हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । पिछले दो माह से प्रदेश में मुख्यमंत्री के पद को लेकर मची सियासी सरगर्मी की आंच प्रदेश के कामकाज पर पड़ रहा है। आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिला 25 दिनों से जिला पंचायत सीईओ विहीन है। शासन ने आईएएस कुंदन कुमार को कोरबा जिला पंचायत से बलरामपुर कलेक्टर तो बना दिया पर कोरबा में सीईओ भेजना ही भूल गई। जिसकी वजह से पिछले एक माह से जिला पंचायत सफर कर रहा है। लिंक अफसर भले प्रशासनिक कार्य दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहे हों पर समस्त कर्मचारियों के वेतन भुगतान से लेकर वित्तीय कार्य ठप्प पड़े है।
यहां बताना होगा कि आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिला प्रदेश के राजस्व मंत्री का गृह जिला होने के बावजूद उपेक्षित पड़ा है। अपर कलेक्टर के 2 पद स्वीकृत होने के बावजूद पिछले 6 माह से अपर कलेक्टर के दोनों पद रिक्त हैं,योग्य नहीं होने के बावजूद संयुक्त क्लेक्टर को एडीएम का प्रभार देना पड़ा। वहीं 25 दिन हो गए जिला पंचायत सीईओ का पद भी खाली पड़ा है। शासन ने 27 सितंबर को आईएएस कुंदन कुमार को कोरबा जिला पंचायत से बलरामपुर कलेक्टर तो बना दिया पर कोरबा में सीईओ भेजना ही भूल गई। जिसकी वजह से पिछले एक माह से जिला पंचायत सफर कर रहा है। लिंक ऑफिसर निगम आयुक्त कुलदीप शर्मा भले प्रशासनिक कार्य दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहे हों पर समस्त कर्मचारियों के वेतन भुगतान से लेकर वित्तीय प्रकरण लंबित पड़े है।चेक जारी नहीं होने की वजह से पंचायतों का समस्त विकास कार्य अवरुद्ध हो गया है। दरअसल यह स्थिति प्रदेश में मुख्यमंत्री पद को लेकर मची सियासी सरगर्मी की वजह से निर्मित हुई है। कोरबा में शासन तेज तर्रार अधिकारी को सीईओ जिला पंचायत के रूप में भेजना चाहती है ,ताकि 2 साल बाद आसन्न विधानसभा चुनाव के पूर्व पंचायतों का विकास कार्य किसी भी तरह अवरुद्ध न हो। ग्राम स्तर पर कामकाज को लेकर शासन से पंचायत प्रतिनिधियों की नाराजगी न रहे।लेकिन सीईओ जिला पंचायत की पदस्थापना जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को लेकर प्रदेश में मचे सियासी खींचतान के बीच आला अधिकारी ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे।जिसका असर कोरबा के कामकाज पर पड़ रहा है।
नहीं कट रहा चेक ,3 माह से नहीं मिला वेतन ,कहीं फीकी न रह जाए दीवाली
एक तरफ जहां केंद्र एवं राज्य प्रवर्तित योजनाओं मनरेगा ,पीएम आवास ,एसबीएम ,एनआरएलएम,मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना, सहित अन्य योजनाओं का चेक नहीं कट रहा। वहीं जिला पंचायत के मनरेगा कर्मियों सहित अन्य विभागों के सैकड़ों कर्मचारियों को 3 माह से वेतन नहीं मिला है। खुशियों एवं रौशनी का पर्व दीपावली को पखवाड़े भर से भी कम समय बचा है ,वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों की दीवाली कहीं फीकी न पड़ जाए।