हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा द्वारा जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ ) से पिछले 3 वित्तीय वर्षों में प्राप्त आबंटन में विधानसभा से 5 करोड़ 29 लाख 62 हजार 488 रुपए की जानकारी छुपाकर भ्रामक जानकारी भेजकर विधानसभा को गुमराह करने के अलावा 50 करोड़ 35 लाख 19 हजार के आबंटन में राज्य भंडार क्रय नियमों की धज्जियां उड़ा दी गई है । नियमों से परे जाकर स्व सहायता समूहों से बर्तन व अंडे तक खरीदे गए । विधानसभा को भ्रामक जानकारी भेजने एवं जिम्मेदारों का चिन्हांकन कर कार्रवाई नहीं करने के मामले में जिला प्रशासन से लेकर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे ।
यहां बताना होगा कि कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कोरबा को जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ ) मद से पिछले 3 वित्तीय वर्षों 2019 -20 ,2020 -21 एवं 2021 -22 में प्राप्त आबंटन एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण आहार ,अंडा ,केला,लड्डू खाद्य सामग्री की क्रय प्रक्रिया को लेकर विधानसभा में भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने तारांकित प्रश्न क्रमांक 599 के माध्यम से शीतकालीन सत्र में जानकारी मांगी थी।समयावधि में व संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ग्रीष्मकालीन अंतरिम विधानसभा सत्र में भी श्री अग्रवाल ने तारांकित प्रश्न क्रमांक 650 के माध्यम से पुनःजानकारी मांगी । जिसका जवाब 20 जनवरी 2023 को भेज दिया गया। उक्त दोनों प्रश्नों के कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग से संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग को प्रेषित जानकारी में भिन्नता पाई गई है।
वित्तीय वर्ष 2020 -21 एवं वित्तीय वर्ष 2021 -22 के संदर्भ में प्रेषित दो समान प्रश्नों के उत्तर में ही 5 करोड़ 29 लाख 62 हजार 488 रुपए का अंतर आया है। प्रश्न क्रमांक 599 में प्रेषित उत्तर में उक्त राशि कम दर्शाई गई है। यही नहीं संचालक के कलेक्टर कोरबा को लिखे पत्र में उल्लेख किया गया है कि पूरक पोषण आहार अंतर्गत विभिन्न प्रकार की खाद्य सामाग्रियों अंडा ,केला ,लड्डू,इत्यादि का क्रय स्व सहायता समूहों से किए जाने का उल्लेख है। राज्य भंडार क्रय नियम के नियम -8 के तहत राज्य शासन के अन्य विभागों एवं उनके उपक्रमों से सामाग्रियों का क्रय के उपनियम 8 .1 के अनुसार
पूरक पोषण आहार अंतर्गत विभिन्न प्रकार की खाद्य सामाग्रियों अंडा ,केला ,लड्डू,इत्यादि का क्रय स्व सहायता समूहों से सीधे किए जाने का प्रावधान नहीं है। इस संबंध में जिला स्तर पर अपनाई गई क्रय प्रक्रिया का परीक्षण करते हुए भंडार क्रय नियम का पालन न करने के लिए उत्तरदायित्व का निर्धारण किये जाने की आवश्यकता है। जिलों द्वारा विभिन्न सामाग्रियों का क्रय जेम पोर्टल अथवा खुली निविदा के माध्यम से क्रय की गई है। पर दस्तावेजों का अवलोकन करने पर पाया गया कि क्रय प्रक्रिया के भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया है। संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग ने सामग्रियों के क्रय प्रक्रिया पर जिला स्तर पर सक्षम अधिकारियों से जांच कराया जाकर प्रत्येक प्रकरण में पृथक पृथक टीप प्रेषित किए जाने की अपेक्षा की थी। संचालक ने सभी बिंदुओं का परीक्षण कराकर अभिमत एक सप्ताह के भीतर सुसंगत दस्तावेज सहित प्रेषित किए जाने का उल्लेख किया था। संचालक के पत्र के परिपालन में जिला प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दी है। अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी गठित की है। जिसमें अपर कलेक्टर अध्यक्ष,जिला पंचायत सीईओ,महाप्रबंधक उद्योग,जिला कोषालय अधिकारी सदस्य एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी सदस्य सचिव के तौर पर शामिल किए गए हैं। पर आज पर्यन्त जिम्मेदारों का चिन्हांकन कर जांच प्रतिवेदन शासन को कलेक्टर के माध्यम से संचालक को नहीं भेजा जा सका। इस बीच विधानसभा को प्रेषित जानकारी जो जानकारी हसदेव एक्सप्रेस के हाथ लगी है उसने हैरान कर दिया है।

वित्तीय वर्ष 2019 -20 एवं 2020 -21 में स्व सहायता समूहों के माध्यम से अंडे व बर्तनों की खरीदी कर दी गई है।वित्तीय वर्ष 2019 -20 सुपोषित कोरबा योजनांतर्गत गर्भवती तथा शिशुवती माताओं को अतिरिक्त पोषण आहार प्रदान किये जाने कुल 2716 हितग्राहियों के लिए,एवं विकासखण्ड कटघोरा अंतर्गत
गर्भवती तथा शिशुवती माताओं के पोषण हेतु अतिरिक्त आहार एवं बर्तन खरीदी करने स्थानीय महिला स्व सहायता ,राधाकृष्ण इंड्रस्टीज राजनांदगांव ,शिवम इंडस्ट्रीज राजनांदगांव से 88 लाख 44 हजार 923 रुपए की खरीदी की गई है। जिसमें 3500 रुपए प्रति नग की दर से 554 कढ़ाई ,2025 रुपए प्रति नग की दर से 277 नग कूकर,3 हजार 528 रुपए प्रति नग की दर से 277 नग गंज ,245 रुपए प्रति नग थाली की दर से 2 हजार 770 नग थाली ,10 रुपए प्रति नग की दर से 27 हजार 700 नग छोटा चम्मच एवं 190 रुपए प्रति नग की दर से 831 नग बड़ा करछुल शामिल है ।






वित्तीय वर्ष 2019 -20 में ही प्रबल (प्रत्येक बच्चा लक्ष्य हमारा )योजनांतर्गत 6 माह से 6 वर्ष के बच्चों को अतिरिक्त पोषण आहार प्रदाय किए जाने 12 हजार 300 हितग्राहियों के लिए स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों से 6 रुपए प्रति नग की दर से गर्म भोजन सहित 45 लाख 73 हजार 442 रुपए की खरीदी की गई। 2019 -20 में ही विकासखण्ड करतला कटघोरा,कोरबा ,पाली पोंडी उपरोड़ा अंतर्गत6 माह से 6 वर्ष के बच्चों के कुपोषण मुक्ति हेतु विशेष आहार प्रबल (प्रत्येक बच्चा लक्ष्य हमारा )योजनांतर्गत 1 से 3 वर्ष के बच्चों के लिए 9 .45 रुपए प्रति हितग्राही गरम भोजन (सप्ताह में दो दिन अंडा सहित ) एवं 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए सप्ताह में दो दिन प्रति नग 6 रुपए अंडा की दर से स्थानीय स्व सहायता समूहों से 3 करोड़ 26 लाख 93 हजार 915 रुपए की खरीदी की गई। प्रेषित जानकारी में लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या का उल्लेख ही नहीं किया गया।
इसी तरह स्थानीय स्व सहायता समूहों से ही मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत
गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के पोषण हेतु अतिरिक्त आहार हेतु भी गरम भोजन अंडा प्रदाय करने 52 लाख 84 हजार 842 रुपए की खरीदी की गई। इस तरह वित्तीय वर्ष 2019 -20 में डीएमएफ से व्यय किए गए कुल राशि 11 करोड़ 82 लाख 28 हजार 924 रुपए में से करीब 5 करोड़ की खरीदी स्व चिन्हित स्थानीय स्व सहायता समूहों से कर दी गई। बात करें 2020 -21 कि तो इस वर्ष डीएमएफ से कुल 10 करोड़ 96 लाख 12 हजार 337 रुपए का व्यय दर्शाई गई है। यहाँ भी राज्य भंडार क्रय नियमों को हाशिए पर रख दिया गया। स्थानीय स्व सहायता समूहों से 26 रुपए प्रति किलो की दर से 183 मीट्रिक टन चावल के लिए 47 लाख 58 हजार रुपए नागरिक आपूर्ति निगम को आरटीजीएस कर दिया गया। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत जिले के 1 से 3 वर्ष के बच्चों के पोषण हेतु अतिरिक्त आहार (सूखा राशन )वितरण हेतु 7 करोड़ 50 लाख 52 हजार 243 रुपए की सामाग्री (सूखा राशन अंडा ) की खरीदी राज्य भंडार क्रय नियम के विपरीत स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों से कर दी गई। इस तरह देखें तो इन दोनों वित्तीय वर्षों में कुल 12 करोड़ 50 लाख रुपए से अधिक की सामाग्री सूखा राशन ,अंडा ,बर्तन की खरीदी स्व सहायता समूहों से की गई है।





आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए खरीदे 6 करोड़ के फर्नीचर ,बर्तन ,वजन मशीन ,अधिकांश गायब ,दबावपूर्वक ली गई पावती !भौतिक सत्यापन की दरकार 👇
महिला एवं बाल विकास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2019 -20 एवं 2020 -21 में कोरबा जिले के लिए कुल 7 करोड़ 6 लाख 61 हजार 952 रुपए के फर्नीचर ( ऑफिस टेबल ,प्लास्टिक चेयर ,विजिटर्स कुर्सी), बर्तन(कढ़ाई ,कुकर ,गंज ,थाली,चम्मच ,करछुल अनाज कोठी ,स्टील पानी टँकी ,बाल्टी,क्वाटर प्लेट ,छोटी ग्लास ,स्टील मग ,स्टील डब्बा ,ड्रम ) एवं टीकाकरण केंद्रों हेतु आवश्यक उपकरण (एएनसी टेबल ,स्थेटेस्कोप, फिटल डपलर,वजन मशीन ,बीपी इंस्ट्रूमेंट ) की खरीदी की गई है। लेकिन इनमें से अधिकांश सामाग्री केंद्रों में नजर ही नहीं आते। सूत्रों की मानें तो कार्यकर्ताओं से कार्रवाई का भय दिखाकर पावती ली गई है ,लिहाजा वास्तविकता सामने लाने सभी केंद्रों में उक्त सामग्री की भौतिक सत्यापन की दरकार है। विभिन्न फर्मों ने यह सामाग्री सप्लाई की है इनमें स्थानीय महिला स्व सहायता राधा कृष्ण इंडस्ट्रीज राजनांदगांव ,शिवम इंडस्ट्रीज राजनांदगांव ,शिव इन्डस्ट्रीज राजनांदगांव ,श्री साईं बाबा एजेंसी राजनांदगांव, नमो इंटरप्राइजेस रायपुर ,नीति राज इंटरप्राइजेस नागपुर ,मेसर्स श्री राम इन्डस्ट्रीज केव्हीसी एजेंसी लिंकरोड जांजगीर -चाम्पा ,जी मेडिको सिद्धि विनायक इलाईट सोल श्याम बाबा शामिल हैं। 2020 -21 में राकेश रेस ट्रेडलिंग प्राइवेट कम्पनी रायपुर को जिले में संचालित 35 आंगनबाड़ी केंद्रों का सुदृढ़ीकरण का कार्य दिया गया था। जिसके लिए 40 लाख 25 हजार के भुगतान का उल्लेख है ,उक्त कार्य भी दोयम दर्जे की है।
क्या कहता है राज्य भंडार क्रय नियम 👇
राज्य भंडार क्रय नियम के नियम -8 के तहत राज्य शासन के अन्य विभागों एवं उनके उपक्रमों से सामाग्रियों का क्रय के उपनियम 8 .1 के अनुसार
पूरक पोषण आहार अंतर्गत विभिन्न प्रकार की खाद्य सामाग्रियों अंडा ,केला ,लड्डू,इत्यादि का क्रय स्व सहायता समूहों से सीधे किए जाने का प्रावधान नहीं है।शासन के अन्य विभागों एवं उनके उपक्रमों से सामग्रियों का क्रय किया जाना है । सीधे तौर पर समझा जाए तो स्व सहायता समूह इन सामाग्रियों के उत्पादनकर्ता फर्म नहीं है। बावजूद कोरबा जिले में इसकी अनदेखी की गई। जगदलपुर में इसी तरह नियमों की अवहेलना कर वित्तीय वर्ष 9 करोड़ 37 लाख ,बलरामपुर में 76 लाख ,अम्बिकापुर में 2 करोड़ की सामाग्री अंडा, केला ,चिकी ,बिस्किट ,रागी की खरीदी की गई है। जांच होने पर ये सभी जिले कार्रवाई की जद में आएंगे।
तो क्या सदन में विपक्ष के सवालों पर निभाई जा रही पत्राचार की औपचारिकता ! 👇
जिस तरह डीएमएफ से प्राप्त राशि का दुरुपयोग ,नियम विरुद्ध क्रय ,बंदरबाट का मामला सदन में गूंज रहा और विपक्ष के दो दो कद्दावर पूर्व मंत्री मौजूदा विधायक बृजमोहन अग्रवाल सहित ध्यानाकर्षण लगाने वाले पूर्व गृहमंत्री रामपुर विधायक ननकीराम कंवर के सवालों पर लगातार संचालक कलेक्टर कोरबा को पत्र व्यवहार कर तत्काल जांच प्रतिवेदन मांग रहीं ,बावजूद कोरबा जिले से निर्देशों का पालन नहीं हो रहा कहीं न कहीं इस बात को बल दे रहा है कि जनता को दिखाने सिर्फ पत्राचार की औपचारिकता तो पूरी नहीं की जा रही। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो डीएमएफ के मामले में उच्च अधिकारी तो दूर लिपिक तक के विरुद्ध कार्रवाई की गाज नहीं गिरेगी। सब कुछ ऊपर के आदेश पर हो रहा। निश्चित तौर पर प्रदेश की खनिज सम्पदाओं से प्राप्त राशि की बर्बादी को लेकर अपेक्षित कार्रवाई जिम्मेदारों पर नहीं हुई तो इसका जवाब सत्तापक्ष से 6 माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में जनता मांगेगी।