कोरबा । कुसमुंडा खदान में नियोजित ठेका कंपनी नीलकंठ के खिलाफ एक बार फिर ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा है। कंपनी प्रबंधन के आश्वासन से मुकर जाने के बाद पुन: ग्रामीणों ने कामकाज ठप कर दिया है, जिससे कंपनी प्रबंधन की चिंताएं बढ़ी हुई है।
शनिवार को पाली, सोनपुरी, बरकुटा और पडनिया के ग्रामीणों द्वारा रोजगार, पेयजल , हैवी ब्लास्टिंग, धूल डस्ट की समस्या को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया गया। सुबह 9 बजे से ग्रामीणों ने खदान में प्रवेश कर के नीलकंठ कंपनी का काम बंद करा दिया। ग्रामीण अलग-अलग टुकडिय़ों में शामिल होकर कंपनी में लगे मिट्टी अथवा कोयला डिस्पेच कर रहें वाहनों को रुकवा दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि नीलकंठ कंपनी के अधिकारियों द्वारा लगातार उन्हें गुमराह किया जा रहा है। कई बार उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उन्हें रोजगार दिया जाएगा, बावजूद इसके तय तिथि में रोजगार नहीं दिया जाता। जिस वजह से यह पूर्व नियोजित यह आंदोलन आज किया गया है। वही बताया जा रहा है कि बीते एक माह पूर्व एसईसीएल प्रबंधन ने बरकुटा गांव के बुधा नामक महिला सहित लगभग 10 लोगों की जमीन को यह कहकर खुदवा दिया कि एक माह के भीतर सभी की विभागीय नौकरी लगवा दी जाएगी, परंतु एक माह की अवधि पार होने के बावजूद भी अभी तक किसी को नौकरी नहीं मिली है। जिस वजह से भी वे आंदोलन कर रहे हैं ।