बिलासपुर -कोरबा। प्रदेश के वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर द्वारा कोरबा कलेक्टर अजीत बंसत के खिलाफ 14 बिंदुओ पर लगाए गए गंभीर आरोप एवं सरकार द्वारा नहीं हटाए जाने पर अपनी ही सरकार के खिलाफ 4 अक्टूबर से मुख्यमंत्री निवास के सामने धरना प्रदर्शन के ऐलान से भाजपा शासित साय सरकार में हड़कम्प मच गया है। अब तक कलेक्टर को तमाम शिकायतों के बावजूद संरक्षण देने का गंभीर आरोपों का सामना करती आ रही सरकार के समक्ष वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं पूर्व गृहमंत्री श्री कंवर के धरना प्रदर्शन का सामना करना मुश्किल होगा।धरना प्रदर्शन से संगठन एवं प्रदेश की राजनीति में उठने वाले सियासी भूचाल से वाकिफ सरकार ने इसे रोकने की कवायद शुरू कर दी है। पूर्व गृहमंत्री श्री कंवर के गंभीर आरोपों पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने बिलासपुर कमिश्नर सुनील जैन से 3 अक्टूबर मतलब आज ही जांच प्रतिवेदन मांगा है। संभावना जताई जा रही है कि कमिश्नर 4 अक्टूबर को प्रस्तावित धरने से पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंप सकते हैं।
👉क्या हैं आरोप?

ननकी राम कंवर ने कोरबा कलेक्टर पर 14 बिंदुओं में गंभीर आरोप लगाए हैं। इनमें प्रशासनिक अनियमितताओं, आदिवासी हितों की अनदेखी, पक्षपातपूर्ण रवैया और योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे शामिल हैं। पूर्व मंत्री ने कलेक्टर को हटाने की मांग की है। पूर्व मंत्री कंवर ने स्पष्ट किया है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो वे 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री निवास रायपुर के समक्ष धरना देंगे। उन्होंने कहा कि यह केवल एक व्यक्तिगत मुद्दा नहीं, बल्कि आदिवासी जनता के अधिकारों से जुड़ा प्रश्न है।
👉मुख्यमंत्री साय ने दिए जांच के निर्देश

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश देते हुए कहा है, शिकायतों की निष्पक्ष जांच की जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री खुद इस विषय पर ननकी राम कंवर से बातचीत भी कर सकते हैं।
👉क्या होगा आगे?
कमिश्नर 4 अक्टूबर से पहले रिपोर्ट सौंप सकते हैं। रिपोर्ट के बाद कलेक्टर पर कार्रवाई या स्थिति स्पष्ट करने का मौका दिए जाने की संभावना है। अगर कार्रवाई नहीं होती, तो यह मामला राजनीतिक रूप से और तूल पकड़ सकता है, खासकर आदिवासी वर्ग में। ननकी राम कंवर की यह पहल प्रशासनिक जवाबदेही और आदिवासी अधिकारों की रक्षा को लेकर महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अब सबकी नजरें कमिश्नर की रिपोर्ट और मुख्यमंत्री के रुख पर टिकी हैं।