आकांक्षी जिला कोरबा के बरपाली परियोजना में आंगनबाड़ी सहायिका की नियुक्ति आदेश जारी करने के एवज में सभापति देवीबाई रजवाड़े मांग रहीं 50 हजार की रिश्वत !जनपद सदस्यों ने लगाया गंभीर आरोप ,कलेक्टर से की कार्रवाई की मांग,मची खलबली ,देखें शिकायत पत्र …..

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बरपाली परियोजना के आंगनबाड़ी केंद्रों में सहायिका के रिक्त पदों पर की जा रही भर्ती प्रक्रिया में मेरिट सूची जारी उपरांत चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति आदेश जारी करने के एवज में स्थाई समिति की सभापति पर 50 -50 हजार रुपए रिश्वत मांगे जाने की गम्भीर शिकायत सामने आई है। पूर्व जनपद अध्यक्ष 2 जनपद सदस्यों ने कलेक्टर से इसकी शिकायत की है। जनपद सदस्यों ने चयनित उम्मीदवारों को शीघ्र नियुक्ति दिलाने के साथ साथ सभापति पर कार्रवाई की मांग की है। उक्त शिकायत पत्र से खलबली मची है।

जनपद पंचायत करतला के अंतर्गत क्षेत्र क्रमांक 18 जर्वे के जनपद सदस्य लक्ष्मीन कंवर एवं क्षेत्र क्रमांक 23 के जनपद सदस्य श्यामलाल टण्डन के कलेक्टर को सौंपे शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा करतला विकासखंड के बरपाली परियोजना में भी आंगनबाड़ी सहायिका के स्वीकृत पदों पर भर्ती की जा रही है। जिसमें कुमारी सीमा पिता स्व .सेवक राम,ग्राम – जर्वे ,श्रीमती उत्तम बाई पति स्व .उचित राम ग्राम जर्वे एवं सोनिया कुमारी पिता श्यामलाल ग्राम -अमलडीहा ने मेरिट सूची में जगह बनाई है ,जिसकी नियुक्ति पत्र जारी करने के एवज में महिला एवं बाल विकास की सभापति देवी बाई रजवाड़े प्रति व्यक्ति 50 -50 हजार रुपए की मांग की जा रही है ,एवं नहीं देने की वजह से नियुक्ति पत्र में रोक लगा दी गई है।उन्होंने चयनित उम्मीदवारों को शीघ्र नियुक्ति दिलाने के साथ साथ सभापति पर कार्रवाई की मांग की है । उक्त शिकायत के बाद महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है। जिला गठन के बाद पहली बार किसी जनप्रतिनिधि पर नियुक्ति के एवज में भ्रष्टाचार का यह गम्भीर आरोप लगा है।
बहरहाल उक्त शिकायत के संदर्भ में सभापति का पक्ष नहीं आ सका है।

तो डीपीओ को है सीधे नियुक्ति आदेश जारी करने अधिकार

बताया जा रहा है सहायिकाओं की नियुक्ति प्रक्रिया में गठित 4 सदस्यीय चयन समिति में जनपद सीईओ ,सीडीपीओ बीएमओ,बीईओ शामिल हैं । समिति ने संपूर्ण दस्तावेजों का परीक्षण कर अनुमोदन भी कर दिया है,लेकिन स्थाई समिति की सभापति का अनुमोदन बाकी है। नियमानुसार 21 दिनों के भीतर स्थाई समिति को 3 बैठक कर चयन सूची को अनुमोदित करना रहता है। उक्त समिति के द्वारा निर्धारित मियाद में चयन सूची का अनुमोदन कर नियुक्ति आदेश जारी नहीं कर पाने की स्थिति में महिला एवं बाल विकास विभाग की डीपीओ को सीधे नियुक्ति आदेश जारी करने का अधिकार है। उक्त प्रकरण में दो बैठकें हो चुकी हैं। जिसमें एक में सभापति का अनुमोदन है दूसरे में नहीं होने की बात सामने आ रही। तीसरी व अंतिम बैठक सोमवार को है। इस बैठक में भी अगर जारी चयन सूची का अनुमोदन नहीं होता है तो डीपीओ सीधे नियुक्ति आदेश जारी कर सकती हैं।