Health Insurance: जिन लोगों को जन्म से ही कोई बीमार है, उनके लिए बहुत बड़ी खबर हैं। दरअसल इंश्योरेंस रेगुलेटर ने बीमा कंपनियों से कहा है कि किसी को भी पॉलिसी देने से इनकार नहीं किया जा सकता हैं। चाहें कस्टमर को बीमारी जन्मजात से क्यों न होगा। आईडीएआई के चेयरमैन सुभाष चंद्र खुंटिया ने कहा कि अगर किसी शख्स को पैदाइशी बीमारी है। या ऐसी बीमारी जिसके लिए कंपनी पॉलिसी नहीं दे रही। उसके लिए कस्टमरों को इंश्योरेंस कवर से दूर नहीं करना चाहिए। खुंटिया ने कहा कि कंपनियों को डेटा एनालिसिस करना चाहिए।
सुभाष चंद्र ने कहा कि बीमा कंपनियों को अपनी सेवाएं सुधारने के लिए वैल्यू एडेड सर्विसेज की शुरुआत करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, पॉलिसी के साथ वैल्यू एडेड सर्विस मिलने से कस्टमरों को बेहतर सुविधा मिलेगी। साथ ही पॉलिसी होल्डर का अनुभव पॉलिसी को लेकर सुधरेगा। खुंटिया ने बताया कि जल्द ही इंश्योरेंस कंपनियां बीमा के साथ इस सर्विस को जोड़ेंगे। जिससे कस्टमरों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी।
क्या होगी वैल्यू एडेड सर्विस
इंश्योरेंस कंपनी अपने कस्टमरों को वैल्यू एडेड सर्विसेज देगी। जिसमें अगर किसी को डायबिटीज है तो उनका डायट प्लान तैयार करवाना, फिटनेस कोच देना, हेल्थ चेकअप करवाना और कंसल्टेशन जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। इंश्योरेंस रेगुलेटर का कहना है कि बीमा कंपनियों को इस बात पर ध्यान देने चाहिए की कस्टमर बीमारियों से कैसे बचाव करें। वह कैसे स्वस्थ्य रहें जिसे हॉस्पिटल कम जाना पड़े।
कोरोना के 7136,3 करोड़ क्लेम
सुभाष चंद्र खुंटिया ने कहा कि कोरोना वायरस के अबतक करीब 7136.3 करोड़ रुपए के क्लेम दिए गए हैं। जिसमें कोरोना कवच का क्लेम 700 करोड़ रुपए और लाइफ इंश्योरेंस क्लेम 1242 करोड़ रुपए हैं।
जानें हेल्थ इंश्योरेंस के फायदे
– हेल्थ इंश्योरेंस होने पर इलाज के समय पैसों की चिंता नहीं रहती। बीमा कंपनियों का अस्पतालों से टाईअप रहता है। इससे कैशलेस सुविधा मिल जाती है।
– बीमा पॉलिसी में अस्पताल में भर्ती होने से पहले, उसके दौरान और छूट्टी होने के 60 दिनों के बाद की अवधि को कवर किया जाता है।
– हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में मरीज को अस्पताल तक लाने में एंबुलेंस का किराया भी कवर होता है।
– अगर किसी ने बीमा लेकर रखा है और पिछले साल कोई क्लेम नहीं किया तो बोनस प्वाइंट मिलता है।