कोरबा ब्लॉक के 4 पंचायतों में 4 साल पूर्व 269 हितग्राहियों के लिए स्वीकृत शौचालय निर्माण में गड़बड़ी ,अब होगी रिकवरी,सरपंच -सचिव डकार गए राशि ,कागजों में निर्मल ग्राम
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा (भुवनेश्वर महतो ) । खुले में शौच की प्रवित्ति को रोकने स्वच्छ भारत मिशन के तहत हितग्राहियों के यहाँ शौचालय तैयार कर निर्मल ग्राम बनाने की मंशा को 4 पंचायतों ने पानी फेर दिया है। 117 हितग्राहियों के यहाँ कागजों में शौचालय तैयार कर दिए तो वहीं 141 हितग्राहियों के यहाँ अमानक शौचालय बना दिए। अब 269 शौचालय निर्माण में गड़बड़ी करने वाले तत्कालीन सरपंच सचिवों से 32 लाख 40 हजार रुपए की रिकवरी होगी। जनपद सीईओ ने इसके लिए प्रकरण एसडीएम को सौंप दिया है ।इधर शौचालय के अभाव में हितग्राही खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
यहाँ बताना होगा कि भारत सरकार राज्य सरकारों की सहयोग से पिछले डेढ़ दशक से लोगों की खुले में शौच की प्रवित्ति को रोकने विभिन्न अभियानों के माध्यम से शौचालय निर्माण में जुटा हुआ है । समय के साथ अभियान का नाम सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान से स्वच्छ भारत मिशन में जरूर बदल गया है पर सरकार की मंशा आज भी लोगों के यहाँ शत प्रतिशत शौचालय तैयार कर उनकी खुले में शौच की प्रवित्ति को रोककर विभिन्न बीमारियों से बचाने की है। साथ ही इस अभियान की मंशा बहू -बेटियों को सामाजिक सम्मान प्रदान करने की भी है।स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत वित्तीय वर्ष 2016 -17 में भी जिले में बड़े पैमाने पर शौचालय स्वीकृत की गई । हितग्राहियों के नाम से स्वीकृत शौचालय की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायतों को बनाया गया था। कागजों में भले ही शत प्रतिशत शौचालय तैयार कर आंकड़े केंद्र शासन को भेजकर जिले ने निर्मल जिले ,निर्मल ब्लाक ,निर्मल ग्राम का पुरुस्कार हासिल कर लिया हो पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं । कई पँचायतें ऐसी हैं जहाँ कागजों में शौचालय तैयार कर दिए गए हैं। तो कहीं गुणवत्ता हीन अमानक शौचालय तैयार कर दिए गए हैं। ऐसे ही जनपद पंचायत कोरबा के अंतर्गत आने वाले 4 ग्राम पंचायतों की गड़बड़ी 4 साल बाद उजागर हुई है । ग्राम पंचायत मदनपुर ,पसरखेत ,कछार एवं फुलसरी में वित्तीय वर्ष 2016 -17 में स्वीकृत 269 शौचालयों में तत्कालीन सरपंच सचिवों ने वित्तीय अनियमितता की है। 12 हजार रुपए प्रति हितग्राही की दर से शौचालय तैयार करने राशि पँचायत के खाते में जारी की गई थी। जबकि 14 लाख 4 हजार के 117 शौचालय तैयार ही नहीं हुए।वहीं 16 लाख 92 हजार के 141 शौचालयों में तकनीकी खामियां पाई गई हैं। इसी तरह हितग्राही द्वारा निर्मित 1 लाख 56 हजार के 13 नग शौचालयों में भी गड़बड़ी पाई गई है। पहले से जिस हितग्राही के यहाँ अन्य योजनाओं के तहत शौचालय तैयार किया गया था उसे भी पूर्ण बता दिया गया है। इस तरह कुल 269 नग शौचालय तैयार करने के नाम में भ्रष्टाचार किया गया है । जनपद सीईओ गोपाल मिश्रा ने शासकीय राशि का गबन कर शासन की मंशा पर पानी फेरने वाले तत्कालीन सरपंच सचिवों से शौचालय निर्माण की 32 लाख 40 हजार रुपए की रिकवरी करने प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा के कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया है। जल्द ही एसडीएम कोर्ट से सम्बन्धितों को पंचायती राज अधिनियम 1993 में निहित प्रावधानों के तहत आरआरसी वसूली के लिए नोटिस जारी होगी।
इनसे होगी रिकवरी
शौचालय निर्माण में गड़बड़ी करने वाले तत्कालीन सरपंच सचिवों से 32 लाख 40 हजार रुपए शासकीय राशि की रिकवरी होगी। ग्राम पंचायत मदनपुर से तत्कालीन सरपंच श्रीमती चन्द्रोबाई एवं सचिव कैलाश कुमार राठिया से रिकवरी होगी। ग्राम पंचायत पसरखेत से तत्कालीन सरपंच सीताराम राठिया एवं सचिव परदेशी राम निषाद से रिकवरी होगी।
ग्राम पंचायत कछार से तत्कालीन सरपंच जगेश्वर सिंह कंवर सहित जिम्मेदार तीनों सचिवों बदन सिंह कंवर,संवित साहू,कृष्ण कुमार तंवर से रिकवरी होगी। इसी तरह ग्राम फुलसरी से तत्कालीन सरपंच झुलाई कंवर सचिव रामप्रसाद यादव से रिकवरी होगी।
सिमकेंदा में 32 लाख के 272 नग शौचालय गायब होने की शिकायत ,जांच के आदेश
शौचालय निर्माण में एक तरफ जहां अनियमितता प्रमाणित होने के बाद सम्बन्धितों से रिकवरी की तैयारी की जा रही है। वहीं दूसरी ओर शौचालय निर्माण में उसी वित्तीय वर्ष से अन्य पंचायतों की भी शिकायतें सामने आ रही हैं। एक ऐसा ही शिकायत कोरबा ब्लाक के ग्राम पंचायत सिमकेंदा से प्राप्त हुआ है । सामाजिक कार्यकर्ता बिहारी लाल सोनी की मानें तो यहाँ वित्तीय वर्ष 2016-17 में स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम )से 248 एवं सीएसआर मद से 170 कुल 418 नग शौचालय स्वीकृत हुए थे। जिसमें से महज 146 हितग्राहियों के यहाँ ही शौचालय तैयार हुए। अभी भी 272 हितग्राहियों के यहाँ शौचालय नहीं बने। जबकि निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत के खाते सभी स्वीकृत शौचालय की पूरी राशि आहरित हो चुकी है। तत्कालीन सरपंच सचिवों ने इस हैरान कर देने वाली वित्तीय गड़बड़ी को अंजाम दिया है । शिकायतकर्ता श्री सोनी के मुताबिक सभी हितग्राहियों से प्रत्यक्ष संपर्क कर भौतिक स्थिति का अवलोकन करने से यह बात सामने आई है। मामले की गम्भीरता को देखते हुए जनपद सीईओ ने प्रकरण में जाँच का आदेश दिया है । अगर शिकायत प्रमाणित पाई गई तो तत्कालीन सरपंच सचिवों ने 12 हजार की दर से 32 लाख 64 हजार का वारा न्यारा कर दिया है। जिले में हाल के वर्षों में यह सबसे बड़ी शौचालय निर्माण घोटाला साबित होगा।
तो विशेष टीम बनाकर पूरे जिले में स्वीकृत शौचालयों की जांच हो
निश्चित तौर पर जिस तरह वित्तीय वर्ष 2016 -17 में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत शौचालय निर्माण के लिए जारी की गई राशि के दुरुपयोग की शिकायतें व जांच के बाद प्रमाणिकता सामने आ रही है उसने तकनीकी अमले सहित मॉनिटरिंग अधिकारियों की भूमिका पर सवालिया निशान लगा दिया है। केन्द्रीयकृत योजना के तहत मिले राशि से हितग्राहियों को लाभान्वित किए जाने की जगह राशि का बंदरबाट किया गया है ।इतनी बड़ी गड़बड़ी को बिना उच्च अधिकारियों के प्रश्रय मिले बिना जमीनी स्तर पर सरपंच सचिव अंजाम नहीं दे सकते। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए निश्चित तौर पर जनपद पंचायत कोरबा ही नहीं जिले के सभी ग्राम पंचायतों में स्वीकृत शौचालय निर्माण की दूसरे विभागों की संयुक्त टीम गठित कर जांच किए जाने की आवश्यकता है। कमीशनखोरी एवं भ्रस्टाचार के इस खेल में गरीब हितग्राही मजबूरन हाथ में लोटा लेकर खुले में शौच जाने के लिए विवश हैं। निर्मल जिला का तमगा हासिल कर चुके जिले की भी छवि धूमिल हो रही है।
पँचायत वार गड़बड़ी एक नजर में
पंचायत /स्वीकृत शौचालय / तकनीकी खामियां /अप्रारंभ/हितग्राही द्वारा गड़बड़ी /रिकवरी योग्य राशि
मदनपुर -112 – 63 – 43 – 06 – 13,44,000 .00
पसरखेत – 33 – 25 – 07- 03- 4,08,000.00
कछार – 94 – 45 – 45 – 04 -11,28,000.00
फुलसरी – 30 – 08 – 22 -00- 3 ,60,000.00
योग -269 -141-117 – 13 -32,40000.00
वर्जन
प्रकरण में जिम्मेदारों से होगी रिकवरी
पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 में स्वीकृत शौचालय निर्माण में अनियमितता पाई गई है। खामियों के आधार पर जिम्मेदारों से आरआरसी वसूली के लिए प्रकरण एसडीएम कोर्ट भेज दिया है। सिमकेंदा के प्रकरण में भी जाँच के आदेश दिए हैं।
गोपाल मिश्रा ,सीईओ ,जनपद पंचायत कोरबा