नहीं थम रहे कोरबा के संस्थानों में हादसे ,RKTC के गेराज में झुलसे बेल्डर दिनेश ने भिलाई में उपचार के दौरान तोड़ा दम ,लोगों ने प्रबंधन को आश्रित बच्चों के नाम 30 लाख का मुआवजा राशि जमा नहीं करने पर दी उग्र आंदोलन की चेतावनी ….

कोरबा । कोरबा के औद्योगिक संस्थानों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध के अभाव में एक और मजदूर को जान गंवानी पड़ी।
आरकेटीसी कोरबा के गेराज में बेल्डर का काम करने वाले दिनेश बरेठ कार्य के दौरान बुरी तरह झुलस गए थे। भिलाई में उनका उपचार हो रहा था जहां आज सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया । दिनेश के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग को लेकर लोगों ने कंपनी प्रबंधन से चर्चा की। लोगों ने कहा है कि यदि दिनेश के दोनों बच्चों के नाम पर 15 -15 लाख रुपए फिक्स डिपाजिट नहीं किया गया तो फिर उग्र आंदोलन के लिए वे विवश होंगे।

जानकारी अनुसार जांजगीर चांपा निवासी दिनेश बरेठ काशी नगर कोरबा में रहकर आरकेटीसी में बेल्डर का काम करते थे। कंपनी द्वारा दिए जाने वाले वेतन से दिनेश अपनी पत्नी दीपिका 9 वर्षीय खुशी और 6 वर्ष के कुशल के साथ आनंद से जीवन यापन कर रहे थे। वे 12 मई को कार्य के दौरान दिनेश झुलस गए। उन्हें कोरबा से बिलासपुर और फिर वहां से सेक्टर 9 भिलाई अस्पताल इलाज के लिए भेजा गया जहां उनकी आज सुबह मौत हो गई।
दिनेश की मौत से उनके परिवार पर जो वज्राघात हुआ है उससे तुलसी नगर और काशी नगर के लोगों में शोक व्याप्त है। तुलसी नगर में दिनेश की बहन निवास करती है ।जैसे ही लोगों को पता चला बड़ी संख्या में लोग।कंपनी के दफ्तर जा पहुंचे ।वहां बातचीत की गई लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला। लोगों ने कहा है कि यदि उचित मुआवजा नहीं मिला तो फिर उग्र आंदोलन के वह लिए लोग बाध्य हो जाएंगे।

स्थानीय निवासी मनीष कुमार ने बताया घटना के दौरान कंपनी की लापरवाही के चलते दिनेश बरेठ झुलस गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत। इस मामले में मृतक के दोनों बच्चे को 10 लाख एचडी और तात्कालिक सहायता राशि कंपनी के द्वारा दिया जाना चाहिए नहीं मिलने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। मृतक की बहन किरण बरेठ ने बताया कि दिनेश उसका छोटा भाई और घर का कमाऊ पुत्र था जो दो बच्चे और एक बूढी मां के अलावा उसका भी सहारा था उसके पति के मौत के बाद उसका भाई इसका एक मात्र सहारा था।