6 माह बाद भी 50 मृत मवेशियों का नहीं मिला मुआवजा,भड़के ननकी बोले ,क्या पैसा विधायक केरकेट्टा के घर से जाएगा, सरकार दे मुआवजा,कोरबी में टीका से 50 मवेशियों की मौत का मामला विधानसभा में उठाने दी चेतावनी

कोरबा। टीका लगाने के बाद 50 मवेशियों की हुई मौत के मामले में 6 माह बाद भी पशुपालकों को मुआवजा की फूटी कौड़ी नहीं मिली। स्थानीय जन प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के कारण ये ग्रामीण राहत से वंचित हैं। ग्रामीणों की ओर से भाजपा विधायक ननकीराम कंवर ने शनिवार को कोरबी के बस स्टैंड में प्रदर्शन किया।

कोरबी बस स्टैंड में विधायक ननकी राम कंवर ने कहा कि 50 गौवंश की मौत अनजाने में हुई या जानबूझकर लेकिन सरकार को मुआवजा देना चाहिए। विधानसभा में वे इस मुद्दे को उठाएंगे और अध्यक्ष सहित इस क्षेत्र की सांसद को भी अवगत कराएंगे। श्री कंवर ने कहा कि सुई लगाने वाला यहां के विधायक का रिश्तेदार बताया जा रहा है तो क्या पैसा विधायक के घर से जाएगा।पैसा तो सरकार दे रही है। पहले जांच में कहते हैं कि पानी पीने से मवेशी मर गए फिर घास खाने से मौत होना बता दिया। झूठ बोलकर जांच को गुमराह किया गया है। धरना-प्रदर्शन कर पोड़ी-उपरोड़ा एसडीएम अरुण खलखो को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान आदिवासी नेता विरेंद्र मरकाम, सुरेश जयसवाल, राजेश चतुर्वेदी, चन्द्र प्रताप सिंह आदि सहित प्रभावित ग्रामीण भी उपस्थित रहे।

50 मवेशियों की हुई थी मौत

बता दें कि पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के ग्राम कोरबी में देवनारायण सिंह, लक्ष्मी प्रसाद, कृषपाल, सुशील, संजय कुमार किरण, दिलीप, छोटेलाल, परमेश्वर के 50 मवेशियों की मौत 13-14 जुलाई 2021 को टीकाकरण के बाद हुई थी। इन मवेशियों को ग्राम कोरबी में पशु चिकित्सक बीआर उरांव एवं अधीनस्थ कर्मचारी धरम कंवर के द्वारा गांव में पहुंचकर फोर्टीफाइड प्रोकेन पेनिसिलीन इंजेक्शन आई.पी. लगाया गया था। इसके बाद देव नारायण के 22 मवेशियों सहित 50 मवेशियों की मौत हुई। पशु चिकित्सक के बारे में कहा जा रहा है कि वे विधायक मोहित केरकेट्टा के रिश्तेदार/घनिष्ठ हैं इसलिए जांच गोलमोल हो गयी। जिम्मेदारों को बचाने की कोशिश होने के साथ पीड़ितों को किसी प्रकार की राहत आज तक नहीं मिली है।