राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फर्जी पत्र लिखने का मामला सामने आया है। इस पत्र में बिहार चुनाव के चलते पीएम मोदी व्यस्तता और अन्य राजनीतिक मसलों का जिक्र किया गया है। साथ ही, ज्योतिरादित्य सिंधिया के फर्जी हस्ताक्षर भी किए गए हैं। इस मसले पर सिंधिया से बातचीत की गई तो उन्होंने पत्र को फर्जी करार दिया, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
यह है मामला
बता दें कि सोशल मीडिया पर भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा लिखे एक पत्र की तस्वीर काफी वायरल हो रही है। कहा जा रहा है कि सिंधिया ने यह पत्र पीएम मोदी को लिखा, जिसमें बीजेपी नेताओं द्वारा अपमानित करने का जिक्र है। साथ ही, प्रधानमंत्री से मुलाकात न होने की बात भी कही गई।
पत्र में लिखी थीं ये बातें
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस पत्र में लिखा है। ‘आदरणीय नरेंद्र मोदी जी, मैंने दिल्ली आकर आपसे बात करने की कोशिश की परन्तु आपके स्वास्थ्य एवं बिहार चुनाव की व्यस्तता के चलते आप समय नहीं दे सके। दूरभाष पर चर्चा करने का संदेश मिला था परन्तु मैंने दूरभाष पर चर्चा करने की बजाय आपको यह गोपनीय पत्र लिखना उचित समझा।’
‘पिछले महीने मैंने मोहन भागवत जी को संघ एवं स्थानीय बीजेपी नेताओं द्वारा किए जा रहे असहयोग एवं मेरे समर्थक प्रत्याशियों के विरोध की विस्तृत जानकारी दी थी, अफसोस के साथ लिखना पड़ रहा है समस्या समाप्त होने की बजाय और अधिक बढ़ गयी है। बीजेपी के चुनाव रथ और प्रचार सामग्री से मेरी तस्वीर हटाकर एवं स्टार प्रचारकों की सूची में मुझे दसवें स्थान पर रखकर बीजेपी नेताओं ने न केवल मुझे अपमानित किया है बल्कि सिंधिया घराने के मान-सम्मान को चोट पहुंचाई है।’
‘नरेंद्र तोमर जी, बीडी शर्मा जी एवं नरोत्तम मिश्रा जी द्वारा उपचुनाव में कांग्रेस के पक्ष में कार्य किया जा रहा है वहीं बीजेपी के अन्य नेता इस उपचुनाव से दूरी बना चुके हैं। नरोत्तम मिश्रा जी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर सन्देश दे रहे हैं कि उन्हें केवल एक सीट इसलिए 27 सीटों पर बीजेपी कार्यकर्ता कार्य नहीं करें। इन हालातों ने अब इस चुनाव को सीधे तौर पर सिंधिया परिवार की लड़ाई बनाकर रख दिया है। मुझे खुद अब कहना पड़ रहा है कि यह मेरी लड़ाई है और जनता मुझे देखकर वोट दे।’
‘मुझे केंद्र में मंत्री बनाने का आपका वादा अब तक लंबित है। मैं अनुग्रहीत होऊंगा यदि आप मेरी जगह पर शिवराज सिंह चौहान जी को केंद्र में मंत्री बना दें और मुझे मध्यप्रदेश की कमान सौंप दें ताकि मैं सभी विरोधियों की जवाब दे सकूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं मध्यप्रदेश की कमान संभालते ही बीजेपी के सभी बिगड़ैल नेताओं को ठीक कर दूंगा। शुभकामनाओं सहित।’
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
सोशल मीडिया पर पत्र वायरल हुआ तो सिंधिया के निजी सचिव तक पहुंच गया। उन्होंने इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया से चर्चा की। जब उन्होंने इस तरह का कोई भी पत्र नहीं लिखने की बात कही तो पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल ने मामले की जानकारी ग्वालियर एसपी को दी। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत केस दर्ज कर लिया। गौरतलब है कि इन दिनों मध्य प्रदेश में उपचुनाव का माहौल है। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कमल नाथ के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है।