उरगा -पत्थलगांव भारतमाला मार्ग :एनएचएआई ने की सरपंच के मांग की अनदेखी ,पुलिया और नहर की स्वीकृति अटकी ,जल संकट से आशंकित ग्रामीणों में आक्रोश

कोरबा। ग्राम करतला के अंतर्गत शिव मंदिर रास्ता से ढ़ोड़ी एवं तालाब के बीच में NH No. 87+350 के पास आरसीसी पुलिया निर्माण एवं आरसीसी नहर निर्माण कार्य स्वीकृति प्रदाय करने बावत् सरपंच द्वारा की गई मांग व पत्र पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। इसके कारण भविष्य के पानी का संकट ग्रामीणों के समक्ष उत्तपन्न होगा।

इस संबंध में परियोजना निर्देशक, राष्ट्रीय राजमार्ग 130/ए उरगा- पत्थलगांव रोड भारत माला प्रोजेक्ट के नाम एक आवेदन ज्ञापन ग्राम पंचायत करतला की सरपंच शीलमणी राठिया ने 19 मार्च 2024 को प्रेषित किया था।
उन्हें सहित कोरबा कलेक्टर को भी अवगत कराया गया था कि दिनांक 23.01.2024 को ग्राम पंचायत करतला की बैठक सरपंच श्रीमती शीलमणी राठिया की अध्यक्षता में आहूत किया गया, जिसमें उपस्थित पंचों के समक्ष विषय रखा गया कि ग्राम करतला के अंतर्गत शिव मंदिर रास्ता से ढ़ोड़ी एवं तालाब के बीच NH No. 87+350 के पास पी व्ही पी पास के नीचे आरसीसी पुलिया निर्माण एवं आरसीसी नहर निर्माण कार्य स्वीकृत प्रदाय करने हेतु प्रस्तावित है। किन्तु इस पर आज तक संज्ञान नहीं लिया जा सका है।

बड़ी आबादी इस पर निर्भर

निर्माण स्थल पर ढोडी है और तालाब है उस पर गांव की आधा से ज्यादा आबादी तालाब के पानी से निस्तार करते हैंऔर ढोडी का पानी पीते हैं। अगल बगल खेत के होने से पानी निस्तारी के लिए आरसीसी नहर निर्माण एवं अंदर पासिंग पीवीपी पासिंग की मांग की गई थी सरपंच के द्वारा किया गया जिसमें कोई भी कार्यवाही नहीं हुआ।

आक्रोशित ग्रामीणों ने काम रुकवाया तो मिला आश्वासन,

निर्माणाधीन उरगा-पत्थलगांव भारतमाला परियोजना मार्ग की निर्माणकर्ता कंपनी दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड की कार्यप्रणाली से नाराज करतला के ग्रामीणों ने शुक्रवार को कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और काम बंद कराने धरना पर बैठ गए थे। ग्रामीणों का कहना है कि कम्पनी ने जल निकासी मार्ग को बंद कर दिया है। ग्रामीणों को एनएचआई द्वारा कई बार आश्वासन दिया जा चुका है लेकिन जलनिकासी मार्ग के लिए अभी तक कोई विचार नहीं किया गया है।
जलनिकासी मार्ग के अभाव में बड़े तालाब में अधिक पानी भरने से तालाब का तटबंध टूट जाएगा तथा उसके नीचे स्थित अन्य 4-5 तालाबों के तटबंध टूट जाएंगे, जिससे किसानों को भारी नुकसान होगा तथा जलनिकासी मार्ग के अभाव में किसानों की लगभग 6-7 सौ एकड़ सिंचित खेती प्रभावित होगी जिसके कारण यह कदम उठाना पड़ा। यहां पहुंचे dbl के साइट इंचार्ज ने आश्वस्त किया है कि 15 मई को जीएम आ रहे हैं जिनसे समाधान होगा।