रायपुर । जगदीप धनखड़ के उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफे के साथ ही देश एवं प्रदेश की राजनीति में इन दिनों सियासत से लेकर ब्यूरोक्रेट्स के बीच एक ही चर्चा छिड़ी है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन बनेंगे। यह हाई टॉपिक पूरे देश में ट्रेंड कर रहा है।।जनचर्चा और राजनीतिक पंडितों के दावे प्रतिदावे पर भरोसा करें तो मध्यप्रदेश या फिर छत्तीसगढ़ के हिस्से में संवैधानिक कुर्सी आ सकती है।अविभाजित मध्यप्रदेश के दौर में कई नामी चेहरे सामने आए हैं ,जिन्होंने राजनीति से लेकर संवैधानिक पदों पर कुशलतापूर्वक काम किया है ।मौजूदा दौर में एक बार फिर वही चर्चा होने लगी है छत्तीसगढ़ या मध्यप्रदेश किसके हिस्से में उप राष्ट्रपति की कुर्सी और संवैधानिक पर आने वाला है।
पद के अनुरूप अनुभव और सहजता को देखें तो मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ विधानसभा के स्पीकर व तीन बार के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले डॉक्टर रमन सिंह ,दोनों ऐसे चेहरे हैं ,जिनके पास प्रदेश की राजनीति के साथ ही राष्ट्रीय राजनीति का भी बेहतर अनुभव है।

डॉ.रमन सिंह सीएम बनने के पहले केंद्र में मंत्री हुआ करते थे। केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिलाकर उनको छत्तीसगढ़ भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। राज्य में भाजपा के जीत के साथ ही सीएम बनाए गए थे। शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के लगातार सीएम रहे । वर्तमान में केंद्रीय मंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की सरकार में कामकाज संभाल रहे हैं। राष्ट्रीय और प्रादेशिक राजनीति का ऐसा अनुभव और सामंजस्य बहुत कम नेताओं में देखने को मिलता है।
धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद भजपा भाजपा के एक साथ दो दिग्गजों की तलाश करनी होगी। हालांकि यह चुनौती तो नहीं बनेगी पर समय जरूर लगेगा। मशक्कत करनी पड़ेगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही उप राष्ट्रपति के लिए बड़े चेहरे तलाशने होंगे। ऐसे चेहरे जो दिल्ली की राजनीति और नागपुर के मापदंडों पर फिट बैठता हो । जिन दो नामों पर हमने चर्चा की ये दोनों नाम दिल्ली की राजनीति और संघ मुख्यालय नागपुर के मापदंड पर पूरी तरह फिट बैठने वाले चेहरे हैं। बहरहाल चर्चा का दौर है ,राजनीति में कब क्या हो जाए ना तो कहा जा सकता है और ना ही दावे किए जा सकते हैं। इसके बीच यह तो तय है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और संघ मुख्यालय से जो 2 नाम सामने आएंगे उसमें सोशल इंजीनियरिंग से लेकर सबकुछ नजर आएगा। यह भी तय है कि संघ की मुख्यालय की सहमति और स्वीकृति से ही दोनों पदों पर दो दिग्गजों की ताजपोशी होगी।