खेल। एंडरसन तेंदुलकर ट्रॉफी के पांचवे एवं निर्णायक टेस्ट मैच के पांचवे दिन भारतीय टीम ने गेंदबाजों के करिश्माई गेंदबाजी से इंग्लैंड पर 6 रनों से रोमांचक जीत दर्ज कर पांच मैचों की सीरीज 2 -2 से बराबर कर लिया। हैरी ब्रूक और जो रूट की साझेदारी के बावजूद भारतीय गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ 6 रनों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने महत्वपूर्ण विकेट लेकर मैच का रुख बदल दिया। भारत ने 93 सालों में पहली बार इस तरह की जीत हासिल की है।
पूरे हिन्दुस्तान ने ऐसी जीत नहीं देखी। हम सिर्फ रोमांच की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि टीम इंडिया ने जिस अंतर से जीत हासिल की है वो भारत के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ।
93 साल में पहली बार👇

भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच 1932 में इंग्लैंड के खिलाफ ही खेला था। तब से लेकर दे ओवल में खेले गए टेस्ट मैच से पहले तक भारत ने कोई भी टेस्ट छह रनों से नहीं जीता था। ये रनों हे लिहाज से भारत की सबसे करीबी जीत है। इससे पहले भारत की सबसे करीबी जीत 13 रनों से आई थी जो उसने 2004 में मुंबई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हासिल की थी। तीसरे नंबर पर इंग्लैंड के खिलाफ मिली जीत है जो उसने 1972 में 20 रनों से हासिल की थी।
ऐसा रहा मैच👇
भारत ने इस मैच में पहले पारी खेलते हुए 224 रन बनाए थे। इसके बाद इंग्लैंड की टीम को 247 रनों पर ढेर कर दिया था। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने 396 रन बनाए और इंग्लैंड को 374 रनों का टारगेट दिया। जो रूट के 105 और हैरी ब्रूक के 111 रनों के दम पर इंग्लैंड ने जीत की तरफ कदम बढ़ा दिए थे, लेकिन सिराज और कृष्णा ने बाजी पलट दी। सिराज ने 5 विकेट अपने नाम किए तो कृष्णा को 4 विकेट मिले। आकाशदीप के हिस्से एक विकेट आया।
भारत ने रचा इतिहास👇
भारतीय टीम ने अपने टेस्ट इतिहास में सबसे कम अंतर से जीत हासिल कर ली है। भारत ने इंग्लैंड को 6 रनों से पराजित किया और ये भारतीय टेस्ट इतिहास में सबसे कम अंतर की जीत दर्ज हो गई। इससे पहले भारत ने साल 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 13 रनों से जीत दर्ज की थी, जो कि सबसे कम अंतर था। लेकिन अब ओवल में जीत दर्ज करने के बाद टीम इंडिया ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया।
इसके अलावा इस सीरीज में भारतीय टीम के बाएं हाथ के बल्लेबाजों ने सबसे ज्यादा रन बनाकर भी इतिहास रच दिया है। भारत के बाएं हाथ के बल्लेबाजों ने इस मैच में 1830 रन बनाए।
गिल -ब्रूक प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे ,सिराज को मिला प्लेयर ऑफ द मैच का पुरुस्कार 👇
भारतीय कप्तान शुभमन गिल एवं इंग्लैंड के ऑलराउंडर हैरी ब्रूक को प्लेयर ऑफ द सीरीज का पुरुस्कार दिया गया।
भारतीय कप्तान गिल ने सीरीज में 5 मुकाबले खेले और इसकी 10 पारियों में 75.40 की उम्दा औसत के साथ 754 रन बनाने में सफल रहे।
इस बीच उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 269 रन रहा। उन्होंने 4 शतक भी लगाए।
उन्होंने हेडिंग्ले टेस्ट में 147 और 8, एजबेस्टन में 269 और 161, लॉर्ड्स में 16 और 6, ओल्ड ट्रैफर्ड में 12 और 103, ओवल में 21 और 11 रन के स्कोर किए।
ब्रूक के लिए यह सीरीज शानदार रही। उन्होंने 5 मैचों की 9 पारियों में 53.44 की औसत के साथ 481 रन बनाए।
इस बीच उन्होंने 2 शतक और इतने ही अर्धशतक लगाए।
दिलचस्प रूप से वह एक पारी में 99 रन बनाकर भी आउट हुए।
वह इस सीरीज में 5वें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। इंग्लैंड की ओर से उनसे ज्यादा रन सिर्फ जो रूट (537) ने बनाए।
सिराज ने पलटी बाजी,विलेन से बने हीरो ….👇

पांचवें दिन इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन चाहिए थे। पांचवें दिन बल्लेबाजी करने उतरे जेमी स्मिथ और ओवरटन। स्कोर 347 रन पहुंचा और सिराज की एक लहराती हुई गेंद जेमी स्मिथ के बल्ले का किनारा लेकर धुव जुरैल के हाथों में समां गई।
इंग्लैंड को सातवां झटका लग चुका था। स्कोर कार्ड में अभी 7 रन और ही जुड़े थे कि मियां भाई ने जेमी ओवरटन की पारी का भी अंत कर दिया। इंग्लैंड ने अब 8 विकेट गंवा दिए थे और जीत अभी भी 20 रन दूर थी। दूसरे छोर से कहर बरपा रहे प्रसिद्ध कृष्णा के हाथ से निकली एक और धांसू गेंद जोश टंग का स्टंप ले उड़ी। इंग्लैंड खेमे में सन्नाटा छा गया और भारतीय टीम और दर्शकों में मानो नई जान से आ गई। मगर अभी काम पूरा नहीं हुआ था और एक विकेट बाकी थी।
क्रिस वोक्स चोटिल होने के बावजूद मैदान पर उतरे। मगर टीम इंडिया को खतरा गस एटकिंसन से था। एटकिंसन हर बॉल पर बल्ला घूमा रहा थे। एटकिंसन एक बॉल को कनेक्ट करने में भी सफल रहे और उन्हें 6 रन मिले। अब इंग्लैंड को 11 रनों की जरूरत थी। एक-एक रन करके इंग्लैंड जीत के करीब पहुंच रही थी। मेजबान टीम को 7 रनों की दरकार थी और अब चारों तरफ टेंशन का माहौल हो गया था। उम्मीदें सिर्फ और सिर्फ सिराज पर टिकी हुई थीं। फिर सिराज के हाथ से निकली कमाल की यॉर्कर, जो एटकिंसन का ऑफ स्टंप ले उड़ी। इसके साथ ही टीम इंडिया ने ओवल टेस्ट को 6 रनों से अपने नाम कर लिया।