कॉन्स्टेबल अंजना 9 महीने पहले लापता हो गईं थीं। (फाइल)
रायपुर/ 9 महीने से लापता रायपुर पुलिस की महिला कॉन्स्टेबल अंजना सहिस उत्तर प्रदेश के वृंदावन में फूल बेचते मिलीं। छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम उन तक पहुंची। अपने साथ वापस लाने की कोशिश की। अंजना ने घर लौटने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि वो वृंदावन में ही रहना चाहती हैं। अब पुलिस टीम मजबूरी में खाली हाथ लौट रही है।
क्या है मामला? अंजना रायगढ़ में पोस्टेड थीं। करीब 9 महीने पहले उनका ट्रांसफर रायपुर पुलिस हेडक्वार्टर में कर दिया गया था। उन्हें CID में पोस्ट किया गया था। वो एक दिन अचानक लापता हो गईं। परिवार या विभाग को उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी। कॉन्स्टेबल का घर रायपुर के महावीर नगर में है। मां ने 21 अगस्त को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। राजेंद्र नगर पुलिस ने अंजना को खोजना शुरू किया।

पुलिस टीम से बातचीत करतीं अंजना।
पुलिस ने ऐसे सुलझाई गुत्थी पुलिस के पास अंजना का कोई मोबाइल नंबर नहीं था। इसलिए उन्हें खोज निकालना कतई आसान नहीं था। राजेंद्र नगर पुलिस स्टेशन इंचार्ज विशाल कुजुर ने दैनिक भास्कर को बताया- गुमशुदगी की शिकायत मिलने के बाद हम लगातार इस बात की कोशिश में थे कि अंजना को किसी तरह ट्रेस किया जाए। हमारे पास न तो उनका कोई फोन नंबर था, न ही यह जानकारी कि वो कहां हैं? जांच के दौरान हमें उनके बैंक अकाउंट के बारे में जानकारी मिली। बैंक ट्रांजैक्शन से पता लगा कि यह वृंदावन के कुछ ATM से किए गए हैं। इसके बाद जांच टीम वहां पहुंची। कई लोगों अंजना की तस्वीर दिखाने के बाद उनका ठिकाना पता चला। पुलिस जब वृंदावन पहुंची तो अंजना एक कृष्ण मंदिर के बाहर पूजा का सामान बेचते नजर आईं। इसी से अपना गुजारा चला रही हैं। अफसरों ने लेडी कॉन्स्टेबल से कहा कि उन्हें वापस चलना चाहिए। अंजना ने लौटने से इनकार कर दिया। मां से बात कराई तो उनसे भी यही कहा। अंजना ने कहा- न मेरा परिवार है और न रिश्तेदार। मैं अब यहीं रहना चाहती हूं।

अंजना रायपुर न लौटने की जिद पर अड़ी रहीं। विभाग में परेशान किए जाने की चर्चा अंजना का घर रायपुर के महावीर नगर में है। उनकी मां और पुलिस हेडक्वार्टर से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, कुछ अफसरों की हरकतों से तंग आकर अंजना ने नौकरी छोड़ने का मन बना दिया था। पुलिस कर्मचारियों के अधिकारों की आवाज उठाने वाले उज्ज्वल दीवान ने भी बताया कि छोटे कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। दूसरी तरफ, कई बार पूछे जाने पर भी राजेंद्र नगर की पुलिस के सामने अंजना ने ये नहीं बताया कि उसे किस बात की दिक्कत थी, कौन से अधिकारी उसे परेशान कर रहे थे।

वृंदावन में मिलीं अंजना। पहले ही कह दिया था वृंदावन जाऊंगी सूत्रों के मुताबिक, नौकरी के दौरान अंजना परेशान रहती थीं। उन्होंनें अपने साथी कर्मचारियों से कई बार कहा था कि वो वह ड्यूटी रुटीन और कुछ अधिकारियों से परेशान हैं और वृंदावन जाकर जिंदगी बिताना चाहती हैं।