सत्ता एक ,व्यवस्थाएं अलग ,नगर निगम में मिली इंट्री ,जिला पंचायत के सामान्य सभा में मीडिया को नो इंट्री ,उठ रहे सवाल

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । सत्ता परिवर्तन के बाद 10 साल के लंबे इंतजार के उपरांत नगर निगम कोरबा के सामान्य सभा की बैठक में शामिल होने मीडिया और आमजन को महापौर सभापति की विशेष पहल से प्रवेश मिल गया कार्रवाई को देखने का अवसर मिल गया । लेकिन जिला पंचायत में इस व्यवस्था का अभी भी इंतजार है। जिला पंचायत में भी भाजपा की सत्ता होने के बाद अब मीडिया की निगाहें जिला पंचायत पर टिकी हुई हैं।

ग्राम पंचायतों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग , शासन की समस्त योजनाओं का क्रियान्वयन होता है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के रूप में निर्वाचित जनप्रतिनिधि सीधे अपने क्षेत्र के अधीन आने वाले ग्राम पंचायतों में व्याप्त समस्याओं ,योजनाओं के क्रियान्वयन में खामियों को लेकर जनता की आवाज बनकर जिला पंचायत की सामान्य सभा में उन मुद्दों को प्रमुखता से रखते हैं। नगर निगम की सामान्य सभा की कार्रवाई में मीडिया की इंट्री ,मौजूदगी के बाद निर्वाचित पार्षदों ने पहले ही सामान्य सभा में काफी दमदारी ,पूरी ऊर्जा से सदन में अपनी बात रखी।

नगर निगम के सामान्य सभा की कार्रवाई में मीडियाकर्मियों को मिली थी मौजूदगी

लेकिन हाल ही में जिला पंचायत के पहले सामान्य सभा जो नगर निगम के सामान्य सभा से 3 दिन पूर्व 24 मार्च को संपन्न हुआ ,उसमें मीडिया को प्रवेश तो दूर जनसंपर्क के माध्यम से बैठक पूर्व इसकी सूचना तक प्रसारित नहीं की गई। हालांकि सामान्य सभा संपन्न होने के उपरांत जरूर समाचार जारी किया गया। जिला पंचायत में भी भाजपा की ही सत्ता है लिहाजा हसदेव एक्सप्रेस ने सामान्य सभा संपन्न होने के उपरांत जिला पंचायत के अध्यक्ष एवं सामान्य सभा के सभापति से यह जानना चाहा कि आखिर ऐसी व्यवस्था जिला पंचायत में लागू कब होंगी?

जिला पंचायत सीईओ ने की आपत्ति !

जिला पंचायत अध्यक्ष ने अनाधिकृत तौर पर कहा कि हमने जिला पंचायत सीईओ से हाल ही में संपन्न हुए सामान्य सभा की पहली बैठक पूर्व मीडिया को प्रवेश देने संबंधी बातों पर चर्चा की । लेकिन जिला पंचायत सीईओ ने इस व्यवस्था को लागू करने सहमति नहीं जताई । जिससे 10 साल बाद जिला पंचायत की सामान्य सभा में मीडिया की मौजूदगी सुनिश्चित नहीं हो सकेगी।

आखिर किसका भय ?

सामान्य सभा की बैठक में मीडिया की मौजूदगी छत्तीसगढ़ गठन से ही होती आई हैं। जिला पंचायत में 10 साल पूर्व भाजपा शासनकाल में ही तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शकुंतला कंवर के कार्यकाल में सामान्य सभा मे मीडिया की सहज मौजूदगी रहती थी। एक मर्तबा तो उन्होंने मीडियाकर्मियों की मौजूदगी की आपत्ति पर तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ की ही सामान्य सभा में फटकार लगा दी थी।उन्होंने कहा था कि मीडिया के भाई हमारी आवाज हैं और हम जनता की ,सामान्य सभा के अध्यक्ष हम हैं बैठक में कौन शामिल होगा या नहीं यह विशेषाधिकार हमारा है आप कैसे आपत्ति कर सकते हैं। बाद में जिला पंचायत अध्यक्ष से टकराहट की वजह तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ का जिले से तबादला कर दिया गया था। उस दौरान मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष तब जिला पंचायत सदस्य के तौर पर इस घटनाक्रम साक्षी थे।
लेकिन बदलते वक्त के साथ कांग्रेस शासनकाल से सामान्य सभा में मीडिया की एंट्री को पूरी तरह बैन कर दी गई। अब सवाल यह उठता है आखिर अफसरों को जनप्रतिनिधियों की बैठक में उनकी
इच्छानुरूप मीडिया की मौजूदगी से कैसा भय ?क्या शासन द्वारा जिले के पंचायतों में संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में इतनी खामियां हैं कि सामान्य सभा में अधिकारी द्वय को मीडिया की मौजूदगी में सदन में जवाब देना मुश्किल हो रहा निरुत्तर हो रहे ?या फिर मीडियाकर्मियों की बढ़ती तादात को देखते हुए सामान्य सभा में उनकी मौजूदगी से व्यवस्थाएं बिगड़ने का डर है ,बहरहाल जो भी निगम के सामान्य सभा में एंट्री पा चुकी मीडिया जिला पंचायत की सामान्य सभा में एंट्री का इंतजार कर रही है। अब देखना यह है कि यह इंतजार जल्द खत्म होगा या फिर अधिकारी जनप्रतिनिधियों के सुझाव,इच्छाओं को खारिज कर जिला पंचायत की सामान्य सभा से मीडिया को दूर ही रखेंगे।