प्रखर की खबर से जागी पुलिस ,डीजल चोरों पर की कार्रवाई ,दो दिनों में जब्त किए 525 लीटर डीजल

एसईसीएल की खदानों से प्रतिदिन लाखों का डीजल पार कर रहे सरगना ,कैसे पहुंच रहे खदान ,पुलिस की चौकसी पर उठे सवाल

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। कबाड़ चोर डीजल माफिया के काले कारनामों को उजागर करने की खबर का असर हुआ है । आखिरकार कुसमुण्डा पुलिस ने दो अलग अलग मामलों में कार्रवाई कर 525 लीटर डीजल के साथ एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है। जबकि 2 अन्य पुलिस गिरफ्त से फरार हो गए।पुलिस ने भले ही डीजल चोरी की घटनाओं पर विफलता का टैग हटाने यह कार्रवाई की है, लेकिन बड़े डीजल माफिया अभी भी एसईसीएल की खदानों से बड़े पैमाने पर प्रतिदिन लाखों का डीजल पार कर पुलिस की चौकसी पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।

यहां बताना होगा कि औद्योगिक जिला कोरबा में एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान है।छत्तीसगढ़ पूरे देश की जरूरत का 20 प्रतिशत कोयला देता है। यहां कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी साउथ-इस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल ) की 41 खदानें हैं। इसमें से ओपन कास्ट खदानों की संख्या अधिक है। यहां से सालाना 150 लाख मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन होता है। कोरबा जिले की ही खदानों से एसईसीएल 130 लाख मीट्रिक टन कोयला निकालती है। इस तरह देखें तो प्रदेश के एसईसीएल के कुल कोयला उत्पादन का लगभग 87 फीसदी कोयले की आपूर्ति कोरबा से होती है । इस उत्पादन की पूर्ति करने हजारों ट्रकें करोड़ो की मशीनें लगी रहती हैं। इन्ही ट्रकों व मशीनों पर कबाड़ व डीजल चोर गिद्ध की तरह नजर गड़ाए रहते हैं। मशीनों के ब्रेक डाउन होते ही कबाड़ चोर रात के अंधेरे में उनके महंगे पार्ट्स चोरी कर चंपत हो जाते हैं। इन पार्ट्स की कीमत लाखों में होती है । एकबारगी सोंचा जाए कि प्रतिदिन लाखों का कबाड़ एक खदान से पार होता है तो एसईसीएल को कितना नुकसान होता होगा। साथ ही मुख्य सरगना के हाथ कितनी राशि लगती होगी।सूत्रों की मानें तो इस राशि का एक हिस्सा सरगना खदान सुरक्षा में तैनात सिपाहियों को भी दिया करते है वहीं पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी भी बिना खर्चा लिए गाड़ियों को पास नहीं होने देती है। अब इसी कबाड़ी की नजर डीजल के कारोबार पर है।बताया जा रहा है कि पहले यही कबाड़ी खदान से जुगाड़ में डीजल लिया करता था लेकिन अब उनकी नज़र डीजल चोरी करने पर है। सूत्रों के अनुसार यह सरगना अब कुसमुंडा खदान से बड़े पैमाने पर डीजल चोरी करवा रहा है । अब इतना बड़ा जोखिम का काम बिना स्थानीय पुलिस के संरक्षण बगैर नहीं किया जा सकता। वो अलग बात है कि समय समय पर उच्च अधिकारियों के दौरे व आरोपों से बचने बीच बीच में एक दो कार्रवाई कर पुलिस जनता की नजरों में व अखबार की सुर्खियों में बनी रहती है। इसको लेकर हसदेव एक्सप्रेस न्यूज ने 20 अक्टूबर को प्रमुखता से जिला पुलिस -प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था।जिसके बाद पुलिस महकमा हरकत में आई। और अपनी विफलता छुपाने मीडिया की सुर्खियों में बने रहने गुरुवार एवं शुक्रवार को डीजल चोरों पर कार्यवाई की है। 21 अक्टूबर को खोडरी मैदान के झाड़ियों में छिपाकर रखे 35 -35 लीटर डीजल वाले 5 जरीकेन में भरे 175 लीटर डीजल जब्त किया है। इसमें भी हैरान करने वाली बात है कि पुलिस को यह डीजल लावारिश हालात में मिला ,जैसे पुलिस को चोर यह सूचना दे गए हों कि अमुक जगह हमने डीजल छुपाया है। इसी तरह 22 अक्टूबर को
कुसमुण्डा पुलिस ने गेवरारोड स्टेशन के पास घेराबंदी कर 35 लीटर वाले डीजल भरे 10 जेरीकेन के साथ एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है। जबकि 2 अन्य पुलिस गिरफ्त से फरार हो गए।

बड़े पैमाने पर रोज हो रही डीजल चोरी ,लूट रही सरकार की संपत्ति

पुलिस भले ही डीजल चोरी की घटनाओं पर विफलता का टैग हटाने यह कार्रवाई की है लेकिन वास्तविकता यह है कि पकड़े जाने वाले डीजल की तुलना में चोरी गई डीजल की मात्रा कहीं अधिक है। निसंदेह इससे पुलिस की भूमिका भी संदेह व सवालों के घेरे में है। सूत्रों की मानें तो केवल दिखावे के लिए यह कार्रवाई की जाती है ।