0 9 उपार्जन केंद्रों में लिमिट से अधिक धान ,DMO बोले डीओ विसंगति हो गई दूर,मिलर्स शीघ्र डालेंगे DO रिक्वेस्ट ,प्राथमिकता से होगा उठाव
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा (भुवनेश्वर महतो)। किसानों का एक -एक दाना वाजिब धान खरीदने का वादा कर सत्ता में आई साय सरकार के इस साल की धान खरीदी व्यवस्थाओं ने समितियों से लेकर किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी है। समिति स्तर पर प्रतिदिन धान खरीदी की लिमिट गत वर्ष की तुलना आधे से भी कम किए जाने की वजह से सीमांत एवं दीर्घ कृषकों का ऑफलाइन टोकन अपेक्षाकृत नहीं कट पा रहा है।जिसकी वजह से आकांक्षी जिला कोरबा पहली बार धान खरीदी के लक्ष्य से अभी से पिछड़ता नजर आ रहा।31 लाख 19 हजार क्विंटल के तय लक्ष्य की पूर्ति में महज 8 लाख 78 हजार 145 क्विंटल धान खरीदी की वजह से लक्ष्य प्राप्ति के लिए शेष बचे 24 खरीदी कार्यदिवस में जिले के 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों को प्रतिदिन 93 हजार 395 क्विंटल धान खरीदी करनी पड़ेगी। हसदेव एक्सप्रेस न्यूज की पड़ताल में आधा दर्जन से अधिक उपार्जन केंद्रों में लिमिट कम होने से किसान परेशान नजर आए,कई उपार्जन केंद्रों में टोकन नहीं कटने से परेशान किसानों ने न केवल शासन की नियत पर सवाल उठाए वरन लिमिट बढ़ाए जाने की बात कही।

यहाँ बताना होगा कि 14 नवंबर से 31 जनवरी 2026 तक खरीफ विपणन वर्ष 2025 -26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है।आकांक्षी जिला कोरबा के किसानों में जहां सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ साथ 800 रुपए प्रति क्विंटल की राशि बोनस के तौर पर देकर 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान लेने के वादों पर खरा उतरने से उत्साह है वहीं इस साल एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन से लेकर डिजिटल क्रॉप सर्वे त्रुटिपूर्ण गिरदावरी तकनीकी पेंच बिक्री रकबा में कटौती ने परेशानी बढ़ा दी है। वहीं अब समिति स्तर पर प्रतिदिन खरीदी की लिमिट कम किए जाने की वजह से सिंचित क्षेत्र के उपार्जन केंद्रों से लाभान्वित होने वाले किसानों की समस्या बढ़ गई है। हसदेव एक्सप्रेस की पड़ताल में करतला,कोरबा ब्रांच के आधा दर्जन केंद्रों से अधिक उपार्जन केंद्रों में इस बदइंतजामी से किसान परेशान नजर आए। बरपाली ब्रांच के उपार्जन केंद्र फरसवानी ,सोहागपुर , कराईनारा,पठियापाली
चिकनीपाली ,तुमान एवं कोरबा ब्रांच के तिलकेजा उपार्जन केंद्र में किसान लिमिट कम होने से परेशान नजर आए। उपार्जन केंद्र कराईनारा,पठियापाली ,
तिलकेजा में टोकन कटाने पहुंचे सीमांत दीर्घ किसान निराश वापस लौटते नजर आए। जहाँ उन्होंने हसदेव एक्सप्रेस के समक्ष इस बदइंतजामी पर बेबाकी से अपनी बात रखी। पीड़ा बयां की।वहीं समिति के जिम्मेदार कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों के समक्ष लिमिट बढ़ाने मांग पत्र भेज दिया गया था। जिला प्रशासन के समक्ष लिमिट की संख्या में संसोधन कर लिमिट बढ़ाई गई। जो मांग से काफी कम हैं। अब इसके पीछे अधिकारियों पर शासन प्रशासन का अदृश्य दबाव है या उन्होंने जानबूझकर ऐसी हरकत की ये तो वे ही जानें,लेकिन इसकी वजह से खरीदी की रफ्तार मंद पड़ गई है। नियमानुसार धान खरीदी के लिए 70 प्रतिशत टोकन 2 स्तर पर काटे जा रहे। 70 फीसदी टोकन ,टोकन तुंहर हाथ ऐप से टोकन काटे जा रहे तो वहीं 30 फीसदी टोकन समिति स्तर पर काटे जा रहे। समिति स्तर पर काटे जा रहे टोकन धान खरीदी की लिमिट कम होने की वजह से अपेक्षाकृत नहीं कट पा रहे। 2 एकड़ से कम धान का रकबा वाले लघु किसानों के लिए सिंगल टोकन काटे जाने का प्रावधान है ,जिन्हें दिक्कतें नहीं आ रही। लेकिन 2 से 10 एकड़ के सीमांत ,एवं 10 एकड़ से अधिक रकबा वाले दीर्घ (बड़े) किसानों के लिए टोकन कटना मुश्किल हो रहा। सीमांत किसान 2 तो दीर्घ किसान 3 टोकन कटा सकते हैं। लेकिन प्रतिदिन धान खरीदी की लिमिट कम होने से समिति से कई किसानों को निराश वापस लौटना पड़ रहा। फरसवानी में बीते वर्ष धान खरीदी की लिमिट प्रतिदिन 1500 क्विंटल की थी जो इस वर्ष बढाने की बजाय,एक बार लिमिट बढ़ने पर भी 1200 क्विंटल ही है। वर्तमान में किसानों की समस्या ,धान खरीदी की धीमी रफ्तार को देखते हुए 1700 क्विंटल प्रतिदिवस खरीदी लिमिट की बात कही जा रही। 53 हजार क्विंटल के लक्ष्य की पूर्ति में 924 किसानों में से 270 किसानों ने ही 14 हजार 862 क्विंटल धान बेचा है। 654 शेष किसानों के माध्यम से तय लक्ष्य की पूर्ति करने समिति परेशान है। गौरतलब हो गत वर्ष इस समयावधि में 22 हजार 822 क्विंटल की धान खरीदी हो चुकी थी। सोहागपुर में भी लिमिट कम होने से किसान नाराज नजर आए। कराईनारा में 1200 क्विंटल की मांग पर खरीदी लिमिट 800 क्विंटल किए जाने पर टोकन नहीं कटने,एवं बिक्री रकबा में कटौती से परेशान किसानों ने नाराजगी जाहिर की। यहां 32 हजार क्विंटल के लक्ष्य की पूर्ति में 383 पंजीकृत किसानों में से 119 किसानों से 8 हजार 477 क्विंटल ही धान बेचा है,अभी भी 269 किसानों के माध्यम से शेष करीब 60 फीसदी लक्ष्य की पूर्ति करने समिति को आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। उपार्जन केंद्र पठियापाली में भी टोकन कटाने पहुंचे किसान निराश वापस लौटते दिखे। हसदेव एक्सप्रेस की पड़ताल में उन्होंने बदइंतजामी पर नाराजगी जाहिर कर समिति की खरीदी लिमिट 1000 क्विंटल को बढ़ाकर 1500 से अधिक किए जाने की बात कही ताकि किसानों को समितियों का चक्कर न काटना पड़े। यहाँ 40 हजार क्विंटल धान खरीदी के लक्ष्य की पूर्ति में 591 किसानों में से 199 किसानों के माध्यम से 10 हजार 500 क्विंटल धान की ही आवक हुई है।392 किसान अभी भी धान नहीं बेच सके हैं। जिनसे शेष 75 फीसदी खरीदी लक्ष्य की पूर्ति की चिंता समिति के कर्मचारियों को सता रही है। तुमान,चिकनीपाली में भी लिमिट बढ़ाए जाने की बात कही गई ।उपार्जन केंद्र तिलकेजा में तो समिति की लिमिट महज 1 हजार क्विंटल होने की वजह से प्रतिवर्ष शासन को समर्थन मूल्य पर 450 क्विंटल धान बेचने वाले बिलासपुर से टोकन कटवाने पहुंचे मूलतः भैसमा निवासी किसान को निराश वापस लौटना पड़ा।उन्होंने भी इस अव्यवस्था ,अदूरदर्शिता पर नाराजगी जताते हुए ख़रीदी लिमिट बढ़ाए जाने की बात कही।
👉 लक्ष्य हासिल करने अब प्रतिदिन खरीदने पड़ेंगे 93 हजार क्विंटल से अधिक धान

जिले में 26 दिसंबर तक कि स्थिति में 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 52 हजार पंजीकृत किसानों में से 15 हजार 958 किसानों के माध्यम से 8 लाख 78 हजार 145 क्विंटल धान की खरीदी हुई है। खरीदे गए धान की कीमत समर्थन मूल्य (2300 रुपए प्रति क्विंटल की दर ) पर 201करोड़ 97 लाख 34 हजार 880 रुपए की है। शासन द्वारा 3100 रुपए की दर से धान खरीदी किए जाने की बात कही गई है। शेष 800 रुपए प्रति क्विंटल के अंतर राशि बोनस के तौर पर शासन पृथक से किसानों के खाते में जारी करेगी। इस लिहाज से देखें तो अब तक खरीदे गए धान के लिए 70 करोड़ 25 लाख 16 हजार 480 रुपए की राशि बोनस के तौर पर दी जाएगी। समर्थन मूल्य बोनस की कुल राशि को जोड़ दें तो अब तक 272 करोड़ 22 लाख 51 हजार 360 रुपए की धान खरीदी हो चुकी है। लेकिन लिमिट की पेंच में मंद पड़ी धान खरीदी अभियान में इस साल जिला तय लक्ष्य से पहली बार अभी से काफी दूर जाता नजर आ रहा। अभी तक 30 फीसदी धान की भी आवक नहीं हुई है। 36 हजार से अधिक किसानों ने अब तक शासन को धान नहीं बेचा है। तय लक्ष्य की पूर्ति के लिए शेष बचे 22 लाख 41 हजार 495 क्विंटल धान की खरीदी के लिए शेष बचे 24 खरीदी कार्यदिवस में 93 हजार 395 .62 क्विंटल धान प्रतिदिन खरीदना होगा। जो आसान नहीं लग रहा।
👉9 उपार्जन केंद्रों में लिमिट से अधिक धान ,DMO बोले डीओ विसंगति हो गई दूर,मिलर्स शीघ्र डालेंगे DO रिक्वेस्ट ,प्राथमिकता से होगा उठाव

एक तरफ धान खरीदी की रफ्तार खरीदी लिमिट कम होने से अपेक्षाकृत टोकन नहीं कट पाने की वजह से धीमी पड़ी हुई है वहीं दूसरी ओर मार्कफेड खरीदे गए धान का समय पर राइस मिलरों से उठाव में भी पिछड़ रहा। अभी भी उपार्जन केंद्रों में 2 लाख 94 हजार 875 क्विंटल धान समर्थन प्लस बोनस राशि सहित मूल्य पर 91 करोड़ 41 लाख 14 हजार 360 रुपए के धान उठाव के इंतजार में हैं। इनमें 9 उपार्जन केंद्रों में तय बफर लिमिट 7200 क्विंटल से अधिक धान जाम हैं इन केंद्रों में अखरापाली ,उतरदा,कोरबी (पाली), कोरबी (पोंडी -उपरोड़ा), नवापारा ,बरपाली (कोरबा ), रामपुर ,श्यांग एवं सिरमिना शामिल है। हैरानी की बात तो यह है कि जिला प्रशासन मार्कफेड इन केंद्रों में शामिल हाथी प्रभावित केंद्र श्यांग,बरपाली (कोरबा )के धान की प्राथमिकता से उठाव के लिए भी गंभीर नहीं। बरपाली (कोरबा )में 13 हजार 558 क्विंटल तो श्यांग में 86 हजार क्विंटल धान जाम है। उपार्जन केंद्रों में कर्मचारी जान हथेली में रखकर कड़ाके की ठंड में हाथी एवं मौसम के संभावित खतरों के बीच धान की रखवाली कर रहे।
जानें क्या कहते हैं किसान👇
👉लिमिट बढ़ाएं ,तभी कटेगा टोकन

मैं प्रतिवर्ष शासन को समर्थन मूल्य पर धान बेच रहा। इस वर्ष मेरे बिक्री रकबे में कटौती करने से जहाँ 205 की जगह 183 क्विंटल ही धान बेच सकूंगा ,वहीं खरीदी लिमिट 800 क्विंटल से अधिक बढ़ाया जाए तभी हमारा टोकन कट पाएगा। शासन को धान बेच पाएंगे।
रमेश कुमार ,भेलवाडीह
👉त्रुटिपूर्ण रकबा ,182 क्विंटल को 102 कर दिया,संशोधन की दरकार

मैं गतवर्ष शासन को 182 क्विंटल धान बेचा था इस वर्ष आंख मूंदकर गिरदावरी करने की वजह से मेरा बिक्री रकबा 102 क्विंटल कर दिया गया। साथ ही लिमिट नहीं बढ़ने से टोकन नहीं मिल रहा। तत्काल व्यवस्था सुधार की दरकार है।
यशवंत कुमार साहू ,भेलवाडीह
👉लिमिट कम होने से मेरा टोकन नहीं कट पाया

मैं भी प्रतिवर्ष शासन को समर्थन मूल्य पर धान बेचते आ रहा । आज भी समिति में टोकन कटवाने आया था। बताया गया कि खरीदी की लिमिट कम है मेरा टोकन नहीं कट सकेगा। सरकार से गुजारिश है कि यह अव्यवस्था तत्काल दुरुस्त करे।
दीपक दास ,ठरकपुर
👉बिलासपुर से आया था टोकन नहीं कटने से वापस लौट रहा

समिति स्तर पर धान खरीदी की लिमिट तत्काल बढ़ाई जाए,मैं प्रतिवर्ष धान बेचने तिलकेजा आता हूँ ,अभी वर्तमान में बिलासपुर से आया था लेकिन यहाँ आने पर लिमिट कम होने की वजह से निराश वापस लौटना पड़ रहा। खरीदी लिमिट बढ़ानी चाहिए।
गोपाल सिंह कंवर ,भैसमा
वर्जन
मांग आने पर बढ़ाई जाएगी खरीदी लिमिट ,उठाव को दी जा रही प्राथमिकता
समिति की धान खरीदी लिमिट हाल ही में बढ़ाई गई है,जहाँ से और मांग आएंगे स्थिति का जायजा लेकर खरीदी लिमिट बढ़ाई जाएगी। उठाव कार्य में भी जो दिक्कतें थी दुरुस्त कर ली गई है। दो अनुपात एक में एफसीआई एवं नॉन के लिए ऑनलाइन डीओ रिक्वेस्ट स्वीकार किए जा रहे। हाथी प्रभावित क्षेत्रों से धान का प्राथमिकता से उठाव किया जा रहा है।
ऋतुराज देवांगन,डीएमओ कोरबा
