हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । धान खरीदी अभियान का मध्यांतर हो चुका है 1 दिसंबर से 31 जनवरी तक की जाने वाली धान खरीदी कार्य में इस साल कोरबा के किसानों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया है बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था एवं कड़ी मानिटरिंग की बदौलत जिले में धान खरीदी के पहले मध्यांतर 31 दिसंबर तक रिकॉर्ड धान की आवक हुई है। 16हजार 895 पंजीकृत किसानों ने 41 समिति के 55 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 6 लाख 90 हजार 641 क्विंटल समर्थन मूल्य के आधार पर 133 करोड़ 98 लाख 64 हजार 200 रुपए का धान बेचा है। जनवरी माह में दिसंबर माह की तुलना में दोगुने धान की आवक होती है जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि निर्धारित मियाद में जिला तय लक्ष्य को हासिल कर लेगा।
यहां बताना होगा कि पूरे प्रदेश में 1 दिसंबर से लेकर 31 जनवरी तक नगद एवं लिंकिंग व्यवस्था के तहत पंजीकृत किसानों से धान खरीदी का कार्य किया जा रहा है जिले के 55 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी जारी है। जिले को इस साल 15 लाख 54 हजार 344 क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया है 41 समितियों के 55 उपार्जन केंद्रों में पंजीकृत 38 हजार 222 पंजीकृत किसानों के माध्यम से धान खरीदी का कार्य किया जाना है। धान खरीदी अभियान का मध्यांतर हो चुका है अभियान ने आधा सफर तय कर लिया है इस दौरान आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में धान खरीदी के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वह वाकई धान खरीदी अभियान को सफल बना रहे। इस साल नियमित रूप से टोकन कटने , उठाव,तौलाई,उठाव,भुगतान सहित तमाम बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था की बदौलत कोरबा ने पहले मध्यांतर में रिकॉर्ड धान की खरीदी की है 31 दिसंबर तक की स्थिति पर नजर डालें तो जिले के 41 समितियों के 55 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से अब तक 6 लाख 90 हजार 640 क्विंटल समर्थन मूल्य के आधार पर 135 करोड़ 98 लाख 64 हजार 200 रुपए का धान खरीदा जा चुका है। दिसंबर माह में जनवरी माह की तुलना अपेक्षाकृत धान खरीदी में आवक कम रहती है अधिकांश किसान दिसंबर माह तक धान की मिंजाई कर व्यवस्थित हो पाते हैं। लिहाजा कुल धान खरीदी का 50 फ़ीसदी जनवरी में ही होती है। लिहाजा यह उम्मीद जताई जा रही है कि जितना धान दिसंबर माह में किसानों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी की जा चुकी है जनवरी माह में उससे दोगुने धान की आवक होगी इस लिहाज से 15 लाख 54 हजार क्विंटल का लक्ष्य कोरबा से दूर नहीं है। इस साल धान खरीदी अभियान में अब तक के सारे रिकॉर्ड टूटने के आसार नजर आ रहे।
कलेक्टर ने खुद थामी थी कमान ,बिचौलियों की सूची तैयार करने का दिया था फरमान
धान खरीदी का कार्य राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है। धान खरीदी कार्य के महत्व का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनावी जन घोषणा पत्र में समर्थन मूल्य एवं कर्जमाफी का प्राथमिकता से उल्लेख कर कांग्रेस सत्ता में आई ।लिहाजा सभी ब्यूरोक्रेसी भली-भांति समझते हैं कि धान खरीदी के कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही या लापरवाही न बरती जाए ताकि शासन की छवि खराब ना हो । कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने धान खरीदी के कार्य में छोटा जिला होने के बावजूद कोरबा में उम्मीद से बढ़कर अनुकरणीय कार्य किया है । जिसकी बदौलत ना केवल कोरबा रिकार्ड धान खरीदी की ओर अग्रसर है बल्कि निर्विवाद रूप से धान खरीदी के लिए भी पूरे प्रदेश में जाना जा रहा है। शुरू से ही धान खरीदी के इस महत्वपूर्ण कार्य को कलेक्टर रानु साहू ने अपने हाथों में ले रखी थी जिसकी बदौलत ना केवल बिचौलिए धान खरीदी केंद्रों से दूर रहे वरन ऐसे लोग भी जो अपने प्रभाव के बल पर मनमाने तरीके से उपार्जन केंद्रों में समिति प्रबंधकों पर दबाव बनाने की कोशिश करते थे वह भी पीछे हटना ही मुनासिब समझे । कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने सभी समिति प्रबंधकों विक्रेताओं को बकायदा सभी धान उपार्जन केंद्रों में कोंचिया बिचौलियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया था जिसके बाद से ही ऐसे लोगों में हड़कंप मचा था कि। उन्हें डर सता रहा था कि चंद पैसों की लालच में कहीं हवालात की हवा खानी पड़ जाए। इससे वास्तविक किसान ही धान बेचने आए। और शासन को बिचौलियों की धान खरीदी कर समर्थन मूल्य के रूप में एक मोटी रकम का भुगतान नहीं करना पड़ा।
उत्पादन प्रमाणपत्र की अनिवार्यता समाप्त की, हफ्तों में दो दौरों से मचा हड़कंप
कलेक्टर रानू साहू धान खरीदी के महत्वपूर्ण कार्य को लेकर शुरू से ही संवेदनशील रहीं। उन्होंने धान खरीदी शुरू होने से 1 महीने पूर्व ही सारी व्यवस्थाओं की समीक्षा करनी शुरू कर दी थी । धान खरीदी कार्य शुरू होने पर जैसे उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि उत्पादन प्रमाण पत्र की वजह से किसानों को धान बेचने में असुविधा हो रही है तो उन्होंने पूर्वक के वर्षों में अपनाई जाने वाली इस व्यवस्था को ही समाप्त कर दिया । इससे किसानों को अपने उपज का पूरा धान बेचने की स्वतंत्रता मिल गई। यही वजह है कि किसानों ने भी धान खरीदी के कार्य में जबरदस्त उत्साह दिखाया। कलेक्टर रानू साहू ने धान खरीदी को लेकर दिए गए प्रशासनिक व्यवस्था का किस तरह जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है इसकी तस्दीक करने हफ्ते में दो से 3 दिन औचक निरीक्षण करनी शुरू कर दी एक माह के धान धान खरीदी कार्य में कि 10 से 12 मर्तबा कलेक्टर उत्पादन केंद्रों का निरीक्षण कर चुकी हैं। यही वजह है कि धान खरीदी कार्य से जुड़े आला अधिकारी सहित समिति के कर्मचारी चौबीसों घंटे अलर्ट रहते हैं।
पहली बार कोई कलेक्टर पहुंचा सहकारी बैंक किसानों के भुगतान की ली सुध ,मीडिया खबरों पर भी लिया संज्ञान,फड़ प्रभारी को निलंबित किया
कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की कार्यशैली एक अलग ही स्तर की है। उन्होंने धान खरीदी के कार्य में अपने आप को केवल अपने कार्य क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रखा ,बल्कि किसानों की समस्याओं को देखते हुए पहली बार जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बरपाली शाखा का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। कलेक्टर के औचक निरीक्षण में पहुंचते ही ब्रांच के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया था ।कलेक्टर ने शाखा प्रबंधक को किसानों की लंबी कतार को देखते हुए कड़ी फटकार लगाते हुए जल्द धान खरीदी का शीघ्र भुगतान करने कैश काउंटर बढ़ाए जाने का निर्देश दिया था ।यही नहीं मीडिया की खबरों पर भी त्वरित संज्ञान लेने के मामले में कलेक्टर रानू साहू प्रदेश में अव्वल हैं ।धान खरीदी जैसे महत्वपूर्ण कार्य में कलेक्टर रानू साहू ने मीडिया में प्रकाशित खबरों पर स्वतः संज्ञान लेना शुरू कर दिया जिसका असर यह हुआ कि न केवल जिले के अंतिम छोर पर संचालित धान खरीदी केंद्रों की पूरी रिपोर्ट कलेक्टर रानु साहू तक पहुंचती रही वरन लापरवाह कर्मचारियों पर भी कार्यवाही करने में कलेक्टर ने तनिक भी देरी नहीं लगाई । फड़ प्रभारी की लापरवाही से कुदुरमाल में भीगे 49 बोरा धान का मामला प्रकाश में आते ही उन्होंने फड़ प्रभारी को तत्काल निलंबित कर दिया। इस तरह कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के नेतृत्व में धान खरीदी का मध्यांतर निर्विवाद रूप से संपन्न हुआ।
भैसमा सिरमौर ,सपलवा अंतिम पायदान पर
धान खरीदी अभियान के मध्यांतर के बाद जो स्थिति बनी हुई है उसके अनुसार कोरबा ब्रांच का उपार्जन केंद्र भैसमा पहली बार धान खरीदी के मध्यांतर में शिखर पर बना हुआ है भैसमा में अब तक रिकॉर्ड 23 हजार 512 क्विंटल धान की खरीदी हुई है । अंतिम पायदान पर पोड़ी उपरोड़ा ब्रांच का नवगठित उपार्जन केंद्र सपलवा बना हुआ है। यहां मात्र 1295 क्विंटल धान की आवक हुई है। 18 उपार्जन केंद्रों में 15 हजार क्विंटल से अधिक धान की आवक हो चुकी है। इनमें अखरपाली ,उतरदा,केरवाद्वारी,कोरकोमा,कोरबी (पाली),कोरबी(पोंडी उपरोड़ा) ,तुमान ,नवापारा ,बेहरचुआं ,निरधि ,पाली ,पोंडी,फरसवानी,बरपाली,रामपुर,सिरमिना,सोहागपुर एवं भैसमा शामिल हैं।
वर्जन
पारदर्शितापूर्ण धान खरीदी हो रही
धान खरीदी के मध्यांतर में कोरबा में पारदर्शितापूर्ण ढंग से व्यवस्थित धान खरीदी हुई है। टोकन जारी करने,बारदाना ,तौलाई ,उठाव ,से लेकर भुगतान की व्यवस्था सुदृढ़ बनी हुई है। सभी केंद्रों में सतत नजर बनाए हुए हैं। लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई भी कर रहे हैं। इस बार भी जीरो शार्टेज देंगे।
रानु साहू ,कलेक्टर