छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों में प्रशासन ने दिवाली की रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे चलाने की छूट थी।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल का दावा- ध्वनि प्रदूषण में भी कमी की कही बात
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के बाद छत्तीसगढ़ के बड़े शहरों में दिवाली की रात केवल दो घंटों के लिये पटाखे चलाने की छूट थी। इसके बावजूद पूरी रात पटाखे जलाए जाते रहे। इसके बाद भी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल का दावा है कि पिछले 10 साल में शहरों की हवा सबसे कम प्रदूषित रही है।
राजधानी रायपुर में इस बार दीपावली में वायु प्रदूषण PM-10 पिछले साल के औसत की तुलना में लगभग 5.89 प्रतिशत कम रहा। बिलासपुर में वायु प्रदूषण PM-10 पिछले साल की तुलना में लगभग 7.52 प्रतिशत कम एवं भिलाई में औसतन वायु प्रदूषण के स्तर में करीब 9.3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी। रायपुर शहर में औसत PM-10 अर्थात हवा में धूल के कणों की संख्या इस वर्ष 64.33 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रही।
इसी तरह सल्फर डाई आक्साइड गैस का स्तर भी 5.30 प्रतिशत कम होकर 16.60 और नाइट्रोजन आक्साइड गैस का स्तर लगभग 4.7 प्रतिशत कम होकर 25.75 पाया गया। रायपुर शहर में दीपावली पर ध्वनि प्रदूषण में भी लगभग 3.62 प्रतिशत कमी पाई गई। इस बार रायपुर में ध्वनि की औसत तीव्रता 65.53 डेसीबल दर्ज की गयी। भिलाई में इस बार ध्वनि की औसत तीव्रता 71.13 डेसीबल दर्ज की गयी।