दिल्ली ब्लास्ट : आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद ही चला रहा था कार , DNA टेस्ट में मां से 100 % मैच हुए शव के टुकड़े ,अब एजेंसियों के फोकस में आतंकी नेटवर्क….

नई दिल्ली। लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में अब बड़ा मोड़ आ गया है। जांच एजेंसियों ने डीएनए टेस्ट रिपोर्ट के ज़रिए यह पुष्टि कर दी है कि धमाके के वक्त कार चला रहा व्यक्ति और कोई नहीं, बल्कि आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद ही था। फॉरेंसिक जांच में उमर मोहम्मद के शव के टुकड़ों का डीएनए उसकी मां के डीएनए से 100 फीसदी मैच कर गया है। इस वैज्ञानिक प्रमाण के बाद एजेंसियों ने साफ कहा है कि “कार में धमाके के साथ ही डॉ. उमर मोहम्मद की मौत हो चुकी थी।”

👉धमाके में 12 की मौत, अब तक 10 की पहचान

लाल किला धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 10 शवों की पहचान हो चुकी है, जबकि 2 शवों के डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया जारी है। उमर का शरीर धमाके में चिथड़े-चिथड़े उड़ गया था और अवशेष जले हुए मिले थे, जिससे पहचान मुश्किल थी।

👉ऐसे सुलझाया रहस्य

डॉ. उमर मोहम्मद, जो फरीदाबाद विस्फोटक बरामदगी के बाद फरार हुआ था, लेकिन धमाके से पहले मेवात, फिरोजपुर झिरका और फिर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से होकर राजधानी लौटा था। वह सफेद रंग की i20 कार चला रहा था, जिसे उसने 11 दिन पहले खरीदा था। धमाके के बाद कार के मलबे से जले हुए शरीर के टुकड़े बरामद हुए। एजेंसियों ने पुलवामा जाकर उमर की मां का डीएनए सैंपल लिया और दिल्ली लैब में उसका मिलान कराया। रिपोर्ट ने स्पष्ट किया, जिसमें 100% मैच, यानी कार में मारा गया व्यक्ति उमर ही था।

👉DNA टेस्ट कैसे करता है पहचान की पुष्टि

डीएनए, यानी Deoxyribonucleic Acid हर व्यक्ति की पहचान का सबसे सटीक जैविक प्रमाण है। यह शरीर की हर कोशिका में पाया जाता है और बिल्कुल यूनिक होता है, जैसे किसी का बारकोड। धमाके के बाद मिले अवशेषों से हड्डी या ऊतक का डीएनए निकाला गया। परिवार (इस केस में मां) का रेफरेंस सैंपल लिया गया। दोनों डीएनए की STR प्रोफाइलिंग की गई, यानी डीएनए के खास हिस्सों की तुलना। अगर सभी बिंदु मेल खाते हैं, तो 100% रिश्तेदारी की पुष्टि होती है। दिल्ली धमाके में ब्लास्ट की गर्मी (1000°C से अधिक) के बावजूद हड्डियों से डीएनए सुरक्षित मिला। इससे वैज्ञानिकों ने उमर की पहचान निर्णायक रूप से स्थापित कर दी।

👉अब एजेंसियों के फोकस में आतंकी नेटवर्क

डॉ. उमर मोहम्मद को इस ब्लास्ट का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक, अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि, क्या उमर किसी बड़े आतंकी नेटवर्क का हिस्सा था और उसके संपर्क किन संगठनों से थे। फरीदाबाद और मेवात में बरामद विस्फोटक, कार की खरीद, और दिल्ली तक की उसकी गतिविधियों की सीसीटीवी फुटेज व डिजिटल ट्रेल के ज़रिए पूरी टाइमलाइन तैयार की जा रही है। बहरहाल, डीएनए रिपोर्ट ने लाल किला ब्लास्ट की गुत्थी सुलझा दी है। जिस आतंकी की तलाश देशभर में थी, वह उसी कार में मारा गया जिसमें धमाका हुआ था। अब एजेंसियों का ध्यान इस बात पर है कि उसके सहयोगी कौन थे, और दिल्ली धमाके की साजिश कहां तक फैली थी।