जशपुर में वन अमला हाथी मानव द्वंद रोकने में नाकाम ,गजराजों ने 3 गांवों में बरपाया कहर ,चट कर गए अनाज ,तोड़ा आशियाना ,दहशत में पेंड के नीचे गरीब ग्रामीण गुजार रहे दिन

जशपुर। जिले में लंबे अरसे बाद भी वन विभाग का अमला हाथी और मानव द्वंद को रोक पाने में सफल नहीं हो पा रहा है। वन्य प्राणियों के लिए जंगलों में चारा, पानी की समस्या के चलते हाथियों के दल अब रिहायशी इलाकों में ही डेरा डालकर रहने लगे हैं। बीती रात तपकरा वनपरिक्षेत्र के अम्बाकछार, सहसपुर, वनमुंडा गांव में हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया है। वहीं गरीब परिवार के लोगों के बार-बार घरों को तोड़ने से ग्रामीण खुले आसमान के नीचे रहने मजबूर हो गए हैं।

जशपुर वन मंडल में हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों को बचाने के लिए वन मंडलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय ने तपकरा वन परिक्षेत्र में हाथी की पाठशाला की शुरुआत की थी। यहां हाथी मित्र दल गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को हाथी से बचने के उपाय कर सुरक्षा का दावा कर रहे थे, लेकिन अब हाथी की पाठशाला तपकरा रेंज में सफेद हाथी साबित हो रही है।

सब्जियों की फसल को किया चौपट

एक पखवाड़े से तपकरा रेंज के गांवों में हाथियों के दल ने दो दर्जन घरों को अपना निशाना बनाया है। क्षेत्र में सब्जियों की फसल को चौपट कर डाला है। बीती रात तपकरा वनपरिक्षेत्र के अम्बाकछार, सहसपुर, वनमुंडा गांव में भी हाथियों ने जमकर उत्पाद मचाया है और आधा दर्जन से अधिक घरों को तोड़फोड़ कर घर में रखे अनाज को चट कर गया।

वन विभाग ने नहीं ली सुध

हाथी के उत्पात ने तो एक परिवार को खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर कर दिया है। सहसपुर निवासी बुधनाथ के घर को हाथियों ने इस कदर तहस नहस कर दिया है कि उनका परिवार पेंड के नीचे खाना बनाकर खाने को मजबूर है। वन अमला बेघर हुए बुधनाथ के परिवार और बुधनाथ का सुध लेना भी जरूरी नहीं समझा। विभाग की लापरवाही का दंश अब ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।