कोरबा। संविधान के अनुच्छेद 275 (1 ) मदान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021 -22 में विभागीय छात्रावास और आश्रमों में निर्माण, नवीनीकरण और अन्य कार्यों के लिए 2 करोड़ 90 लाख 95 हजार 904 रुपए का भुगतान लेकर 3 करोड़ 83 लाख 28 हजार के स्वीकृत 34 निर्माण कार्य लटकाने के मामले में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग द्वारा दर्ज कराए गए अपराध के मामले में कटघोरा नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष राज जायसवाल, आशुतोष मिश्रा और आदिवासी विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटर कुश देवांगन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने तीनों को
को जमानत दे दी। कोर्ट के इस फैसले से आरोपितों को बड़ी राहत मिली है।

कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग कोरबा से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 के तहत विभागीय छात्रावास और आश्रमों में निर्माण, नवीनीकरण और अन्य कार्यों में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। संविधान के अनुच्छेद 275 (1) मदान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021 -22 में 4 फर्मों मे. श्री साईं ट्रेडर्स पॉलीवाल बुक डिपो, बालाजी मंदिर रोड ,आईटीआई चौक रामपुर कोरबा,मे. श्री साईं कृपा
बिल्डर्स मंगल भवन
,बाजार चौक छुरी ,मे .एस.एस. ए .कंस्ट्रक्शन ,मेन रोड चैतमा ,साजाबहरी एवं मे .बालाजी इन्फ्रास्ट्रक्चर ,वार्ड नं.6 जायसवाल हाउस ,राजीव नगर कटघोरा को आश्रम छात्रावासों में लघु निर्माण, नवीनीकरण और अन्य कार्यों से संबंधित कुल 34 कार्यों के लिए 3 करोड़ 83 लाख 28 हजार की स्वीकृति दी गई थी। फर्मवार बात करें तो . श्री साईं ट्रेडर्स पॉलीवाल बुक डिपो, बालाजी मंदिर रोड ,आईटीआई चौक रामपुर कोरबा को 9 कार्य के लिए 73 लाख 28 हजार ,मे. श्री साईं कृपा
बिल्डर्स मंगल भवन बाजार चौक छुरी को 9 कार्यों के लिए 1 करोड़ 14 लाख , ,मे .एस.एस. ए .कंस्ट्रक्शन ,मेन रोड चैतमा ,साजा बहरी कोरबा को 6 कार्यों के लिए 49 लाख एवं मे .बालाजी इन्फ्रास्ट्रक्चर ,वार्ड नं.6 जायसवाल हाउस ,राजीव नगर कटघोरा को 10 कार्यों के लिए 1 करोड़ 47 लाख की स्वीकृति दी गई थी। इन स्वीकृत कार्यों के एवज में फर्मों को कुल 2 करोड़ 90 लाख 95 हजार 904 रुपए का भुगतान भी हो गया है। फर्मवार साईं ट्रेडर्स पॉलीवाल बुक डिपो, बालाजी मंदिर रोड ,आईटीआई चौक रामपुर कोरबा को 32 लाख 95 हजार 468 रुपए ,मे. श्री साईं कृपा
बिल्डर्स मंगल भवन बाजार चौक छुरी को 79 लाख 1 हजार 719 रुपए का भुगतान हो चुका है । इसी तरह
,मे .एस.एस. ए .कंस्ट्रक्शन ,मेन रोड चैतमा,साजाबहरी कोरबा को 43 लाख 36 हजार 750 रुपए एवं मे .बालाजी इन्फ्रास्ट्रक्चर ,वार्ड नं.6 जायसवाल हाउस ,राजीव नगर कटघोरा को 1 करोड़ 35 लाख 61 हजार 967 रुपए का भुगतान हो चुका है। लेकिन इन कार्यों के
निविदा अभिलेख, कार्य आदेश, प्राक्कलन, माप पुस्तिका, देयक व्हाउचर, मूल नस्ती एवं अन्य अभिलेख कार्यालय से गायब हैं।
जिसकी जांच के लिए
जिला पंचायत सीईओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई । जांच कमेटी ने जांच में इन 4 फर्मों द्वारा दिए गए कार्यादेश में से 48 लाख के 4 कार्य संबंधित फर्म के द्वारा प्रारंभ नहीं कराए जाने के कारण निरस्त करने का निर्णय लिया। जांच समिति द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार उक्त फर्मों के द्वारा कराए गए कार्यों का तकनीकी अमले का टीम गठित कर कार्यों का स्थल निरीक्षण किया गया। स्थल निरीक्षण के उपरांत संबंधित फर्म द्वारा कराए गए कुछ कार्य की स्वीकृत राशि (अनुबंध राशि ) से कम का कार्य मौके पर कराया जाना पाया गया। अभियंताओं के निरीक्षण उपरांत लगभग 80 लाख रुपए का कार्य नहीं होना पाया गया है। संबंधित ठेकेदारों को अनुबंध राशि के अनुसार पुनः कार्य कराए जाने के लिए
एक माह का समय दिया गया था। जिस पर ठेकेदारों के द्वारा सहमति दी गई थी। किंतु ठेकेदारों के द्वारा 15 अगस्त 2025 तक की स्थिति में आज पर्यंत कार्य नहीं कराया गया।
इस गम्भीर वित्तीय अनियमितता के मामले में तत्कालीन सहायक आयुक्त माया वारियर,तत्कालीन सहायक अभियंता अजीत कुमार तिग्गा ,तत्कालीन उप अभियंता राकेश वर्मा (लोनिवि संलग्न आदिवासी विकास ) मुख्य रूप से जिम्मेदार पाए गए हैं। सम्बंधितों के विरुद्ध विधि संगत कार्रवाई के लिए विभागीय जांच संस्थित करने संबंधित विभाग को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। वहीं ठेकेदारों
मे .श्री साईं ट्रेडर्स पॉलीवाल बुक डिपो, बालाजी मंदिर रोड ,आईटीआई चौक रामपुर कोरबा,,मे. श्री साईं कृपा
बिल्डर्स मंगल भवन बाजार चौक छुरी,
.एस.एस. ए .कंस्ट्रक्शन ,मेन रोड चैतमा,साजाबहरी कोरबा एवं
मे .बालाजी इन्फ्रास्ट्रक्चर ,वार्ड नं.6 जायसवाल हाउस ,राजीव नगर कटघोरा एवं प्रकरण में संलिप्त डाटा एंट्री ऑपरेटर कुश कुमार देवांगन के विरुद्ध भादवि की धारा 409 के तहत अपराध दर्ज कराया गया था। माया वारियर डीएमएफ के स्वीकृत कार्यों के टेंडर प्रक्रिया में हुई अनियमितता के मामले में पहले से ही जेल में विरुद्ध हैं। लिहाजा अन्य पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी।

आदिवासी विभाग ने तत्कालीन ठेकेदार राज जायसवाल, आशुतोष मिश्रा, कुश देवांगन और दो अन्य पर रकम लेने के बावजूद निर्माण कार्य पूरा न करने का आरोप लगाते हुए भादंवि की धारा 409 के तहत मामला दर्ज कराया था।
इस विभागीय कार्रवाई के खिलाफ सभी आरोपितों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने तत्कालीन ठेकेदार राज जायसवाल, आशुतोष मिश्रा, कुश देवांगन
को जमानत दे दी। कोर्ट के इस फैसले से आरोपितों को बड़ी राहत मिली है। हालांकि अन्य आरोपियों पर अभी भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।