चौपाटी के गढकलेवा कैंटीन में लगी आग ,मची अफरातफरी

शार्ट सर्किट बताई जा रही वजह ,बंद कैंटीन में सिलेंडर से बनता है पकवान ,आग बुझाने के नहीं थे कोई उपाय ,कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पाया गया काबू

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । घण्टाघर स्थित चौपाटी में रात 8 बजे एक बड़ा हादसा होते होते टला है । सर्वमंगला महिला स्व सहायता समूह वार्ड क्रमांक 20 काशीनगर के कैंटीन में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई । देखते ही देखते कैंटीन में आग की तेज लपटें उठने लगी । इस दौरान लोगों के ऑर्डर पर पकवान बना रही समूह की महिलाएं किसी तरह जान बचाकर चिल्लाते हुए वहाँ से निकलीं। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

घटना रात 8 बजे की है नगर निगम द्वारा बनाए गए नवनिर्मित चौपाटी में हमेशा की तरह सैकड़ों दुकानें सजी थी । लोग अपने मन पसंद लजीज पकवान जायकेदार जंक फूड ,नॉनवेज एवं आईसक्रीम का लुत्फ उठा रहे थे । इसी बीच वार्ड क्रमांक 20 काशीनगर की सर्वमंगला महिला स्व सहायता समूह द्वारा संचालित स्टाल क्रमांक 2 गढकलेवा की कैंटीन में आग लग गई । आग लगने की वजह शार्ट सर्किट बताई जा रही है । इस दौरान लोगों के ऑर्डर पर लजीज देशी पकवान बना रहीं समूह की महिलाएं चिल्लाते हुए बाहर निकलीं। चंद मिनटों में ही आग की तेज लपटों ने कैंटीन को अपनी गिरफ्त में ले लिया था ।जैसे ही कैंटीन से आग की तेज लपटें निकलने लगी ,अन्य खाद्य पदार्थों के ठेले में अपने मनपसन्द खाद्य पेय पदार्थ का सेवन कर रहे लोगों में भगदड़ मच गई । जैसे ही लोगों को पता चला कि अंदर 2 गैस सिलेंडर है जिससे पकवान बनाया जा रहा था लोग चौपाटी से भागने लगे। 5 मिनट में ही आधी चौपाटी खाली हो गई । इस बीच किसी तरहः युवाओं ने दरवाजा खोलकर गैस सिलेंडर को बाहर निकाला तब जाकर लोगों सहित अन्य ठेले वालों की जान में जान आई । निश्चित तौर पर चौपाटी में एक बड़ा हादसा होते होते टल गया । नहीं तो सैकड़ों हजारों की जिंदगी दांव पर लग गई थी ।

आग बुझाने के नहीं है कोई उपाय

चौपाटी जैसे संवेदनशील जगह में निगम प्रशासन किस तरह लापरवाह है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहाँ आग बुझाने के कोई साधन नहीं है । जबकि एक फायर ब्रिगेड को चौपाटी के पास होना चाहिए । ताकि एक बड़ा हादसा को रोका जा सके । यही नहीं प्रत्येक ठेलों एक फायर किट होना चाहिए जिससे कि आग पर तुरन्त काबू पाया जा सके । चौपाटी में विरुद्ध तरीके से प्रतिबंधित घरेलू सिलेंडर का भी उपयोग हो रहा है । जिसकी जांच आवश्यक है । 112 की टीम भी मौके पर नहीं रहती ।