हसदेव एक्सप्रेस न्यूज दंतेवाड़ा (भुवनेश्वर महतो ) । पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में डीएमएफ के फंड की लूट की खुली छूट मिली थी। न केवल बिलासपुर ,दुर्ग वरन बस्तर संभाग खासकर दंतेवाड़ा में करोड़ों रुपए का बंदरबाट किया गया। कार्यालय उप संचालक कृषि जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाडा
द्वारा जिला खनिज संस्थान न्यास के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2021 -22 एवं 2022 -23 में कराए गए 25 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों में राज्य भंडार क्रय नियमों की धज्जियां उड़ा न केवल प्रतिबन्धित जेम पोर्टल से सामाग्रियों उपकरणों की खरीदी की गई ,वरन निविदा प्रक्रिया में चहेते फर्मों को लाभ दिलाने नियमों की धज्जियां उड़ा इच्छुक निविदाकारों को पर्याप्त अवसर ही नहीं दिया गया। प्रकरण की मुख्य सचिव से शिकायत पर जांच के आदेश दिए गए थे। लेकिन कृषि विभाग ने राज्य स्तरीय टीम से प्रकरण की जांच कराने के बजाय संभाग स्तरीय संयुक्त संचालक कृषि विभाग की टीम से जांच कराई। दस्तावेजी बयान के बाद भी निर्धारित मियाद में कार्यालय मुख्य सचिव तक जांच प्रतिवेदन नहीं पहुंची।सत्ता परिवर्तन के बाद मामले में जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी जल्द नपेंगे।
यहां बताना होगा कि आदिवासी बाहुल्य आकांक्षी जिलों में शामिल दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा में कार्यालय
उप संचालक कृषि विभाग द्वारा जिला खनिज संस्थान न्यास के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2021 -22 एवं 2022 -23 में स्वीकृत 25 करोड़ रुपए से अधिक के आबंटन में विभिन्न कार्य कराए गए । तत्कालीन उप संचालक कृषि आनंद सिंह नेताम के कार्यकाल में कराए गए कार्यों में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरते जाने ,राज्य भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन कर फर्मों से मिलीभगत कर अनुचित लाभ दिलाने शासन को वित्तीय हानि पहुंचाने की विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिलने पर कार्यालय मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन से दिनांक 04 .10.2023 को शिकायत कर राज्य स्तरीय टीम से जांच की मांग की गई थी। मुख्य सचिव के यहां से सचिव कृषि मंत्रालय के यहां प्रकरण में दिनांक 16 .10.2023 को जांच के आदेश दिए गए थे। सचिव कृषि मंत्रालय ने दिनांक 02 .11.2023 को संचालक कृषि छत्तीसगढ़ शासन को पत्र अंतरित कर जांच के लिए अंतरित कर दिया था। संयुक्त संचालक संचालनालय कृषि ने संयुक्त संचालक कृषि जगदलपुर ,बस्तर संभाग को दिनांक 21 .11 .2023 को शिकायत पत्र मूलतः अंतरित उल्लेखित तथ्यों की जांच कर ,शिकायतकर्ता का बयान दर्ज कर 15 दिवस में जांच प्रतिवेदन मांगा था। जिसके परिपालन में संयुक्त संचालक कृषि जगदलपुर ,बस्तर संभाग ने प्रकरण में 01 .12 .2023 को उप संचालक कृषि जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा को पत्र व्यवहार कर अलग अलग विकासखण्डों के लिए अलग अलग तिथि 5 दिसंबर कटेकल्याण 7 दिसंबर कुआकोंडा , 12 दिसंबर दंतेवाड़ा एवं 14 दिसंबर को गीदम में संबंधित विकासखण्डों के समस्त अभिलेखों /जानकारी के साथ निर्धारित दिनांक एवं समय पर उपस्थित होने के निर्देश दिए थे। आवेदक को 12 दिसंबर को दंतेवाडा में स्वयं आकर बयान दर्ज कराने साक्ष्य प्रस्तुत करने पत्र व्यवहार करने के अलावा सहायक संचालक मदन सिंह शार्दूल ने फोन पर अनिवार्यतः उपस्थिति की बात कही थी। लेकिन ऊपर से लेकर नीचे तक प्रकरण में जिम्मेदारों को बचाने ऐसा खेल खेला गया कि मीटिंग के नाम पर न संयुक्त संचालक बयान दर्ज करने उपस्थित रहे न ही उप संचालक कृषि दंतेवाड़ा मौजूद रहे। कार्यालय संयुक्त संचालक कृषि जगदलपुर से सहायक संचालक कृषि अजय सलामे ,मदन सिंह शार्दूल एवं कार्यालय उप संचालक कृषि दंतेवाड़ा से सहायक संचालक ए के बोस की उपस्थिति में 600 किमी की दूरी तय कर पहुंचे आवेदक ने दस्तावेजी मय बयान दर्ज कराया। लेकिन आज पर्यंत प्रकरण की जांच प्रतिवेदन सक्षम अधिकारी तक नहीं पहुंची। जबकि इसे पत्र व्यवहार के अनुसार दिसंबर माह में ही पहुंच जाना था। माजरा साफ है कांग्रेस शासनकाल में हुए इस करोड़ों रुपए के कार्यों में हुए अनियमितता के मामले में जिम्मदार अधिकारी कर्मचारियों को बचाने पूरा कृषि विभाग लगा है। प्रकरण की शिकायत राजभवन सहित साय सरकार तक पहुंच चुकी है ,आने वाले वक्त में जिम्मेदारों एवं प्रकरण में जांच प्रक्रिया को दबाकर संरक्षण प्रदान करने वालों पर बड़ी कार्रवाई के आसार हैं।
इस तरह उड़ाई गई नियमों की धज्जियां 👇
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कार्यालय उप संचालक कृषि जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाडा ने जिला खनिज संस्थान न्यास के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2021 -22 एवं 2022 -23 में स्वीकृत 25 करोड़ रुपए से अधिक के आबंटन में विभिन्न कार्य कराने निविदा नियमों सहित राज्य भंडार क्रय नियमों की धज्जियाँ उड़ा दी। छत्तीसगढ़ राज्य भंडार क्रय नियमानुसार दिनांक 01 .04.2021 के बाद डीएमएफटी से प्राप्त आबंटन में जेम पोर्टल से खरीदी पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा है बाबजूद इसके निजी स्वार्थ के लिए जेम पोर्टल से करोड़ों रूपए की सामाग्री खरीदी गई ।
20 लाख रुपए से अधिक की निविदा में निविदा आमंत्रण तिथि एवं निविदा जमा करने की तिथि के मध्य 30 दिवस की समयावधि दी जाती है ,लेकिन इच्छुक निविदाकारों को निविदा में भागीदारी का अवसर न देने चहते फर्मों को उपकृत करने इसकी मियाद 10 से 15 दिवस तक रखी गई। इसके अलावा अन्य अनियमितता भी बरती गई।
कराए गए इन कार्यों की हुई थी शिकायत 👇
गीदम ,कुआकोण्डा एवं कटेकल्याण,दंतेवाड़ा विकासखण्ड के वनाधिकार पट्टाधारी कृषकों को सिंचाई क्षेत्र में विस्तार एवं जैविक खेती को प्रोत्साहित करने हेतु 99 लाख 75 हजार की लागत से ड्रिप इरिगेशन स्थापना कार्य ,69 लाख 46 हजार की लागत से
नलकूप खनन ,सबमर्सिबल पंप स्थापना कार्य ,ऊक्त तीनों ब्लाकों सहित दंतेवाड़ा ब्लॉक में 99 लाख 96 हजार की लागत से
स्प्रिंकलर सेट प्रदाय कार्य,1 करोड़ 14 लाख 75 हजार 750 रुपए की लागत से मिनी राइस मिल प्रदाय कार्य , लघु सीमांत ,महिला एवं वनाधिकार पट्टाधारी कृषक के साथ गौठान ग्रामों के कृषकों को 41 लाख 92 हजार की लागत से
कृषि उपकरण मिनी राईस मिल ,विद्युत पंप (2 एचपी )वितरण कार्य , कटेकल्याण कुआकोंडा एवं दंतेवाड़ा ब्लाक के गोठान ग्रामों में सीमांत एवं महिला कृषकों के खेत में धान फसल कटाई हेतु 60 लाख 57 , हजार की लागत से ब्रश कटर प्रदाय कार्य ,जिले के चारों ब्लाकों में 78 हितग्राहियों के लिए 1 करोड़ 1 लाख की लागत से पानी टँकी एवं संरचना निर्माण कार्य ,कृषक समूहों को ट्रेक्टर एवं सहायक यंत्र प्रदाय कार्य ,एनजीजीबी के तहत गौठान बाड़ी ,कृषि पशुपालन ,मत्स्य एवं उद्यानिकी विभाग से संबंधित कार्य के तहत जिले के लघु सीमांत एवं महिला कृषकों के गरीबी उन्मूलन हेतु आदर्श सिंचाई सुविधा ( डीजल पंप 3HP (EMB -10 ) सहायक सामाग्री सहित प्रति नग 27 हजार 400 रुपए की दर से 79 लाख 76 हजार की लागत से 290 नग ,जिले के लघु सीमांत एवं महिला कृषकों के गरीबी उन्मूलन हेतु आदर्श सिंचाई सुविधा ( विद्युत पंप 2HP (PS2-1577 ) सहायक सामाग्री सहित प्रति नग 19 हजार 132 रुपए की दर से 95 लाख 66 हजार की लागत से 500 नग ,गौठानों में 51 लाख की लागत से चारों ब्लॉक में 68 नग ड्रिप सिस्टम स्थापना ,98 लाख की लागत से 400 नग स्प्रिंकलर सेट वितरण , लघु सीमांत महिला कृषक के लिए
41 लाख 25 हजार की लागत से ड्रिप सिस्टम की स्थापना कार्य ,कृषि एवं अन्य सम्बद्ध गतिविधियों के लिए 2 करोड़ 80 लाख 31 हजार 200 रुपए की लागत से बीज ,यंत्र प्रशिक्षण ,मशरूम उत्पादन ,फसल उत्पादन कार्य ,सतत जीविकोपार्जन अन्तर्गत 70 लाख 90 हजार की लागत से रबी सब्जी मिनिकिट फसल प्रदर्शन कार्य सतत जीविकोपार्जन के लिए रबी ग्रीष्मकालीन सब्जी मिनिकिट फसल प्रदर्शन कार्य कराया गया है। जनपद पंचायत गीदम के ग्राम पंचायत छिंदनार में 1 करोड़ 25 लाख की लागत से सिंचाई की सुविधा की आपूर्ति हेतु लघु सिंचाई योजना (उद्वहन सिंचाई योजना सोलर पम्प सहित )निर्माण कार्य ,जिले के कृषकों को कृषि कार्य हेतु 3 करोड़ 87 लाख की लागत से ब्रश कटर ,पावर ,वीडर,रीपर व अन्य आवश्यक उपकरण सामाग्री प्रदान किया गया है। जनपद पंचायत गीदम के ग्राम पहुनार में 29 हितग्राहियों के लिए 1 करोड़ 24 लाख की लागत से लघु सिंचाई योजना (उद्वहन सिंचाई योजना 10 एच.पी .विद्युत पम्प )निर्माण कार्य , (उद्वहन सिंचाई योजना 10 एच.पी .सोलर पम्प )निर्माण कार्य ,जनपद पंचायत कटेकल्याण के ग्राम भुसारस में 93 लाख 30 हजार की लागत से (उद्वहन सिंचाई योजना 10 एच.पी .विद्युत पम्प )निर्माण कार्य , द्विफसलीय क्षेत्र विस्तार एवं उतेरा फसल प्रोत्साहन हेतु 58 लाख 99 हजार 400 की लागत से बीज प्रदाय कार्य शामिल है।
ग्राम मुचनार में 56 लाख 92 हजार की लागत से 11000 मीटर में चैनलिंक फेंसिंग कार्य ,,ग्राम पाहुरनार में 26 लाख 2 हजार की 500 की लागत से 5000 मीटर में चैनलिंक फेंसिंग कार्य ,जनपद पंचायत गीदम में ग्रामीण औद्योगिक पार्क (आरआईपीए ) अंतर्गत गौठानों में 42 लाख 30 हजार की लागत से प्राकृतिक पेंट निर्माण इकाई स्थापना कार्य , जिले में गरीबी उन्मूलन अन्तर्गत 1 करोड़ 69 लाख 69 हजार की लागत से कृषि यंत्र स्प्रिंकलर ,पावर वीडर ,ब्रशकटर ,बैटरी स्प्रेयर वितरण कार्य भाग एक ,एवं जिले में गरीबी उन्मूलन अन्तर्गत 1 करोड़ 55 लाख 47 हजार 500 की लागत से कृषि यंत्र स्प्रिंकलर पावर वीडर ,ब्रशकटर
बैटरी स्प्रेयर वितरण कार्य भाग दो ,जनपद पंचायत कटेकल्याण के ग्राम पंचायत बेंगलूर में सिंचाई सुविधा की आपूर्ति हेतु 1 करोड़ की लागत से लघु सिंचाई योजना (उद्वहन सिंचाई योजना सोलर पंप सहित )निर्माण कार्य भाग -एक ,जनपद पंचायत कटेकल्याण के ग्राम पंचायत बेंगलूर में सिंचाई सुविधा की आपूर्ति हेतु 1 करोड़ की लागत से लघु सिंचाई योजना (उद्वहन सिंचाई योजना सोलर पंप सहित )निर्माण कार्य भाग -दो ,जिले के कृषकों को पूना महाकाल गरीबी उन्मूलन के तहत कृषि कार्य से आजीविका संवर्धन हेतु एक करोड़ की लागत से चैनलिंक तार फेंसिंग कार्य ,खरीफ 2022 में कोदो कुटकी रागी बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत 24 लाख 75 हजार की लागत से कृषकों को कृषि आदान सामाग्री प्रदाय कार्य भाग -दो ,खरीफ 2022 में कोदो कुटकी रागी बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत 27 लाख 1 हजार की लागत से कृषकों को कृषि आदान सामाग्री प्रदाय कार्य भाग -एक ,जनपद पंचायत गीदम के ग्राम पाहुरनार आश्रित ग्राम बड़ेकरका में लघु उद्वहन सिंचाई हेतु 65 लाख 34 हजार की लागत से 10 एच.पी .सोलर पम्प स्थापना कार्य ,जनपद पंचायत दंतेवाड़ा के ग्राम बासनपुर में सिंचाई सुविधा की आपूर्ति हेतु
1 करोड़ 56 लाख की लागत से
लघु सिंचाई योजना (उद्वहन सिंचाई योजना सोलर पंप सहित )निर्माण कार्य ,सतत जीविकोपार्जन अन्तर्गत आजीविका संबंधी विभिन्न कार्य के तहत भैरमबंध में कृषकों के कृषि भूमि पर 17 लाख 47 हजार 470 रुपए की लागत से सामूहिक चैनलिंक तारफेंसिंग कार्य ,आश्रित ग्राम बड़ेकरका में लघु उद्वहन सिंचाई हेतु 65 लाख 34 हजार की लागत से 10 एच.पी .सोलर पम्प स्थापना कार्य ,
सतत जीविकोपार्जन अन्तर्गत आजीविका संबंधी विभिन्न कार्य के तहत भैरमबंध ,बालपेट में कृषकों के कृषि भूमि पर 17 लाख 47 हजार 470 रुपए की लागत से सामूहिक चैनलिंक तारफेंसिंग कार्य ,जिले में जैविक खेती करने वाले कृषक समूहों को 1 करोड़ 56 लाख 93 हजार की लागत से जैविक खेती एवं स्थायी आजीविका के क्षेत्र में क्षमता एवं संस्थागत विकास कार्य एवं जिले में नदी के किनारे खेती किसानी करने हेतु कृषकों को 61 लाख 48 हजार की लागत से बीज वितरण ,ओपन बेल विद्युत पम्प ,5 एचपी सहायक सामाग्री एवं ओपन बेल विद्युत पम्प 3 एचपी प्रदाय कार्य शामिल है।
तो बस्तर संभाग के सभी विभागों के कार्यों की जांच हो
जिस तरह पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में डीएमएफ के फंड की लूट की खुली छूट मिली उसे देखते हुए न केवल बिलासपुर ,दुर्ग संभाग के अलावा दंतेवाड़ा वरन बस्तर संभाग के सभी जिलों ,बस्तर ,कोंडागांव ,कांकेर ,बीजापुर ,सुकमा ,नारायणपुर में कराए गए कार्यों की साय सरकार को लोकहित में जांच करनी चाहिए। वैसे भी विधानसभा चुनाव पूर्व के चुनावी जनसभाओं में केंद्रीय गृहमंत्री इस बात का जनता से वादा कर चुके हैं कि डीएमएफ के 8 हजार करोड़ के पाई पाई का हिसाब लिया जाएगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अब साय सरकार इन वादों को पूरा करती हुई डीएमएफ के फंड की पाई पाई का हिसाब लेगी या फिर हमेशा की तरह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कांकेर के यहाँ 11 करोड़ के चिकित्सा उपकरणों में हुए घोटाले की शिकायत पर कमिश्नर के यहां से जांच के आदेश की फाइल कार्यालय जिला पंचायत कांकेर 2 माह से दबाकर बैठी है। ये ऐसे मामले हैं जिनमें संबंधितों की शासकीय सेवाएं खतरे में पड़ सकती है।
इन बिंदुओं पर कार्यों की जांच की मांग की गई थी 👇
1 .क्रय किए गए सामाग्रियों ,कृषि उकरणों के क्रय /भुगतान प्रक्रिया की जांच करावें।
2 .सामग्रियों का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित किया जावे।
3 .क्रय किए गए एवं कराए गए कार्यों के बिल व्हाउचर्स का परीक्षण किया जावे।
4 प्रदाय किए गए सामग्रियों ,कृषि उपकरणों के फोटोग्राफ्स एवं पूर्णता प्रमाण पत्र का परीक्षण किया जावे।
5 .कार्यालय में संधारित केश बुक/ चेक पंजी, देयक व्हाउचर्स का परीक्षण किया जावे।
6 .फर्मों द्वारा प्रस्तुत बिल का परीक्षण किया जावे।
7 .फर्मों के द्वारा प्रदाय किए गए सामग्रियों की वीडियोग्राफी कराई जाए।
8 .जिला स्तरीय क्रय समिति,भौतिक सत्यापन समिति के सदस्यों के हस्ताक्षर का परीक्षण किया जावे।
9 .गौठान समितियों ,हितग्राहियों से प्राप्त पावती/संतुष्टि प्रमाण पत्र का परीक्षण किया जावे।
10 .निजी ,सामूहिक चैनलिंक फेंसिंग ,ड्रिप सिस्टम,स्प्रिंकलर सेट ,विद्युत पम्प ,सोलर पम्प ,मिनी राइस मिल ,पावर वीडर ब्रश कटर ,बैटरी स्प्रेयर वितरण ,पानी टँकी संरचना के प्राक्कलन ,बाजार दर ,अंतिम माप पुस्तिका सहित गुणवत्ता का परीक्षण किया जावे।
11 . उक्त कार्यों के लिए प्राप्त मांग पत्र का परीक्षण किया जावे।
12.ऊक्त कार्य के लिए प्रकाशित निविदा प्रक्रिया /ईश्तहार प्रकाशन की जांच की जावे,बहु प्रसारित राष्ट्रीय समाचार पत्रों में ईश्तहार प्रकाशन न कर प्रतिभागियों ,इच्छुक निविदाकारों को पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया है।
वर्जन
पूर्व अधिकारी के कार्यकाल का मामला,सब नियमानुसार हुआ ,हमसे कुछ अपेक्षा हो तो बताएं
हमसे पूर्व अधिकारी के कार्यकाल का मामला है ,उन्होंने सारे कार्य नियमानुसार होना बताया है। जांच करके टीम जा चुकी है। मुझसे कोई सहयोग की अपेक्षा हो तो बताएँ।
सूरज पंसारी ,उप संचालक कृषि ,जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा (छग)