वहीं लिए गए सैम्पल की रिपोर्ट आने में भी 10 से 15 दिन लग जाते हैं उदाहरण के लिए टीम ने 6 नवंबर को किसी किसी मिठाई दुकान में सेम्पलिंग की तो उसकी रिपोर्ट दीपावली के बाद आएगी । निश्चित तौर पर तब तक उस सैम्पल की मिठाईयां बिक चुकी होंगी । प्रशासन को मिलावटखोरों के खिलाफ कार्यवाई के लिए संयुक्त टीम बनानी चाहिए । राजस्व अधिकारियों के नेतृत्व में गठित टीम को सैंपलिंग के साथ जुर्माना और खराब खाद्य पदार्थ को मौके पर ही जब्त कर डिस्पोज कराए जाने के अधिकार दिए जाएं तभी सही मायने में मिलावटखोरों पर नकेल लगाने में कामयाबी मिलेगी । हालांकि पूर्व में समय समय पर इस तरह की टीम गठित की जा चुकी है ।