बलरामपुर के निलंबित ईई का कमाल,कागजों में की 5 करोड़ के पाइप और स्टोन की खरीदी,अब एफआईआर भी दर्ज

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज बलरामपुर। जिले में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता यूएस राम ने 5 करोड़ का घोटाला भी किया था। सीएम ने गुरुवार को ही उन्हें सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद उनके घोटाले के मामले में पुलिस ने कार्यपालन अभियंता के खिलाफ केस भी दर्ज किया है। आरोप है कि यूएस राम ने पाइप, स्टोन खरीदी के नाम पर करीब 5 करोड़ रुपए का घोटाला कर दिया है। इन सामानों को केवल कागजों में ही खरीदा गया है। साथ ही कई और तरीकों से भी ये पूरा घोटाला किया गया है।

कनहर अंतरराज्यीय सिंचाई परियोजना प्रभावितों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। उनका व्यवस्थापन भी नहीं हो पाया है। इस बात की शिकायत गुरुवार को सीएम के दौरे के दौरान लोगों ने सीएम से की थी। जिसके बाद सीएम ने खुद यूएस राम को निलंबित करने के निर्देश दिए थे।
यूएस राम जल संसाधन विभाग के संभाग क्रमांक 2 कार्यालय में पदस्थ थे। आरोप है कि यूएस ने वर्ष 2017,2018 और 2019 में लगभग 5 करोड़ रुपए का आरसीसी ह्यूम पाइप, चैनज स्टोन एवं बाउंड्री स्टोन की खरीदी की। मगर उसे खरीदा ही नहीं गया था। यह खरीदी सिर्फ कागजों में की गई थी। इस बात को लेकर एक आरटीआई लगाई गई थी। इसी आरटीआई के जरिए पूरे मामला का खुलासा हुआ। फिर मामले की शिकायत पुलिस से हुई थी। जिसके बाद अब यूएस राम के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। कहा जा रहा है कि ईई के खिलाफ पहले भी शिकायत हुई थी। लेकिन कार्रवाई नहीं हुई है।

अलग-अलग थे हस्ताक्षर

आरटीआई के जरिए पता चला कि कई ऐसे सप्लाई ऑर्डर लगाए गए हैं। जो की एक नंबर के ऑर्डर क्रमांक, एक ही दिन के हैं। जिसमें सामान भी एक ही है। साथ ही एक ही स्थान के लिए ह्यूम पाइप का सप्लाई ऑर्डर है। मगर उसी दिन में अधिकारी का हस्ताक्षर अलग-अलग हैं। अब इस मामले में जुड़े उन फर्म पर भी कार्रवाई हो सकती है जिसको ये ऑर्डर किए गए थे।कार्यालय कार्यपालन अभियंता ने 7 मई 2018 को सप्लाई ऑर्डर नंबर 1621 आदित्य इंडस्ट्रीज अंबिकापुर को दिया है। जिसमें 1200 एमएम एनी-3 ह्यूम पाइप का सप्लाई ककनेशा जलाशय योजना के नहर कार्य के लिए दिया गया। जिसमें 35 नग 875 मीटर का जिक्र है। इसके लिए 4291 रुपए प्रति मीटर का रेट लगाया है जिसकी कीमत 3,75 462 रुपए है, उसके ऊपर 32 प्रतिशत ढुलाई चार्ज एवं 18 प्रतिशत जीएसटी भी जोड़ा गया है। इसमें भी हस्ताक्षर अलग है।

दूरी ज्यादा बताकर भी घोटाला

बताया गया है कि अंबिकापुर से खरहरा की दूरी 79.7 किमी है। इसी प्रकार कोटराही जलाशय की दूरी 86.6 किमी है। लोधा जलाशय की दूरी 143 किमी है। सुलसुली जलाशय, ककनेशा जलाशय, चाकी जलाशय एवं बसेरा खुर्द जलाशय इन सभी की दूरी 100 से 130 के अंदर की है। इन सब के लिए मालों की सप्लाई 100 से 150 किमी के अंदर की दूरी तक के लिए की गई है। लेकिन 150 से 200 किमी की दर 32 प्रतिशत के हिसाब से पेमेंट किया गया हैवहीं यह भी पता चला है कि आरसीसी पाइप का बिल जो लगाया गया है, उसमें जिस रेट का जिक्र किया गया है वह अन्य सप्लायरों से बढ़ाकर किया गया है। खरीदी सीएसआईडीसी द्वारा निर्धारित दर पर छग भण्डार क्रय नियम के तहत और टेंडर की प्रक्रिया करनी थी। लेकिन ऐसा न कर फर्जी बिल वाउचर बनाकर राशि निकाल लिया गया है। न तो कोई पाइप की सप्लाई हुई है और ना ही उसका भौतिक सत्यापन हुआ है।