कोरबा। जिला पंचायत सदस्य का पद भले पत्नी के नाम पर हो, लेकिन संचालन पति कर रहे हैं ऐसा ही मामला अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वायरल वीडियो के बाद लोगों ने सवाल उठाया है कि जब निर्वाचित प्रतिनिधियों की जगह उनके परिजन फैसले लेंगे, तो महिलाओं को असल में अधिकार कैसे मिलेंगे?

यह मामला कटघोरा क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुषमा रजक से जुड़ा है। बताया गया है कि वे जिला पंचायत कोरबा की सदस्य हैं, लेकिन हाल ही में हुई बैठक में उनके पति रवि रजक की सक्रिय मौजूदगी और हस्तक्षेप चर्चा का विषय बन गया।
वायरल वीडियो और तस्वीरों से यह साफ झलक रहा है कि जिला पंचायत के सदन में अशोभनीय गतिविधियां हो रही हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब “प्रतिनिधि” केवल नाममात्र की हों और निर्णय उनके पति लें, तो महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी का क्या अर्थ रह जाता है? हालांकि यह फोटो सामान्य सभा शुरू होने से पूर्व की है । जिसमें जिला पंचायत सीईओ बैठक में उपस्थित नहीं हो पाए थे ।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह स्थिति न केवल लोकतंत्र के मूल भाव के खिलाफ है बल्कि उन महिलाओं के लिए भी निराशाजनक है जो राजनीति में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही हैं।
