कोरबा में प्रभार लेते ही जूनियर थानेदार ने दिया आदेश, हवलदार समोसा लाओ

कोरबा – छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले में एक रोचक मामला सामने आया है। छोटे बच्चे जब कहना न मानें तो पुलिस पकडकर ले जाएगी, जैसी बातों से डराकर उनकी शैतानी पर लगाम की नाकाम कोशिश घर में अक्सर की जाती हैं। पर यहां मात्र छह साल के बालक के हवाले पुलिस इंस्पेक्टर की टोपी और कुर्सी के साथ एक घंटे के लिए पूरा का पूरा थाना ही कर दिया गया।

जूनियर थानेदार ने कुर्सी पर विराजमान होकर जैसे ही प्रभार संभाला, टेबल पर रखी घंटी बजाई और सिपाही को बुलाकर अपना पहला आदेश दिया- हवलदार मेरे लिए चाय और एक प्लेट समोसा लेकर आओ। यह रोचक नजारा जिले के पुलिस थाना पाली में देखने को मिला। बाल दिवस के अवसर पर देशभर में बच्चों को उनके अधिकारों से अवगत कराने, शासन-प्रशासन व पुलिस-प्रशासन के कार्यों से अवगत कराने विशेष सप्ताह मनाया गया।

एसपी अभिषेक मीणा के मार्गदर्शन में छह वर्षीय आदित्य शर्मा को एक घंटे के लिए पाली पुलिस थाने का थानेदार बनाया गया था। थाने की गतिविधियों के बारे में अवगत कराते हुए बाल अधिकारों की भी जानकारी दी गई। आदित्य उर्फ हनु कथावाचक, लाफागढ़ के राजपुरोहित मुरली मनोहर शर्मा व कथावाचिका व गायिका हेमलता शर्मा के पौत्र हैं।

समाजसेवी दीपक व दीप्ति शर्मा के पुत्र आदित्य को पाली थानेदार बनाए जाने के दौरान निरीक्षक लीलाधर राठौर, सहायक उपनिरीक्षक पुष्पक सिंह ठाकुर, प्रधान आरक्षक अश्वनी निरंकारी, अमर सिंह, जवाहर सिंह, सुनील पांडेय, आरक्षक नरेंद्र पाटनवार, तेज प्रकाश, संजय साहू, शैलेन्द्र तंवर, प्रेम कंवर, हिमांचल सिंह, आनंद पुरैना, संजय डिक्सेना प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस अभिनव प्रयास के लिए जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा का विशेष योगदान रहा।

मीडिया कलेक्टिव फार चाइल्ड राइट (एमसीसीआर) व यूनिसेफ के अभियान में शामिल होकर प्रतीकात्मक रूप से थानेदार बने आदित्य ने अपने सपनों के बारे में भी बताया। थाना प्रभारी राठौर के पूछने पर उसने कहा कि वह पढ़-लिखकर एक जिम्मेदार आइएएस बनना चाहता है, ताकि देश व समाज की सेवा कर सके। इस कार्यक्रम के माध्यम से उसे पुलिस के अधिकारों के बारे में काफी कुछ जानने का मौका मिला। वर्दी में रहकर कानून का पालन कराने के साथ-साथ आमजन की सेवा व सुरक्षा के लिए कैसे कार्य किया जाता है, इनकी जानकारी मिली।

आदित्य के विचार व बातों को सुनकर थाना स्टाफ ने सराहना की। निरीक्षक लीलाधर राठौर ने आदित्य को खूब पढ़-लिखकर भविष्य में एक बड़ा मुकाम हासिल करने का आशीर्वाद दिया। उन्होंने एमसीसीआर एवं यूनिसेफ के इस प्रयास की सराहना की और बाल अधिकारों के प्रति लोगों व बच्चों को जागरूक करने स्वयं भी प्रयास करने व सहयोग प्रदान प्रदान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षाप्रद कार्यक्रमों से बच्चों का मनोबल बढ़ता है। देश का जिम्मेदार नागरिक बनने वे बेहतर सोच के साथ लक्ष्य आधारित दिशा की ओर आगे बढ़ते हैं।