अधिग्रहित जमीन पर नौकरी मांगने वालों को जेल पहुंचाती है एसईसीएल, खदान बंद कराने प्रभावित भूविस्थापितों को बस में उठाकर ले गई पुलिस ,फूटा आक्रोश

कोरबा। रोजगार के मुद्दों को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध जताने वाले भुविस्थापितों की आवाज दबाने एसईसीएल अब मनमानी पर उतर आया है। बुधवार को रोजगार एकता संघर्ष मोर्चा के बैनर तले खदान के भीतर जाकर उत्पादन व परिवहन ठप करने कोशिश करने वाले प्रदर्शनकारियों को एसईसीएल की शिकायत पर पुलिस उठाकर बस में ले गई। माकपा व किसान सभा ने इसका विरोध जताया। एसईसीएल की दमनकारी नीति पर आक्रोश जाहिर करते हुए आगे आंदोलन तेज करने की बात कही है।

मौके पर पहुंची पुलिस ने आंदोलन का नेतृत्व कर रहे माकपा नेता प्रशांत झा, किसान सभा के जवाहर कंवर समेत नेतृत्व कर रहे भूविस्थापितों को चर्चा करने की बात कहते हुए चलने को कहा। इस पर अन्य भूविस्थापितों ने इसका विरोध जताया। इसके बाद पुलिस एक-एक कर सभी आंदोलनकारी भूविस्थापितों को बस में बैठाकर ले गई। जिसमें वे महिलाएं भी शामिल थीं, जो बच्चों को लेकर खदान बंदी के आंदोलन में शामिल होने पहुंचे थे। महिलाओं सहित करीब 50 से ज्यादा ग्रामीणों को बस में बैठाकर खदान से पुलिस ले गई। जिसमें राधेश्याम, रेशमलाल, रघु, दीनानाथ, दामोदर, मोहन, बलराम, रामप्रसाद, बजरंग सोनी, चंद्रशेखर, गणेश प्रभु, पुरषोत्तम, मिलन शामिल हैं। एसईसीएल एवं पुलिस की इस कार्रवाई के बाद भूविस्थापितों में आक्रोश व्याप्त है।