CG : ACB की कार्रवाई जारी , 2 जिलों में छापेमारी में एएसआई समेत 3 रिश्वतखोर कर्मचारी पकड़ाए ……

रायपुर। राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई लगातार जारी है। शुक्रवार को एसीबी ने 2 अलग-अलग जिलों में छापेमारी कर डाक्टर व पुलिसकर्मियों सहित 3 लोगों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। सक्ती जिले में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) राजेन्द्र कुमार पटेल और कोरिया जिले में थाना पटना के एएसआई पी. टोप्पो एवं उसके सहयोगी राजू कुमार देवांगन को रिश्वत लेते पकड़ा गया। दोनों मामलों में एसीबी ने आरोपियों के खिलाफ धारा 7 और 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है।

राज्य में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने शुक्रवार को दो अलग-अलग जिलों — सक्ति और कोरिया — में बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन सरकारी कर्मियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। दोनों ही मामलों में शिकायतकर्ताओं ने पहले एसीबी को लिखित शिकायत दी थी, जिसके आधार पर ट्रैप की योजना बनाई गई।

👉पहला मामला: सक्ती जिले के डमरा बीएमओ कार्यालय में रिश्वतखोरी का पर्दाफाश

पहला मामला सक्ति जिले के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) कार्यालय, उभरा का है। शिकायतकर्ता उमेश कुमार चंद्रा, निवासी जमरा (जिला सक्ती), जो बीएमओ कार्यालय में बाबू के पद पर कार्यरत हैं, ने एसीबी बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके यात्रा भत्ता बिल की राशि पारित करने के एवज में बीएमओ डॉ. राजेन्द्र कुमार पटेल ने ₹32,500 की रिश्वत मांगी थी।

शिकायत के अनुसार, आरोपी ने पहले ही ₹10,500 अग्रिम के रूप में ले लिए थे और बाकी ₹15,000 लेने के लिए सहमत हुआ था। शिकायत की पुष्टि के बाद एसीबी बिलासपुर की टीम ने 17 अक्टूबर 2025 को ट्रैप आयोजित किया। तय योजना के अनुसार, जैसे ही आरोपी बीएमओ ने शिकायतकर्ता से ₹15,000 की दूसरी किश्त ली, एसीबी टीम ने मौके पर ही उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
फिलहाल आरोपी को हिरासत में लेकर धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) के तहत कार्रवाई की जा रही है।

👉दूसरा मामला: कोरिया जिले में एएसआई और निजी सहयोगी रिश्वत लेते पकड़े गए

दूसरा मामला जिला कोरिया के थाना पटना का है। शिकायतकर्ता मो. शाह खान, निवासी ग्राम खोड, ने एसीबी अंबिकापुर में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी छोटी बेटी आशिया नाज का सड़क हादसे में पैर टूट गया था, जिसके बाद उन्होंने 27 सितंबर 2025 को थाना पटना में एफआईआर दर्ज कराई थी।शिकायतकर्ता ने बताया कि विवेचक एएसआई पी. टोप्पो ने अंतिम रिपोर्ट तैयार करने और दुर्घटना आरोपी से इलाज का खर्च दिलवाने के नाम पर ₹10,000 की रिश्वत मांगी थी। बाद में उसने रकम बढ़ाकर ₹15,000 कर दी और ₹3,000 अग्रिम के रूप में ले लिए।
शिकायत सत्यापन के बाद एसीबी अंबिकापुर की टीम ने शुक्रवार को ट्रैप की कार्रवाई की। जैसे ही आरोपी एएसआई पी. टोप्पो ने अपने निजी सहयोगी राजू कुमार देवांगन के माध्यम से शिकायतकर्ता से ₹12,000 की शेष राशि ली, दोनों को एसीबी ने रंगे हाथों पकड़ लिया।दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 7 और 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।