सुप्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जे के दानी ने मासूम बच्चे का किया निशुल्क इलाज

प्रभावित परिवार को दिया निशुल्क दवाइयां व किया इलाज

कोरबा – कोरबा की पेडलर सैनिटाइजर से हुई रायगढ़ में घटना ने आम जनजीवन को सोचने को मजबूर कर दिया कि सैनिटाइजर के इस प्रकार लापरवाही करने से कितनी बड़ी दुर्घटना घट सकती है। प्रशासन को शायद इस बात का अंदाजा बिल्कुल नहीं था कि पेडलर सेनीटाइजर बच्चों के लिए घातक साबित होगा, वही गौरतलब करने वाली बात यह है कि जिले का प्रतिष्ठित परिवार अपने 10 वर्ष के बच्चे का मुंडन कराने रायगढ़ मंदिर गए थे और वहां सैनिटाइजर से परिवार के 5 साल के बच्चे के आंख में चोट लगी।तत्काल डॉक्टर डिमरा के क्लीनिक में जाकर इलाज कराया गया ।आज 3 दिन के पश्चात कुछ हद तक बच्चे को राहत मिली फिर भी प्रभावित परिवार ने कोरबा जिला के सुप्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जे के दानी के पास जाना और इलाज कराना मुनासिब समझा। डॉक्टर दानी ने अपने क्लीनिक में उनका निशुल्क इलाज किया तथा बच्चे की मासूमियत को देखते हुए उन्हें अपनी तरफ से निशुल्क दवाइयां भी प्रदान की ।

डॉक्टर दानी के इस दरियादिली भाव से प्रभावित परिवार डॉक्टर के एहसान के लिए उन्हें धन्यवाद देते रहे ।वही डॉक्टर ने न हीं नंबर लगाने को कहा और ना ही फीस देने को कहा। उन्होंने स्वयं अपने और मरीजो के संबंधों के कारण बच्चे का निशुल्क इलाज तथा निशुल्क दवाइयां दिया। डॉक्टर दानी के अनुसार बच्चे की स्थिति पहले से बेहतर है और अब वह धीरे-धीरे रिकवर हो रहा है। संभवतः सात दिवस के भीतर बच्चा पूर्ण रूप से ठीक हो जाएगा और पहले की तरह आंखें दिखने लगेगी।लेकिन सैनिटाइजर के प्रेशर से जाने की वजह से बच्चे की आंखों में हल्का गड्ढा हुआ है और इसी को मेडिकल लैंग्वेज में क्रॉनिकल अल्सर कहा जाता है लेकिन बच्चा काफी हिम्मतवाला है और वह इतनी बड़ी घटना को सहन करते हुए सारी दवाइयां समय पर ले रहा है जिसकी तारीफ डॉक्टर दानी ने भी किया डॉक्टर दानी ने अपने क्लीनिक में आने वाले सभी मरीजों से निवेदन किया है कि वह भी अपने छोटे बच्चों को सैनिटाइजर और मास जैसी सुविधा का उपयोग अपनी निगरानी में करें तथा कोरोना से बचने के लिए हाथ को साबुन से अच्छी तरह धोएं और जब आवश्यकता हो तभी घर से बाहर निकले ।जिले के सुप्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जे के दानी ने मासूम बच्चे का निशुल्क इलाज कर जिले के सभी डॉक्टरों को एक संदेश दिया है कि हर डॉक्टर पैसों का भूखा नहीं होता और सभी डॉक्टर यदि इसी प्रकार विशेष परिस्थिति के मरीजों को अपनी सुविधानुसार मानवता का परिचय देते हुए इलाज करते रहे तो मरीजों का डॉक्टर से भरोसा हमेशा कायम रहेगा और किसी प्रकार की अनहोनी मरीज और डॉक्टर के बीच नहीं होगी बहरहाल बच्चे की स्थिति अभी पहले से बेहतर है और बच्चे को सात दिवस आराम करने की सलाह डॉक्टर दानी ने दिया है।