अब गुमास्ता लायसेंस,जाति-निवास प्रमाण पत्र के लिए यहाँ वहां भटकने की जरुरत नहीं अब सबके लिए लोक सेवा केन्द्र

गुमास्ता लायसेंस और जाति – निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए यहाँ वहां भटकने की आवश्यकता नहीं है राज्य सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए लोक सेवा केंद्र में यह व्यवस्था कायम करने का आदेश जारी कर दिया है

कोरबा– लोकतंत्र में जितना महत्व छत्तीसगढ़ शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की प्लानिंग का है, उससे कहीं ज्यादा अहमियत योजनाओं से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने की है। इस पर भी यदि समय पर लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल जाए तो बात कुछ और बन जाती है।

छोटे छोटे कामों के लिए नहीं पड़ेगा भटकना

छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश वासियों के छोटे-छोटे कामों के लिए भी ऐसी ही सरल और सहज सुविधाओं की स्थापना की है। अब जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र बनाना हो या दुकान खोलने के लिए गुमास्ता लाइसेंस, सभी के लिए एक ही जगह तय है। प्रदेश में ऐसे दस्तावेजों को बनाने के लिए लोक सेवा केन्द्र और च्वाइस सेंटर शुरू किए गए हैं। इन केन्द्रों में लोगों को अब लंबी-लंबी कतारें नहीं लगानी पड़ती। दस्तावेजों के लिए अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर से भी मुक्ति मिल गई है।

अब समय सिमा में मिलेंगे दस्तावेज

साथ ही समय सीमा तय होने के कारण एक निश्चित अवधि के बाद दस्तावेज मिलने की निश्चितता की गारंटी भी है। कोरबा जिले के लोगों को भी शासकीय योजनाओं और सेवाओं का तय समय सीमा में प्रभावी ढंग से लाभ दिलाने के लिए 26 लोक सेवा केन्द्र और 412 कॉमन सर्विस सेंटर चल रहे हैं। ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सुश्री शिखा राजपूत ने बताया कि कोरबा जिले के लोक सेवा केन्द्रों में पिछले ढाई वर्षों में दो लाख 38 हजार 134 आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं, जिसमें दो लाख 24 हजार 401 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।

लोकसेवा अधिनियम लागु सभी काम एक छत के निचे

यहां यह बताना लाजमी है कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के लागू होने से पहले लोगों को अपने दस्तावेजों और जरूरी प्रमाण पत्रों के लिए दफ्तर-दफ्तर भटकना पड़ता था। आय का दस्तावेज पटवारी के प्रतिवेदन पर तहसीलदार कार्यालय से बनता था तो जाति प्रमाण पत्र के लिए सरपंच से लेकर एसडीएम कार्यालय तक के चक्कर काटने पड़ते थे। गुमस्ता लाइसेंस बनाने के लिए नगरीय क्षेत्रों में जोन कार्यालयों से लेकर वाणिज्य कर कार्यालय और निगम पालिका कार्यालयों तक की दौड़ लोगों को लगानी पड़ती थी। अपनी ही जमीन का नक्शा-खसरा, बी 1 रिकॉर्ड लेने के लिए पटवारियों से लेकर तहसील कार्यालयों तक जाना पड़ता था। लोक सेवा गारंटी नियम के लागू हो जाने से लोगों के यह सब काम अब एक छत के नीचे हो जाते हैं। शासन-प्रशासन की संवदेनशीलता के कारण आम जनता को सहज रूप से इसका लाभ मिल रहा है।

राज्य में सुशासन की धारणा को स्वीकार कर आम जनता को बेहतर एवं प्रभावी सेवाएं प्रदान करने के लिए ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना राज्य के सभी जिलों में लागू की गई है। यह परियोजना इलेक्ट्रॉनिक वर्क फ्लो प्रणाली के माध्यम से जिले के लोगों को कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केन्द्र, ऑनलाइन और इंटरनेट के माध्यम से कुशलता पूर्वक विभिन्न विभागों की सेवाएं प्रदान करने में मदद करती है।