रायपुर। नागरनार स्टील प्लांट के निजीकरण को लेकर राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। पूर्व विधायक एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने इस पूरी प्रक्रिया को छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला बताते हुए CBI जांच की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के महानिदेशक को विस्तृत शिकायत पत्र भेजा है।
👉निजीकरण प्रक्रिया पर गंभीर सवाल
अमित जोगी ने अपने आरोपों में कहा कि नागरनार स्टील प्लांट से जुड़ी निजीकरण प्रक्रिया में 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक की सार्वजनिक संपत्ति का दुरुपयोग हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह मामला सीधे-सीधे राज्य के संसाधनों की लूट से जुड़ा है और इसमें कई गंभीर अनियमितताएँ शामिल हैं।
👉प्रधानमंत्री के वादे और बाद की कार्यवाही पर सवाल
शिकायत पत्र में अमित जोगी ने लिखा कि, 3 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरनार में सार्वजनिक रूप से कहा था कि “प्लांट का निजीकरण नहीं होगा। लेकिन 29 अक्टूबर 2025 को NMDC स्टील लिमिटेड की रिपोर्ट में रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया जारी है का उल्लेख कर दिया गया। जोगी ने इसे जनता के विश्वास के साथ धोखा बताया।
👉90% शेयर निजी कंपनी को बेचने का आरोप

अमित जोगी के अनुसार, 29 अक्टूबर 2025 को NMDC ने नागरनार स्टील प्लांट के 90% शेयर एक निजी कंपनी को बेचने की मंजूरी दी। 1 नवंबर 2025 को पर्यावरण मंत्रालय ने किरंदुल–अनकापल्ली स्लरी पाइपलाइन को मंजूरी दी। 7 नवंबर 2025 को इस्पात मंत्रालय ने अंतिम मंजूरी दी। 9 नवंबर 2025 को इससे जुड़े जिलों सुकमा, दंतेवाड़ा, मलकानगिरी, विशाखापत्तनम, अनकापल्ली, अल्लूरी सीताराम राजू में भूमि अधिग्रहण की गजट अधिसूचना जारी कर दी गई। अमित जोगी का कहना है कि यह सब बेहद तेज़ी से किया गया, जिससे सरकारी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते हैं।
👉कोयला आयात घोटाले का आरोप
शिकायत पत्र में जोगी ने एक और गंभीर आरोप लगाया है कि, छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर कोयला उपलब्ध होने के बावजूद एक ‘गैर-मौजूद अमेरिकी कंपनी’ से 120 करोड़ का कोयला आयात अनुबंध किया गया। उन्होंने इसे पूरी तरह संदिग्ध करार देते हुए इसकी CBI जांच अनिवार्य बताई।
वित्तीय अनियमितताओं के संकेत
जोगी ने दावा किया कि, नागरनार प्लांट ने पहली तिमाही (अप्रैल–जून 2025) में 26 करोड़ का लाभ दिखाया। लेकिन दूसरी तिमाही (जुलाई–सितंबर 2025) में अचानक घाटा दर्ज किया गया। उनके अनुसार यह आँकड़ों में हेराफेरी का संकेत है और इसकी जांच ज़रूरी है।
👉कानूनों के उल्लंघन का आरोप
शिकायत पत्र में निम्न कानूनों के उल्लंघन का उल्लेख किया गया है, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988, धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), अनुसूचित जनजाति (अनुसूचित क्षेत्रों में) अधिनियम, 1996 (PESA) अमित जोगी ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में लिए गए निर्णय स्थानीय अधिकारों से खिलवाड़ हैं।
👉CBI जांच और अन्य मांगें
अमित जोगी ने मांग की है कि, नागरनार स्टील प्लांट निजीकरण की CBI जांच तत्काल शुरू हो। निजीकरण के सभी प्रस्ताव वापस लिए जाएँ। NMDC स्टील के CMD सार्वजनिक माफी माँगें। नागरनार प्लांट को स्थायी रूप से सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई घोषित करने की कानूनी गारंटी दी जाए। पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच सुनिश्चित की जाए। अमित जोगी ने कहा कि यह मुद्दा केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश के हितों से जुड़ा है, इसलिए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई ज़रूरी है।
