सरगुजा। सरगुजा जिले के मैनपाट के 15 युवा मजदूरों को उत्तरप्रदेश के बागपत में बंधक बनाए जाने का वीडियो सामने आया है। वीडियो में युवक बता रहा है कि उन्हें न तो पैसे दिए जा रहे हैं और न ही वापस भेजा जा रहा है। मजदूरों की इस हालत को लेकर परिजन भी परेशान हैं। वीडियो वायरल होते ही सरगुजा जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। कलेक्टर का कहना है कि एक-दो दिन में मजदूर अपने घर आ जाएंगे।
जानकारी के मुताबिक मैनपाट के सुपलगा गांव के 15 युवकों को 5 महीने पहले मजदूरी कराने के नाम पर दिल्ली ले जाया गया था। वहां से उन्हें यूपी के बागपत ले जाया गया। यहां सभी को अलग-अलग जगहों पर गन्ने के खेतों में काम करवाया जा रहा है ।
घरवालों के संपर्क में हैं मजदूर
बंधक श्रमिकों में सुपलगा गांव के रोहित (19), जसमन (22), संदीप (20), अजीत (22), हरिनाथ (19) समेत 15 युवक शामिल हैं। वे मोबाइल के जरिए अपने परिवारवालों के संपर्क में हैं। परेशान परिजनों ने बताया कि वे वापस आना चाहते हैं, लेकिन उन्हें काम में लगाने वाले कह रहे हैं कि सालभर काम करना पड़ेगा, अभी छह-सात महीने बचे हैं। श्रमिकों को उनकी मजूदरी का भुगतान भी नहीं किया जा रहा, जिससे वे वापस नहीं आ पा रहे हैं।करने के लिए लगा
प्रशासन हुआ सक्रिय, वापस लाए जाएंगे मजदूर
मामले की जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर कुंदन कुमार ने अधिकारियों को फौरन जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए। सरगुजा एसपी सुनील शर्मा ने बागपत एसपी से बात कर श्रमिकों को सुरक्षित वापस लाने को लेकर चर्चा की। बागपत के एसडीएम से नगर निगम आयुक्त अभिषेक कुमार ने भी बात की।
कलेक्टर कुंदन कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए उन्हें श्रमिकों के बंधक होने की जानकारी मिली। जिसके बाद यूपी के बागपत प्रशासन से संपर्क कर उन्हें पूरी बात बताई गई है। जिसके बाद मजदूरों को बंधक बनाने वाले गन्ना किसानों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है।
2 दिन में श्रमिकों के वापस लौटने की उम्मीद
कलेक्टर कुंदन कुमार ने बताया कि बागपत के प्रशासनिक अधिकारियों ने श्रमिकों को काम पर रखने वालों से संपर्क किया है। उनसे श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान करते उन्हें वापस भेजने को कहा गया है। सभी को सकुशल वापस लाया जाएगा। कलेक्टर ने भरोसा दिया है कि दो दिन में मजदूर अंबिकापुर पहुंच सकते हैं।इनमें से ज्यादातर मजदूर विशेष संरक्षित पहाड़ी कोरवा जनजाति के हैं।