संपत्ति की चाह में छोटे भाई का उजाड़ डाला पूरा परिवार,अब बड़े भाई सपरिवार सलाखों के पीछे

भैसमा तिहरे हत्याकांड की पुलिस ने 12 घण्टे में सुलझा दी गुत्थी,भाभी ने भाई के साथ मिलकर हत्या की रची थी साजिश

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री ग्राम भैंसमा निवासी स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के कनिष्ठ पुत्र हरीश कंवर, उनकी पत्नी और पुत्री की बुधवार तड़के निर्मम हत्या की साजिश की गुत्थी पुलिस ने घटना के चंद घण्टे में ही सुलझा ली है। संपत्ति की चाह में ही बड़े भाई के परिवार ने अपने साले की मदद से छोटे भाई हरीश के पूरे परिवार की जघन्य हत्या कर मौत की नींद सुला दी है। इस हृदय विदारक घटना की साजिश किसी और ने नहीं बल्कि उसके बड़े भाई, भाभी और भतीजी ने मिलकर रची थी। पुलिस ने इस तिहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले मुख्य 2 आरोपियों सहित कुल 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के अनुसार हरीश कंवर (46 वर्ष ) के बड़े भाई हरभजन कंवर को बुधवार तड़के करीब 4 बजे उसकी पत्नी जो कि अपने मायके ग्राम सलिहाभांठा में योजनाबद्ध तरीके से पहले जाकर बेटी के साथ रह रही थी, उसने घर से बाहर निकलने का मैसेज मोबाइल पर भेजा। इसके बाद हरभजन बाहर निकला और कुंडी लगाकर चला गया। उसके बाहर निकलते ही हरभजन की पत्नी ने अपने भाई परमेश्वर जो कि घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूर बाजार स्थल पर मौजूद था उसे वारदात को अंजाम देने की सूचना दी। हरभजन के साले ने अपने साथी बेंदनझरिया निवासी रामप्रसाद मन्नेवार के साथ घर में प्रवेश किया और करीब डेढ़ फुट के कत्ता (धारदार तलवार ) से ताबड़तोड़ प्रहार किया। हरीश ने अपना बचाव करना चाहा और इस प्रयास में हत्यारे से संघर्ष भी हुआ जिसके कारण परमेश्वर जख्मी भी हुआ । अपने बचाव में संघर्ष करता हरीश नीचे गिर पड़ा और आरोपियों ने उसके सिर पर भारी वस्तु को पटक दिया गया। बिस्तर पर लेटी पत्नी सुमित्रा (35 वर्ष ) व इकलौती पुत्री आशी (5वर्ष) पर भी बड़े ही दर्दनाक तरीके से कत्ते से प्रहार सिर पर किया । जिसकी वजह से पिता व पुत्री का सिर पूरी तरह फट गया। पत्नी के चेहरे व गर्दन में हथियार से संघातिक वार किए गए। इसके बाद सुनियोजित तरीके से हरभजन घर लौटा और हत्या की खबर आम हुई।
सूचना मिलते ही मौक़े पर पुलिस के अधिकारी मातहतों, डॉग स्कवायड फोरेंसिक एक्सपर्ट के साथ पहुंच गए व आरोपियों की तलाश शुरू हुई। घटनास्थल के बाहर पड़ोसी के सीसीटीवी कैमरे को खंगालने पर दो लोग घर के भीतर घुसते नजर आए। इसी तरह खोजी डॉग बाघा घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूर बाजार लगने वाले स्थल पर मौजूद पेड़ के पास जाकर ठहरा और यहां से चीतापाली की ओर जाने वाले मार्ग पर आगे बढ़ा। इस संकेत का पुलिस ने पीछा किया और ग्राम ढोंगदरहा होते हुए सलिहाभांठा-नोनबिर्रा मार्ग तक पहुंचे। नोनबिर्रा तालाब डेम के पास जले हुए कपड़े के अवशेष मिले जिन्हें जब्त किया गया।पुलिस ने मामले में कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जिनमें हरभजन, उसकी पत्नी धनकुंवर ,नाबालिग पुत्री, मुख्य आरोपी साला परमेश्वर ,रामप्रसाद घटना में बाईक छुपाने में सहयोग करने वाले परमेश्वर के भाई सुरेंद्र सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है । घटना की पूरी जानकारी साझा करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने बताया कि पूरे वारदात की वजह,आपसी वैमनस्यता व संपत्ति का विवाद था।

दुर्घटना का बहाना बनाकर अस्पताल में भर्ती हो गया था परमेश्वर

पुलिस मिले कुछ अहम सुरागों के साथ घटना की तफ्तीश में जुटी ही थी कि प्रातः करीब 8 बजे पुलिस को यह पता चला कि हरभजन का साले परमेश्वर सुबह सड़क दुर्घटना में चोट लगने के बाद करतला सीएचसी में भर्ती है। पुलिस की शक की सुई पहले से ही घटना के पहलुओं को देखते हुए परिजनों की तरफ मुड़ रही थी ,परमेश्वर के सुबह ही अस्पताल में भर्ती होने की घटना की सूचना मिलने पर पुलिस की शक गहरी हो गई। पुलिस ने मार्ग में सड़क दुर्घटना की पतासाजी करते हुए टीम को करतला सीएचसी भेजा । जहाँ चिकित्सक परमेश्वर को टांका लगाकर उपचार कर रहे थे। जब पुलिस की टीम ने चिकित्सकों से परमेश्वर के चोट के निशान के संदर्भ में पूछा तो चिकित्सकों ने भी आंख व चेहरे के पास लगा चोट किसी हथियार से लगे होने का अंदेशा जताया। यहाँ से पुलिस परमेश्वर को अपने रिमांड में लेकर कड़ाई से पूछताछ शुरू कर दी। परमेश्वर ने नोनबिर्रा के पास जिस स्थल पर दुर्घटना होना बताया वहाँ भी खून के धब्बे नहीं मिले। साथ ही परमेश्वर के शरीर पर छोटे छोटे खून की बूंदे लगी मिली। जो हत्या करते वक्त लगी थी। पुलिस ने परमेश्वर के फोन जो डिस्चार्ज हो चुका था उसे कब्जे में लेकर चार्ज कर सीडीआर निकालकर ट्रू कॉलर से चेक किया तो यह पता चला कि उसके फोन से 10 -12 मिनट के चैट हुए हैं। जिस फोन से चैट हुए हैं वो उसकी बहन धनकुंवर की है। धनकुंवर ने अपनी नाबालिग बेटी के जरिए उसे चैट कर गेट खुला है कहकर मैसेज सेंड किया था। पुलिस ने शक यकीन में बदलने के बाद कड़ाई से पूछताछ की तो परमेश्वर टूट गया। उसने साथी के साथ मिलकर हत्या करना कबूल कर लिया।

दूसरा आरोपी जिले से बाहर भाग रहा था ,लबेद बेरियर में पकड़ाया

जघन्य वारदात को अंजाम देने के बाद हथियार को छुपाने के बाद दोनों आरोपी सुबह 6.30 बजे अलग -अलग हो गए थे । इसी बीच रामप्रसाद चोरी छिपे जिले की सीमा को क्रॉस कर जांजगीर जिले की सीमा में प्रवेश कर भागने की फिराक में था। लॉक डाउन की वजह से पहले से ही लबेद में चेकपोस्ट बना हुआ था। पुलिस ने आरोपी की फ़ोटो देकर टीम को अलर्ट कर दिया था। जैसे ही रामप्रसाद चेकपोस्ट से जांजगीर की सीमा में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था। पुलिस के जवानों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। रामप्रसाद की निशानदेही पर ही पुलिस को नोनबिर्रा के तालाब से घटना में प्रयुक्त होने वाले हथियार मिले । जिसे परमेश्वर बताने में लगातार पुलिस को गुमराह कर रहा था। पुलिस ने घटना के दौरान पहले आरोपियों के खून से सने कपड़ों को भी बरामद कर लिया। जिसे उन्होंने जलाने का प्रयास किया था।

आर्थिक मामलों में हरीश की चलती थी ,अपमानित महसूस करता था हरभजन का परिवार

खून के रिश्तों को शर्मसार करने वाली घटना में साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार होने के बाद मृतक हरीश के बड़े भाई हरभजन ,घटना की मास्टर माइंड पत्नी धनकुंवर ने पुलिस को बयान में बताया है कि आर्थिक मामलों में हमेशा हरीश की चलती थी। संपत्ति व आय का पूरा स्रोत हरीश के पास था। वे उनके परिवार को हरीश पैसे नहीं देते थे। बेटी के एडमिशन के दौरान भी हरीश ने सहयोग नहीं किया। जिससे हरभजन का परिवार अपमानित महसूस करता था। महिलाओं में साल भर से बातचीत नहीं हो रही थी। यही नहीं मुख्य आरोपी परमेश्वर का भी कहना था कि हरीश ने उससे भी पैसे लिए थे लेकिन नहीं लौटा रहा था।इसलिए बहन के प्लान के अनुसार उसने साथी के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। ताकि हरीश के हिस्से की पूरी सम्पत्ति दीदी जीजा के नाम हो जाए।

बुजुर्ग मां पर नहीं किया हमला ,पुलिस को यहीं से मिला सुराग

भाई से भले ही हरभजन का वैमनस्यता था लेकिन मां के प्रति पूरा प्यार और सम्मान था । यही वजह है कि साले को सुपारी देते समय हरभजन और उसकी पत्नी ने मां को नुकसान नहीं पहुंचाने की चेतावनी दी थी। आरोपियों ने भी हरीश की वृद्ध मां जो ढंग से देख सुन नहीं सकती थी उसे नुकसान नहीं पहुंचाया। हत्या के बाद चिल्लाने पर उन्हें सिर्फ धक्का देकर भाग निकले। आरोपियों के इसी सॉफ्ट नेचर को पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस को यह समझने में देर नहीं लगी थी कि हत्यारे कोई करीबी ही हैं। जो हरीश व उसके परिवार से पूर्व परिचित है तभी उसने हरीश की मां को जीवित छोंड़ दिया ।

3 दिन पहले भी रची थी साजिश,आवाज आने से सफल नहीं हो सके थे

घटना पूर्व नियोजित थी। इसके पूर्व भी 18 अप्रैल को आरोपी घटना को अंजाम देने आए थे। रात 2 बजे से बाईक में आकर रेकी कर रहे थे। लेकिन उस दिन घर से आवाज आने की वजह से आरोपी हत्याकांड को अंजाम नहीं दे सके थे। जिसके बाद 21 अप्रैल को आरोपियों ने पुनः घटना को अंजाम दिया। जिसमें वे सफल रहे। लेकिन कड़ी चौकसी और अपनी लापरवाही की वजह से पुलिस के हत्थे चढ़ गए।