ड्यूटी लगी नहीं जारी हो गया डाक मतपत्र,मतदान से वंचित रह गए एसईसीएल सहित पब्लिक सेक्टर के 374 कर्मचारी,आयोग तक पहुंची शिकायत,नपेंगे जिम्मेदार !

कोरबा। विधानसभा के लिए होने वाले मतदान से एसईसीएल सहित अन्य पब्लिक सेक्टर के 374 अधिकारी कर्मचारी वंचित हो गए। दरअसल 474 अधिकारी कर्मचारियों को माइक्रो आब्जर्वर की ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण दिया गया था। उनसे डाक मत पत्र के लिए आवेदन भी लिए गए , लेकिन सौ लोगो की ही ड्यूटी लगाई गई। इसकी जानकारी ना तो अधिकारी कर्मचारियों को मिली और ना ही आवेदन निरस्त किया गया, जिससे कर्मचारी निश्चिंत थे। वे मतदान करने बूथ पहुंचे तो डाक मत पत्र जारी होने की बातें सामने आई।बहरहाल मतदान नहीं कर पाने से कर्मचारी अधिकारियो में आक्रोश साफ दिखाई दे रहा था। मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग तक पहुंच गई है। मामले में आयोग से जल्द जिम्मदारों पर उचित कार्रवाई के आसार हैं।

जिले के चार विधानसभा कोरबा, कटघोरा, रामपुर और पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र के लिए शुक्रवार की सुबह 8 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। जब एसईसीएल कोरबा के अधिकारी कर्मचारी अपने-अपने बूथों में मतदान करने पहुंचे तो कई के नाम पर डाक मतपत्र जारी होने की बातें सामने आई। जिससे अधिकारी कर्मचारी चौंक गए। उन्होंने जानकारी ली तो पता चला कि जिला निर्वाचन कार्यालय ने एसईसीएल सहित तमाम पब्लिक सेक्टरों से माइक्रो आब्जर्वर के लिए नाम मांगे थे। एसईसीएल, एनटीपीसी व अन्य पब्लिक सेक्टरों ने 474 अधिकारी कर्मचारियों का नाम भेज दिया था। उन्हें निर्वाचन विभाग के नियमानुसार प्रशिक्षण भी दिया गया। इस दौरान प्रशिक्षण में शामिल अधिकारी कर्मचारी से डाक मत पत्र के लिए आवेदन भी लिए गए, लेकिन ड्यूटी सिर्फ 100 लोगों की लगाई गई। एसईसीएल कोरबा के जीएम ऑफिस में पदस्थ लिपिक भुवनेश्वर कश्यप का कहना है कि निर्वाचन संबंधी तमाम सूचनाएं विभाग के माध्यम से मिलती रही, लेकिन ड्यूटी नहीं लगाए जाने की सूचना दफ्तर से नहीं दी गई, जिससे सभी अधिकारी कर्मचारी निश्चित थे। उन्हें लग रहा था कि अब बूथों में जाकर ही मतदान करेंगे । इसके विपरीत बूथ में पहुंचने पर डाक मत पत्र जारी होने की बातें सामने आई। उनका कहना है कि कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी नहीं लगाए जाने संबंधी सूचना अखबार में प्रकाशित करने की बात कही जा रही है। जिससे कर्मचारियों के सामने ऊहापोह की स्थिति निर्मित हुई।नियमानुसार कार्यालय के माध्यम से ही ड्यूटी निरस्त होने की जानकारी दी जानी थी। बहरहाल मतदान नहीं कर पाने से 374 अधिकारी कर्मचारियों के चेहरे पर आक्रोश साफ झलक रहा है।मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग तक पहुंच गई है। मामले में आयोग से जल्द जिम्मदारों पर उचित कार्रवाई के आसार हैं।