कोरबा।जिला खनिज संस्थान न्यास (DMF ) के फंड को लेकर एक बार फिर जिला -प्रशासन एवं पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर आमने सामने आ गए हैं। एक तरफ जहाँ पूर्व गृहमंत्री के प्रधानमंत्री कार्यालय को सुनालिया अंडरब्रिज के कार्यों के नाम पर 80 करोड़ की राशि का दुरूपयोग किए जाने की शिकायत पर केंद्र शासन के आदेश पर राज्य शासन के कमिश्नर बिलासपुर को दिए जांच आदेश को लेकर मीडिया में प्रकाशित खबरों के बाद जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा के परियोजना अधिकारी ने खबर को मनमाना निराधार बताया ,जनसंपर्क कार्यालय से खण्डन स्वरूप खबर भी प्रकाशित हुई। जिला प्रशासन का शिकायत की कमिश्नर के जांच पूर्व खण्डन समाचार प्रकाशन श्री कंवर को नागवार गुजरा ,उन्होंने इसे भ्रष्टाचार के अपराध से बचने के लिए सरकारी तंत्र का गलत प्रयोग किया जाना बताते हुए कलेक्टर ,डीएमएफ के परियोजना समन्वयक एवं जिला जनसंपर्क अधिकारी के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने प्रधानमंत्री को पुनः पत्र लिखकर खलबली मचा दी है।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के माध्यम से श्री कंवर ने बताया है कि उनके द्वारा कोरबा जिले के जिला खनिज संस्थान न्यास मद की राशि का कलेक्टर कोरबा के द्वारा मनमौजी तरीके से खनिज साधन विभाग महानदी भवन नया रायपुर दिनांक 22 दिसंबर 2015 के अधिसूचना नियमों के विपरीत कमीशन व भ्रष्टाचार की नीयत से दिए जा रहे कार्य स्वीकृति को लेकर सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत शासी परिषद में किए गए अनुमोदित कार्य और स्वीकृत कार्यों की जानकारी कलेक्टर कोरबा से मांगी गई थी। जो उन्हें प्रदाय नहीं की गई। जबकि जिला खनिज संस्थान न्यास मद के नियमानुसार उनके द्वारा जो जानकारी मांगी गई थी उस जानकारी को कलेक्टर सह अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास को व्यवस्थापक के रूप में अपलोड कराने का प्रावधान है। श्री कंवर के आरोप अनुसार उक्त कार्यों को अन्य कलेक्टरों पर भ्रष्टाचार के मामले में हुई कार्रवाई के मामलों से सबक लेते हुए मैं भी न फंस जाऊं यह सोंचकर विभागीय वेबसाइट में अपलोड नहीं कराया जा रहा है। श्री कंवर ने पत्र में उल्लेख किया है कि उनके द्वारा जिला खनिज संस्थान न्यास मद की राशि का दुरुपयोग व भ्रष्टाचार की जांच के संदर्भ में माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार एवं माननीय केंद्रीय मंत्री खनिज को शिकायत पत्र सौंपकर जिला खनिज संस्थान न्यास मद की राशि के हो रहे दुरूपयोग को रोकने की मांग की गई थी। जिसे संज्ञान में लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय एवं खनिज मंत्री भारत सरकार के निर्देश पर केंद्रीय सचिव संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म छत्तीसगढ़ शासन को जांच हेतु निर्देश जारी किया गया था। संचालक ने जांच में कमिश्नर बिलासपुर संभाग को जांच करने का निर्देश देते हुए पत्र जारी किया है। जिसकी जानकारी कलेक्टर अजीत बसंत को होते ही खबर प्रकाशन के बाद अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डालकर अपराध को छुपाने शिकायत को दबाने की नीयत से सरकारी तंत्र का गलत उपयोग कर डीएमएफ के परियोजना अधिकारी मनोज बंजारे के हस्ताक्षर से शिकायत को मनमाना व निराधार बताते हुए गलत तरीके से जनसपंर्क अधिकारी के माध्यम से शासकीय प्रेस विज्ञप्ति जारी कराकर केंद्र सरकार की जाँच व मेरे जैसे वरिष्ठ पूर्व कैबिनेट मंत्री को हतोत्साहित करने का काम किया गया है। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि अगर इनके गलत कृत्यों को नजरअंदाज किया गया तो वे जनहित के मुद्दे को उठाने वाले कोई भी व्यक्ति जनसेवा के भाव से भ्रष्टाचार को उजागर नहीं कर सकेंगे।
जनहित के मुद्दों को लेकर सदैव मुखर रहा,मेरी शिकायत पर इन घोटालों की हुई जांच ,घोटालेबाज जेल की हवा खा रहे 👇


पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने
माननीय प्रधानमंत्री को आगे अवगत कराया है कि वे जनहित के मुद्दों को लेकर सदैव मुखर रहे हैं। भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को कभी नहीं बख्शा गया है। उनके द्वारा छत्तीसगढ़ में हुए बड़े घोटाले जैसे नान घोटाला,सी.जी.पी.एस.सी भर्ती घोटाला ,शराब घोटाला ,कोयला घोटाला ,डी.एम.एफ घोटाला,महादेव सट्टा एप घोटाला ,जल जीवन मिशन में घोटाला ,सी.जी.एम.एस.सी में हुई दवा खरीदी घोटाला ,फारेस्ट गार्ड भर्ती समेत कैम्पा मद में हुए घोटाला ,फ्लोरा मैक्स स्कैम समेत अन्य घोटालों की जांच माननीय प्रधानमंत्री ,माननीय केंद्रीय गृहमंत्री ,ईडी ,सीबीआई के संज्ञान में लाया गया है। उनके शिकायत के बाद मोदी सरकार के द्वारा लगातार की गई कार्रवाई में भ्रष्टाचार के प्रकरणों में दर्जन भर से अधिक आईएएस अधिकारी ,छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी समेत सफेद पोशाक वाले नेताओं व ठेकेदार व मंत्री जेल की हवा खा रहे हैं।
जांच पूर्व शिकायत को निराधार मनमाना बताना ,खण्डन समाचार प्रकाशित करवाना सरकारी तंत्र का दुरूपयोग ,अपराध -ननकीराम 👇

पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि उनके शिकायत की जांच से स्पष्ट रूप से कलेक्टर कोरबा अजीत बसंत द्वारा जिला खनिज संस्थान न्यास मद कोरबा की राशि का दुरुपयोग किया गया है कि नहीं स्पष्ट हो जाएगा,लेकिन केंद्र शासन व राज्य शासन से जांच हेतु पत्र जारी होते ही जांच के पूर्व ही स्वयं जिनके विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत है जांच के पूर्व ही शासकीय प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शिकायत को मनमाना व निराधार बताया जाना शासकीय समाचार प्रकाशित करना सरकारी तंत्र का दुरुपयोग व अपराध है।
तो क्या ननकीराम को हल्के में लेना पड़ रहा भारी ?👇
जिस तरह डीएमएफ की राशि के दुरूपयोग को लेकर पूर्व गृहमंत्री मुखर हो रहे हैं और केंद्र शासन ,राज्य शासन से प्रमुखता से जांच के आदेश जारी हो रहे हैं,यह सवाल खड़े रहा है कि क्या पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर को हल्के में लिया जा रहा? ननकीराम कंवर का न केवल प्रदेश बल्कि केंद्रीय स्तर पर भाजपा के नेताओं के बीच अलग ओहदा है। वे कद्दावर भाजपा नेता के रूप में जाने जाते हैं ,उनकी शिकायतों ,सुझावों को भी केंद्रीय नेतृत्व महत्व देता है ऐसे में कोरबा जिले में डीएमएफ मद की राशि की जांच कराए जाने की शिकायत को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना चुके ननकी कुछ बड़ा करने की ठान रखे हैं। जिसे किसी भी तरीके से रोक पाना सुलगती आग को हवा देने के समान होगी। हालांकि ननकी के इस पत्र के बाद जिला प्रशासन का आगामी रुख भी देखना दिलचस्प होगा।