रायपुर/कोरबा। जनसंघ के जमाने के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर अपनी ही सरकार से नाखुश हैं। पूर्व गृहमंत्री श्री कंवर ने कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत को प्रदेश सरकार का संरक्षण प्राप्त होने की वजह से “हिटलरशाही” तरीके से प्रशासन चलाने का गम्भीर आरोप लगा 3 दिवस के भीतर कोरबा से अन्यत्र नहीं हटाए जाने पर शासन प्रशासन के विरुद्ध धरना प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। मुख्यमंत्री से किए गए लिखित शिकायत की प्रति वायरल होने पर प्रदेश में सियासी भूचाल आ गया है।




पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने 5 पेज की लिखित शिकायत पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री साय को अवगत कराया है कि उन्होंने पूर्व में कांग्रेस शासन काल के बड़े भ्रष्टाचार जैसे, पीएससी घोटाला, कोयला घोटाला, डीएमएफ घोटाला, शराब घोटाला, सीजीएमएससी दवाई घोटाला, महादेव सट्टा ऐप, जल जीवन मिशन घोटाला जैसे मामलों को केंद्र सरकार के समक्ष उजागर किया, जिसके कारण राज्य में भाजपा की सरकार बन सकी। लेकिन अब वे भाजपा शासन में हो रहे प्रशासनिक दुरुपयोग से व्यथित हैं।उनका आरोप है कि कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत को प्रदेश सरकार का संरक्षण प्राप्त है, और वे “हिटलरशाही” तरीके से प्रशासन चला रहे हैं।
👉कलेक्टर अजीत बसंत को प्रदेश सरकार का संरक्षण , “हिटलरशाही” तरीके से प्रशासन चलाने समेत कई गंभीर आरोप

उनका आरोप है कि कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत को प्रदेश सरकार का संरक्षण प्राप्त है, और वे “हिटलरशाही” तरीके से प्रशासन चला रहे हैं। श्री कंवर ने कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें व्यक्ति विशेष को टारगेट कर कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई, जैसे राइस मिल और पेट्रोल पंप को सील करना,वरिष्ठ पत्रकार के घर को तोड़ना और सामान जब्त करना, स्व-सहायता समूह की महिलाओं के साथ अरबों रुपये की ठगी, जिसमें कोई सहायता नहीं दिए जाने का उल्लेख है। मुआवज़ा घोटाले, जिसमें वास्तविक भूविस्थापितों को बिना मुआवजा दिए ज़मीन और घर छीन लिए गए। 29 करोड़ के डीएमएफ फंड का दुरुपयोग, जिसमें बालको कंपनी को लाभ पहुंचाने का आरोप है। टोल प्लाजा पर पत्नी के वाहन रोकने पर युवाओं को जेल भेजवाना। कोरबा में अवैध रेत खनन और राखड़ परिवहन में मिलीभगत के गंभीर आरोप शामिल हैं।
👉केंद्र ने भेजा नोटिस,पर कार्रवाई नहीं होना राजनीतिक संरक्षण का प्रमाण
पूर्व गृहमंत्री श्री कंवर का कहना है कि इन मामलों को लेकर उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार दोनों को शिकायत की प्रतिलिपि दी है। केंद्र सरकार ने जांच के लिए मुख्य सचिव और खनिज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए, लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो दर्शाता है कि कलेक्टर को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।
👉3 दिन का अल्टीमेटम,अनदेखी पर करेंगे शासन ,प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन
पूर्व गृहमंत्री ने चेतावनी दी है कि यदि तीन दिनों के भीतर कलेक्टर अजित बसंत को कोरबा से नहीं हटाया गया, तो वे शासन और प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठेंगे, और इसके लिए पूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेश संगठन, मुख्य सचिव, और अन्य उच्च अधिकारियों को नोटिस भेज कर सूचना दे दी है।