सक्ती । छत्तीसगढ़ में ठगों ने आम जनता को हलाकान पुलिस को हैरान कर रखा है।
सीमावर्ती सक्ती जिले में यहां बालीवुड फिल्म स्पेशल-26 की तर्ज पर शातिर ठगों ने एसबीआई बैंक में भर्ती की वैकेेंसी निकाल दी। यही नहीं ठगो ने बकायदा बैंकिंग की ट्रेनिंग देने के बाद भर्ती के नाम पर जहां लाखों रूपये वसूल किए , वहीं ये ठगी असली लगे इसके लिए एसबीआई का फर्जी ब्रांच भी ओपन कर दिया गया, जहां स्थानीय लोग बैंक खाता खुलवाने पहुंचने लगे थे।
गौरतलब है कि शातिर ठग आज शिक्षित बेरोजगारों को सबसे ज्यादा अपना शिकार बना रहे है। ऐसा ही मामला सक्ती जिले में सामने आया है। यहां बालीवुड मूवी स्पेशल 26 की तर्ज पर शातिर ठगों ने एसबीआई बैंक में भर्ती के नाम पर शिक्षित युवाओं को ठगी का शिकार बनाया है। बताया जा रहा है कि शातिर ठगो ने बकायदा बैंक में नौकरी के लिए इंटरेस्टेड अभ्यर्थियों से पहले संपर्क किया। इसके बाद बकायदा फार्म भरवाने के बाद उन्हे एसबीआई की फेक ज्वाइनिंग लेटर देकर उनकी ट्रेनिंग करायी गयी। एसबीआई बैंक में नौकरी के एवज में बकायदा ठगो ने नौकरी की चाह रखने वाले लोगों से लाखों रूपये की वसूली की गयी।ठगी का शिकार लोगों को ज्वाइनिंग लेटर देने के बाद शातिर ठगो ने बकायदा सक्ती जिला के वैभवी कॉम्प्लेक्स में किराये के मकान में कथित एसबीआई का ब्रांच भी खोल दिया था, जहां ठगी का शिकार हुए 6 युवाओं को नियुक्ति दी गई थी। इन युवाओं से 2 लाख से लेकर 6 लाख रुपए तक लिए गए। देश के सबसे बड़े बैंक में नौकरी की चाहत में पैसे देने के लिए युवाओं ने कर्ज लिया और गहने तक गिरवी रखे। पुलिस ने बताया कि इस पूरे प्रकरण में खुद को कथित बैंक का मैनेजर बताने वाले पंकज सहित रेखा साहू और मंधीर दास के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है।
बैंक का ब्रांच खोलने लिया किराये का मकान…
शातिर ठगो ने इस पूरे मामले को असली जैसा साबित करने के लिए बकायदा सक्ती के वैभवी कॉम्प्लेक्स में 7 हजार रूपये किराये पर एक मकान लिया था। इसमें 2 कमरे, एक हॉल, किचन और वॉशरूम था। यह कॉम्प्लेक्स स्थानीय निवासी तोषचंद्र का है। बताया जा रहा है कि गांव में एसबीआई का ब्रांच खुलने पर लोग भी बकायदा खाता खुलवाने के साथ ही लोन संबंधित जानकारी लेने पहुंच रहे थे। लेकिन आम लोग इस फर्जी बैंक की जाल में अपनी गाढ़ी कमाई को डुबाते, उससे पहले ही पुलिस ने इसका पर्दाफाश कर दिया।
जब असली एसबीआई के मैनेजर को हुई जानकारी….
सक्ती के गांव में एसबीआई का ब्रांच खुलने से गांव के लोग काफी खुश थे। स्थानीय ग्रामीण अजय कुमार अग्रवाल 27 सितंबर को ब्रांच में अपना खाता खुलवाने के लिए पहुंचे थे। पूछताछ के दौरान उन्हें बताया गया कि अभी बैंक का सर्वर नहीं जुड़ा है। सर्वर जुड़ते ही खाता खुल जायेगा। इस पर उन्होंने खाता खुलवाने के लिए दस्तावेज मांगे। उस पर ब्रांच कोड नहीं लिखा था। बाहर बोर्ड और अन्य जगह भी ब्रांच कोड नहीं था। इसके बाद वह डभरा स्थित एसबीआई ब्रांच पहुंचकर इस बात की जानकारी देते हुए मामले की शिकायत की। जिसके बाद डबरा ब्रांच मैनेजर शेखर राज मौके पर पहुंचे और मकान के बाहर एसबीआई बैंक का बोर्ड लगा पाया । मौके पर पूछताछ करने पर कर्मचारी गोल-मोल जवाब देने लगे। इसके बाद उन्होने पुलिस को इसकी जानकारी दी।
ठगी का शिकार युवाओं ने कर्ज और गहने बेचकर दिये पैसे
एसबीआई के कथित ब्रांच में के लिए चयनित संगीता कंवर ने पुलिस को बताया कि उनको बकायदा ट्रेनिंग देने के बुलाया गया था। यहां आए तो पता चला कि ब्रांच ही फर्जी थी। ठगो ने उनसे 5 लाख रुपए मांगे थे। कहा गया था कि नौकरी में 30 से 35 हजार रुपए का वेतन दिया जाएगा। वहीं कर्मचारी के रूप में काम कर रहीं ज्योति यादव ने बताया कि उसने अपने दस्तावेज जमा किए,बायोमैट्रिक्स पूरा किया। ज्वाइनिंग कन्फर्म होने पर 30 हजार वेतन देने की बात कही गयी थी। थाना प्रभारी राजेश पटेल ने बताया कि कोरबा निवासी संगीता से 2.50 लाख रुपए, लक्ष्मी यादव से 2 लाख रुपए, परमेश्वर राठौर से 3 लाख रूपये और कवर्धा निवासी पिंटू मरावी से 5.80 लाख रुपए लिए गए। आरोप है कि ये रकम रेखा साहू और मनधीर दास को दी गई।