नेता प्रतिपक्ष के धरना प्रदर्शन में नहीं दिए भाजपाई पार्षदों ने दर्शन

कोरबा। नगर निगम के धरना प्रदर्शन और आंदोलन में भले ही नेता प्रतिपक्ष ने पब्लिक हितों को लेकर जोर आजमाइश की हो, पर भाजपा अपने ही पार्षदो को एकजुट करने में बुरी तरह से असफल रही है। इस आंदोलन से पार्षदो का गायब रहने से भाजपा की अंतर्कलह स्पष्ट रूप से सामने आई है।

कहने को तो भाजपा हर मंच पर गुटबाजी से इंकार करती है पर असल मे ऐसा है नही। बुधवार को निगम के सफाई कर्मियों के साथ धरना-प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष अंतिम समय तक डटे रहे लेकिन भाजपा का न तो संगठन खेमा नेता प्रतिपक्ष के साथ खड़ा दिखा और न ही निगम के भाजपा पार्षद।

जिस जोर शोर के साथ आंदोलन की रणनीति बनाई गई थी । उससे लग रहा था कि निगम का घेराव पूरी तरह से सफल रहेगा लेकिन असल हुआ नही। सबसे बड़ी वजह सोशल मीडिया पर राजनीति को जो ट्रेंड चलना था उसे आज सुबह से डाउन नेट सर्वर ने बिगाड़ रखा था और करेला उस पर नीम चढ़ा वाली बात रही जो पार्टी के लोगों ने भी आंदोलन से दूरी बना कर रखी। इससे जाहिर है एक अकेला करे तो करे क्या? खैर निगम घेराव आंदोलन में भाजपा की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है कि हम नहीं सुधरेंगे।