माता पिता जेल में काट रहे 3 साल की सजा ,पुलिस अधीक्षक ने नहीं होने दिया बेसहारा ,निभाया पालक का फर्ज,4 मासूमों को बालिका गृह में कराया दाखिल

शिक्षक एवं प्रेरक बन पढ़ाया जीवन जीने की कला।
महापुरूषो की जीवनी सुनाकर समझाया सफल होने का मंत्र

कोरबा । पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने जेल में सजा काट रहे बंदी के 4 नाबालिक बच्चो को उचित संरक्षण हेतु बालिका गृह में भेजकर एक बार फिर से संवेदनशील पुलिस अधिकारी होने का परिचय दिया है। बालिका गृह के डायरेक्टर के साथ बालिका गृह का निरीक्षण कर बालिका गृह में रह रही बालिकाओं को शिक्षक बनकर पढ़ाया और सम्मान जनक जीवन जीने के संबंध में नैतिक शिक्षा दी। साथ ही बालिकाओं का कुशलक्षेम पूछकर उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने का आश्वासन दिया।

पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल को सूचना मिली थी कि न्यू रेल्वे कॉलोनी निवासी एक परिवार के माता-पिता को धोखाधड़ी के प्रकरण में 3 वर्ष की सजा हुई है, जो जेल में सजा काट रहे हैं, जिनके 5 नाबालिक बच्चे है । घर में संरक्षक न होने से उनके जीवनयापन एवं संरक्षण में गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने उपरोक्त सूचना पर अपने मातहतो को भेजकर जानकारी लिया । जिसमें पाया गया कि न्यू रेल्वे कॉलोनी निवासी एक परिवार में पति-पत्नि दोनो को 3 वर्ष की सजा हुई है, दंपति के कुल 6 संतान है जिसमें एक लड़का और पांच लड़कियॉ है। सबसे बड़ी लड़की बालिक है जो रायपुर में किसी कंपनी में प्राईवेट जॉब करती है, हॉस्टल में रहती है, उसके पास सभी बच्चों को अपने साथ रखने की सुविधा नही है। इनका भाई करीब 17 वर्ष का है जो अपने मौसा जी के साथ रहना चाहता है, किन्तु शेष 4 नाबालिक बच्चियों के उचित संरक्षण एवं देखभाल की व्यवस्था नही है।
पुलिस अधीक्षक श्री पटेल ने मामलें में विशेष रूचि लेते हुए सभी नाबालिक बालिकाओं को बाल कल्याण समिति कोरबा के समक्ष प्रस्तुत कराकर बालिका गृह कोरबा में रहने का प्रबंध कराया । वे नाबालिक बालिकाओं को स्वंय साथ लेकर बालिका गृह कोरबा पहॅुचे। बालिका गृह कोरबा की डायरेक्टर श्रीमति रूकमणी नायर को बालिकाओं के उचित देख रेख एवं सरंक्षण के निर्देश दिए।पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने बालिका गृह की डायरेक्टर श्रीमति रूकमणी नायर के साथ बालिका गृह का निरीक्षण कर वहां निवासरत सभी बालिकाओं से मिलकर उनका हाल-चाल जाना । बालिकाओं के शिक्षा एवं वहॉ रहने के प्रबंध के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। पुलिस अधीक्षक श्री पटेल ने बालिकाओं को स्वंय पढ़ाया । महापुरूषों की जीवनी बताकर उनके नक्शे कदम पर चलकर आत्मनिर्भर बनकर सम्मान पूर्वक जीवन जीने के टिप्स दिए, साथ ही नैतिकता का पाठ पढाया।

लाईट गुल होने पर नहीं रहेंगे अंधेरे में मिलेगा इनवर्टर

बालिकाओं से उनकी आवश्यकताओं के बारे में पूछे जाने पर कुछ बालिकाओं ने स्पोर्ट्स किट, स्पोर्ट्स शू की मांग की, एक बालिका ने सिलाई मशीन की मांग की, बालिका गृह की डायरेक्टर ने लाईट बंद होने की स्थिति में अंधेरा होने के बारे में बताकर एक इनवर्टर की आवश्यकता बताई, जिसे पुलिस अधीक्षक श्री पटेल ने अतिशीघ्र उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया ।

संघर्ष करते हुए सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की दी सलाह

पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल को अपने बीच पाकर बालिकाएं काफी खुश हुई और पुलिस अधीक्षक के पद तक पहॅुचने हेतु किये गये संघर्ष के बारे में पूछा गया। श्री भोजराम पटेल द्वारा जीवन में किए गए संघर्षो के बारे में बालिकाओं को विस्तृत तौर पर जानकारी देकर उन्हें भी लगातार संघर्ष करते हुए सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की सलाह दी गई।