आकांक्षी जिला कोरबा में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी!

प्रधान पाठक ,प्राचार्य के कमीशन की मांग ,आरक्षक द्वारा जेल भेजने की धमकी से आहत प्रशिक्षक ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार ,डीईओ ने डीपीआई को कार्रवाई के लिए भेजा प्रतिवेदन ,जानें मामला ….

कोरबा। केन्द्रीय योजना रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण भी आकांक्षी जिला कोरबा में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।शासकीय उच्च मा. शाला कोथारी व पूर्व माध्य. शाला कोथारी के प्राचार्य व प्रधान पाठक पर एक प्रशिक्षक ने भ्रष्टाचार (कमीशन मांगने)के गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही आरक्षक पर बिना जांच जेल भेजने की धमकी देने का आरोप है। मामले में पीड़ित प्रशिक्षक ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है।

पीड़ित का नाम करण कुमार बरेठ है, जो ग्रा. पं. नवापारा, का रहने वाला है।
एसपी के नाम सौंपे गए ज्ञापन में उसने बताया है कि उसके द्वारा पूर्व से दिनॉक 26/06/24 को शासः उच्च मा शाला कोथारी व पूर्व माध्य. शाला कोथारी के प्राचार्य व प्रधान पाठक द्वारा दिये जा रहे मानसिक तनाव पर एसपी कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। शास. उच्च माध्य. शाला कोथारी व पूर्व माध्य. शा कोथारी के प्राचार्य कमल नारायण भार‌द्वाज व प्र. प्रधान पाठक तुलाराम भार‌द्वाज द्वारा उसके ऊपर पत्र के माध्यम से दबाव डाला जा रहा है कि रानी लक्ष्मी बाई आत्म रक्षा प्रशिक्षण की जो जानकारी उसके द्वारा पूर्व में दे दी गई है उसी को फिर से उन्हें दिया जाए। उनका कहना है की उसकी उपस्थित पंजी प्राचार्य कार्यालय से गुम गया। जिसके लिए उससे पुनः सारी जानकारी मांगी जा रही है। उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार के चलते उनके ‌द्वारा मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। उरगा थाना के प्र. आरक्षक अजय पाण्डे बिना जांच किये उसे जेल भेजने की बात कह रहे हैं। जिसके कारण वह तनाव में है उसने कार्रवाई की मांग की है।

डीईओ ने लोक शिक्षण संचनालय भेजा है प्रतिवेदन

पीड़ित द्वारा केन्द्रीय योजना रानी लक्ष्मी बाई आत्मारक्षा प्रशिक्षण के अंतर्गत शा.उ.मा.वि. कोथारी व शा.पूर्व माध्य. विद्यालय कोथारी वि.खं-करतला में 03 माह प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण उपरांत प्राचार्य एंव प्रधान पाठक के द्वारा श्री बरेठ के खाते में 5000.00 (पांच हजार रूपए) के दर से 03 माह की कुल राशि 30000.00 (तीस हजार रूपये) श्री बरेठ के खाते में अंतरित की गई है। जिनमें से प्राचार्य व प्रधान पाठक के द्वारा 10000 (दस हजार रूपये) की मांग किया गया है। जिसका श्री बरेठ के द्वारा आडियो एव विडीयो बनाया गया है। इस मामले में डीईओ ने लोक शिक्षण संचनालय को प्रतिवेदन भेजा है, जिसमें कहा गया है कि उक्त शिकायत की जांच विकासखंड शिक्षा अधिकारी करतला के द्वारा किया गया है। जांच प्रतिवेदन में दिये गये अभिमत में कमल नारायण भारद्वाज प्राचार्य, शा.उ.मा.वि कोथारी व तुलाराम भारद्वाज प्रधान पाठक मा.शा. कोथारी के बयानों के आधार यह कहा जा सकता है कि प्रशिक्षक करण बरेठ द्वारा दोनों विद्यालयों के छात्र/छात्राओं को 20-25 मिनट प्रशिक्षण दिया जाता था। जब प्रशिक्षण नियमानुसार नहीं दिया गया तो प्रशिक्षक को 15000-15000 के मान से 30000 रूपये प्राचार्य व प्रधान पाठक द्वारा भुगतान नहीं किया जाना था। करण बरेठ के प्रस्तुत आडियों एंव विडियो क्लीप व 5000-5000 रूपये प्राचार्य व प्रधान पाठक के खाते में अंतरित करने का प्रयास किया गया था। जो करण बरेठ के बयान के आधार पर सर्वर फेल होने के कारण ट्रांजेक्शन फेल होना बताया गया है। जो सही प्रतीत होता है। आडियो विडियो क्लीप मे आवाज एव फोटोग्राफ देखने से आडियो मे आवाज प्राचार्य का और विडियो में प्रधान पाठक का फोटोग्राफ, आवाज प्रतीत होता है। जिसके कारण इनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु अनुशंसा किया गया है।

तो पूरे जिले में प्रशिक्षण के जांच की दरकार

रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण योजना के पीछे शासन की मंशा बालिकाओं को आत्मरक्षा का गुर सिखाना है। ताकि वे आपात स्थिति में स्वयं को महफूज करने के लिए सक्षम हो सकें। लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में यह केंद्रीय योजना शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की वजह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। शुरू से इस योजना में प्रशिक्षण के नाम पर कमीशनखोरी की चर्चाएं रही है। लेकिन कार्रवाई के भय से कोई आगे आकर भ्रष्टाचार का खेल को उजागर करने की जहमत नहीं उठा रहा था। लेकिन इस बार भ्रष्टाचार की डिमांड से आहत युवा प्रशिक्षक ने सिस्टम में भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी। हालांकि शिकायत के 3 माह बाद भी आज पर्यंत जिम्मदारों पर कार्रवाई नहीं होने से शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो भ्रष्टाचार की जड़ें कहीं और है जहां से संरक्षण मिलने पर शिक्षक भी खुलेआम कमीशन की मांग करने नहीं हिचक रहे।