मातृ -पितृहन्ता विक्षिप्त नाबालिग ने मेंटल अस्पताल में लगाई फांसी ,मचा हड़कंप

बिलासपुर। सरगुजा में अपने माता-पिता की हत्या करने वाले 17 साल के लड़के की लाश बिलासपुर के मेंटल अस्पताल के बाथरूम में फंदे पर लटकती मिली है। उसने अपने माता-पिता की हत्या कर शव को दफन कर दिया था।

मामला सामने आने पर उसे गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेजा गया था। इसके बाद से वह सदमे में था। इस दौरान काउंसलिंग में उसने बोला था कि आत्महत्या कर लूंगा। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने उसकी सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया। इधर, मानसिक रूप से बीमार होने पर उसे अंबिकापुर के जिला अस्पताल से राज्य मानसिक चिकित्सालय रेफर किया गया था। घटना कोनी थाना क्षेत्र की है। बाल अपचारी के मौत के इस केस की जांच न्यायिक मजिस्ट्रेट की ओर से की जाएगी।कोनी थाना प्रभारी सुनील तिर्की ने बताया कि सरगुजा जिले के उदयपुर थाना क्षेत्र में रहने वाले 17 साल के लड़का मानसिक रूप से बीमार था। करीब 15 दिन तक अंबिकापुर के जिला अस्पताल में उसका इलाज चला। फिर उसे इलाज के लिए सात मई को सेंदरी स्थित मानसिक चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार की सुबह उसकी लाश बाथरूम में फंदे पर लटकती मिली। सुबह होने पर कर्मचारियों ने उसके शव को गमछे से फांसी पर लटकते देखा। स्टाफ ने इस घटना की जानकारी अफसरों को दी। इसके बाद कोनी पुलिस को सूचना दी गई।

माता-पिता की हत्या के बाद सदमे में हो गया था बीमार

दरअसल, बाल आपचारी ने अपने माता-पिता की हत्या कर दी थी। मामला सामने आने के बाद उसे हिरासत में लेकर बाल सुधार गृह भेजा गया था, जहां उसकी हरकतों को देखकर मनोरोग चिकित्सक को दिखाया गया। बताया गया कि माता-पिता की हत्या के बाद से किशोर सदमे में मानसिक रूप से बीमार हो गया था। इसके चलते उसे अंबिकापुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

हिरासत में नाबालिग की मौत, इसलिए होगी न्यायिक जांच

टीआई सुनील तिर्की ने बताया कि चूंकि, किशोर बाल अपचारी था और उसे हिरासत में रखा गया था। ऐसे में यह हिरासत में मौत का मामला है। लिहाजा, मजिस्ट्रेट के की मौजूदगी में परिजनों के सामने शव का पंचनामा कराया गया है। मामले की जांच मजिस्ट्रेट की ओर से की जाएगी। पुलिस ने इस घटना की जानकारी उदयपुर पुलिस के माध्यम से मृतक किशोर के परिजन को दी। खबर मिलते ही उसका बड़ा भाई और जीजा बिलासपुर पहुंचे थे।

दो दिन पहले भी दीवार से कूद गया था किशोर

टीआई सुनील तिर्की ने अस्पताल प्रबंधन और स्टाफ से पूछताछ की, तब पता चला कि जब से उसे यहां भर्ती किया गया है, तब से अजीब हरकतें कर रहा था। वह अस्पताल से भागने की कोशिश में था। दो दिन पहले वह दीवार में चढ़कर कूद गया था। हालांकि, इस दौरान उसे ज्यादा चोटें नहीं आई। बताया जा रहा है कि रात में वह बाथरूम गया था, तभी अपने पास रखे गमछे को फंदा बनाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे पहले बाल सुधार गृह में वह कई बार खुद को चोट भी पहुंचा चुका था।

काउंसलिंग में बोला था- खुदकुशी करेगा फिर भी किसी ने ध्यान नहीं

अंबिकापुर के बाल संप्रेक्षण गृह में उसकी काउंसलिंग हुई थी। इसमें वह बोला था कि वह मर जाएगा। बार-बार वह खुदकुशी करने की बात करता था। इससे उसे स्टेट मेंटल हॉस्पिटल सेंदरी भेज दिया गया था। उसकी मानसिक स्थिति के बारे में पता होने के बाद भी हॉस्पिटल प्रबंधन ने उसकी सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते नाबालिग की मौत हो गई।

पॉलिटेक्निक की परीक्षा में फेल होने से भी परेशान था

3 मार्च 2022 को किशोर ने अपने पिता जयराम सिंह (50) व मां फुलसुंदरी बाई (45) की हत्या कर दी थी और घर में ही गड्‌ढा खोदकर दोनों शव को जमीन में दफन कर दिया था। पांच दिन बाद हत्या के इस मामले का राज खुला। तब पुलिस गांव पहुंची और शव को जमीन से खोद कर बाहर निकाला। पूछताछ में पता चला था कि किशोर कक्षा 12 वीं की दो विषयों की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाया था, जिसके कारण फेल हो गया था। इसके बाद पॉलिटेक्निक की परीक्षा भी वह पास नहीं हो पाया था। इससे मानसिक रूप से परेशान था। पुलिस को दिए बयान में वह अपने परिवारवालों पर आरोप लगाया था कि उससे लाड़ प्यार नहीं करते थे। हत्या करने से पहले उसकी मानसिक स्थिति खराब थी और हमेशा चिड़ाचिडाता रहता था।

अधीक्षक बोले- साथ में अडेंटडेंट था, इसलिए बाथरूम को चुना

मेंटल हॉस्पिटल के अधीक्षक बीआर नंदा का कहना है कि किशोर जब से आया था, तब से मरने की बात कहता था। उसे अलग कमरे में रखा गया था और उसकी देखरेख के लिए एक अटेंडर रखा गया था। उस पर हमेशा नजर रहती थी। बाथरूम के भीतर जाकर उसने खुदकुशी की इसलिए कोई देख नहीं पाया। एक दिन पहले वह खाना खाया फिर डॉक्टर ने उसे अपने साथ इधर उधर घुमाया और समझाया भी था।